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कैट ने ऊंचे हवाई किरायों पर जतायी चिंता, रखी मूल्य नियंत्रण लागू करने की मांग

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Published : May 9, 2019, 10:26 PM IST

कैट ने सुझाव दिया है कि हवाई किरायों पर नियंत्रण रखने के लिए एक मूल्य नियंत्रण तंत्र विकसित किया जाए जो एयरलाइंस के किराये की ऊपरी सीमा को नियंत्रित रखे.

कैट ने ऊंचे हवाई किरायों पर जतायी चिंता, रखी मूल्य नियंत्रण लागू करने की मांग

नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने विमान किरायों में भारी बढ़ोतरी पर चिंता जतायी है. कैट ने इस बारे में नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को दिए ज्ञापन में कहा कि जेट एयरवेज द्वारा परिचालन बंद होने के बाद विभिन्न एयरलाइन कंपनियों ने किराये में अत्यधिक वृद्धि की है जो किफायती मूल्य निर्धारण के सिद्धांत के खिलाफ है.

जेट एयरवेज पर 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. बैंकों से किसी तरह की मदद नहीं मिलने के बाद एयरलाइन ने अपना परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.

ये भी पढ़ें- रिजर्व बैंक ने आईएल एंड एफएस को लेकर बैंकों को जारी परपित्र वापस लिया

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने ज्ञापन में कहा है कि पिछले कुछ महीनों में देश भर में हवाई यात्रा के किराये में अचानक अत्यधिक वृद्धि हुई है जो गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि यह न केवल एक आम नागरिक पर बोझ बढ़ाता है बल्कि व्यापार के विकास के लिए एक गंभीर बाधा है. यह मौजूदा स्थिति मांग आधारित (डायनामिक) किराया प्रणाली के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ भी है.

कैट ने सुझाव दिया है कि हवाई किरायों पर नियंत्रण रखने के लिए एक मूल्य नियंत्रण तंत्र विकसित किया जाए जो एयरलाइंस के किराये की ऊपरी सीमा को नियंत्रित रखे.

नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने विमान किरायों में भारी बढ़ोतरी पर चिंता जतायी है. कैट ने इस बारे में नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को दिए ज्ञापन में कहा कि जेट एयरवेज द्वारा परिचालन बंद होने के बाद विभिन्न एयरलाइन कंपनियों ने किराये में अत्यधिक वृद्धि की है जो किफायती मूल्य निर्धारण के सिद्धांत के खिलाफ है.

जेट एयरवेज पर 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. बैंकों से किसी तरह की मदद नहीं मिलने के बाद एयरलाइन ने अपना परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.

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कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने ज्ञापन में कहा है कि पिछले कुछ महीनों में देश भर में हवाई यात्रा के किराये में अचानक अत्यधिक वृद्धि हुई है जो गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि यह न केवल एक आम नागरिक पर बोझ बढ़ाता है बल्कि व्यापार के विकास के लिए एक गंभीर बाधा है. यह मौजूदा स्थिति मांग आधारित (डायनामिक) किराया प्रणाली के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ भी है.

कैट ने सुझाव दिया है कि हवाई किरायों पर नियंत्रण रखने के लिए एक मूल्य नियंत्रण तंत्र विकसित किया जाए जो एयरलाइंस के किराये की ऊपरी सीमा को नियंत्रित रखे.

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कैट ने ऊंचे हवाई किरायों पर जतायी चिंता, रखी मूल्य नियंत्रण लागू करने की मांग

नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने विमान किरायों में भारी बढ़ोतरी पर चिंता जतायी है. कैट ने इस बारे में नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को दिए ज्ञापन में कहा कि जेट एयरवेज द्वारा परिचालन बंद होने के बाद विभिन्न एयरलाइन कंपनियों ने किराये में अत्यधिक वृद्धि की है जो किफायती मूल्य निर्धारण के सिद्धांत के खिलाफ है. 

जेट एयरवेज पर 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. बैंकों से किसी तरह की मदद नहीं मिलने के बाद एयरलाइन ने अपना परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.

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कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने ज्ञापन में कहा है कि पिछले कुछ महीनों में देश भर में हवाई यात्रा के किराये में अचानक अत्यधिक वृद्धि हुई है जो गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि यह न केवल एक आम नागरिक पर बोझ बढ़ाता है बल्कि व्यापार के विकास के लिए एक गंभीर बाधा है. यह मौजूदा स्थिति मांग आधारित (डायनामिक) किराया प्रणाली के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ भी है. 

कैट ने सुझाव दिया है कि हवाई किरायों पर नियंत्रण रखने के लिए एक मूल्य नियंत्रण तंत्र विकसित किया जाए जो एयरलाइंस के किराये की ऊपरी सीमा को नियंत्रित रखे. 


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