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कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 अक्टूबर 2020 तक बढ़ाया

कैबिनेट की बैठक में 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल बढ़ाने को मंजूरी मिली, अक्टूबर 2020 तक 15वां वित्त आयोग सौंपेगा रिपोर्ट.

कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 अक्तूबर 2020 तक बढ़ाया
कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 अक्तूबर 2020 तक बढ़ाया
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Published : Nov 27, 2019, 12:10 PM IST

Updated : Nov 27, 2019, 3:38 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है. वित्त आयोग कर राजस्व और दूसरे संसाधनों का केन्द्र और राज्यों के बीच बंटवारे के बारे में अपने सुझाव के साथ केन्द्र को रिपोर्ट सौंपता है.

एक अधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, "केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग को अपनी पहली रिपोर्ट पहले वित्त वर्ष 2020- 21 के लिये सौंपने की मंजूरी दी है. उसके बाद आयोग के कार्यकाल को बढ़ाते हुये उसे 30 अक्टूबर 2020 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट 2021- 22 से लेकर 2025- 26 तक के लिये देने को कहा है."

ये भी पढ़ें- अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र नहीं लाएगी सरकार: वित्तमंत्री

आयोग का कार्यकाल मूलरूप से अक्टूबर 2019 तक था लेकिन बाद में इसे एक महीना बढ़ाकर 30 नवंबर 2019 तक कर दिया गया. वक्तव्य में कहा गया है कि वित्त आयोग का कार्यकाल बढ़ने से उसे 2020- 2026 की अवधि के लिये रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में सहूलियत होगी. इस दौरान आयोग नये आर्थिक सुधारों और वास्तविकताओं के मद्देनजर वित्तीय अनुमानों के लिये विभिन्न तुलनात्मक अनुमानों का परीक्षण कर सकेगा.

वक्तव्य में कहा गया है, "चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से कई तरह के प्रतिबंध लगे होने के कारण आयोग विभिन्न राज्यों की दौरा हाल ही में पूरा कर पाया. इससे आयोग द्वारा राज्यों की जरूरतों का विस्तृत आकलन करने पर असर पड़ा है."

इसमें कहा गया है कि आयोग को जो काम दिया गया है वह व्यापक क्षेत्र में फैला है. इसमें कहा है, "इनके प्रभाव की व्यापक जांच परख करने और उन्हें राज्यों और केन्द्र सरकार की जरूरतों के साथ जोड़कर देखने में अतिरिक्त समय की जरूरत होगी."

वक्तव्य में आगे कहा गया है, "आयोग को एक अप्रैल 2021 के बाद पांच साल की अवधि मिलने से राज्यों और केन्द्र सरकार दोनों को मध्यम और दीर्घकालिक वित्तीय संभावनाओं को ध्यान में रखते हुये अपनी योजनायें तैयार करने में मदद मिलेगी और इस दौरान उन्हें बीच में मूल्यांकन करने और सुधार करने के लिये भी उपयुक्त समय मिल जायेगा."

नई दिल्ली: सरकार ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है. वित्त आयोग कर राजस्व और दूसरे संसाधनों का केन्द्र और राज्यों के बीच बंटवारे के बारे में अपने सुझाव के साथ केन्द्र को रिपोर्ट सौंपता है.

एक अधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, "केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग को अपनी पहली रिपोर्ट पहले वित्त वर्ष 2020- 21 के लिये सौंपने की मंजूरी दी है. उसके बाद आयोग के कार्यकाल को बढ़ाते हुये उसे 30 अक्टूबर 2020 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट 2021- 22 से लेकर 2025- 26 तक के लिये देने को कहा है."

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आयोग का कार्यकाल मूलरूप से अक्टूबर 2019 तक था लेकिन बाद में इसे एक महीना बढ़ाकर 30 नवंबर 2019 तक कर दिया गया. वक्तव्य में कहा गया है कि वित्त आयोग का कार्यकाल बढ़ने से उसे 2020- 2026 की अवधि के लिये रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में सहूलियत होगी. इस दौरान आयोग नये आर्थिक सुधारों और वास्तविकताओं के मद्देनजर वित्तीय अनुमानों के लिये विभिन्न तुलनात्मक अनुमानों का परीक्षण कर सकेगा.

वक्तव्य में कहा गया है, "चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से कई तरह के प्रतिबंध लगे होने के कारण आयोग विभिन्न राज्यों की दौरा हाल ही में पूरा कर पाया. इससे आयोग द्वारा राज्यों की जरूरतों का विस्तृत आकलन करने पर असर पड़ा है."

इसमें कहा गया है कि आयोग को जो काम दिया गया है वह व्यापक क्षेत्र में फैला है. इसमें कहा है, "इनके प्रभाव की व्यापक जांच परख करने और उन्हें राज्यों और केन्द्र सरकार की जरूरतों के साथ जोड़कर देखने में अतिरिक्त समय की जरूरत होगी."

वक्तव्य में आगे कहा गया है, "आयोग को एक अप्रैल 2021 के बाद पांच साल की अवधि मिलने से राज्यों और केन्द्र सरकार दोनों को मध्यम और दीर्घकालिक वित्तीय संभावनाओं को ध्यान में रखते हुये अपनी योजनायें तैयार करने में मदद मिलेगी और इस दौरान उन्हें बीच में मूल्यांकन करने और सुधार करने के लिये भी उपयुक्त समय मिल जायेगा."

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कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 अक्तूबर 2020 तक बढ़ाया

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज पहले वित्तीय वर्ष के लिए पहली रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 अक्तूबर 2020 तक बढ़ा दिया.

कार्यकाल के विस्तार से आयोग को 2020-2026 की अवधि के लिए अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए सुधारों और नई वास्तविकताओं को देखते हुए वित्तीय अनुमानों के लिए विभिन्न तुलनीय अनुमानों की जांच करने में सक्षम होगा.

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एक अप्रैल 2021 से परे आयोग के लिए पांच साल की कवरेज उपलब्ध कराने से राज्य और केंद्र सरकारों दोनों को मध्यम से लंबी अवधि के वित्तीय परिप्रेक्ष्य के साथ योजनाओं को डिजाइन करने और मध्य-पाठ्यक्रम मूल्यांकन और सुधार के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने में मदद मिलेगी. यह अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का प्रभाव पहली तिमाही 2020-21 के अंत तक डेटा में दिखाई देगा.

 


Conclusion:
Last Updated : Nov 27, 2019, 3:38 PM IST
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