नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में और संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. सरकार ने 12 दिसंबर को संहिता में संशोधन के लिए विधेयक लोकसभा में पेश किया था.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.
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लोकसभा में पेश विधेयक का मकसद अड़चनों को दूर करना और कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को सुसंगत बनाना है. इसमें सफल बोलीदाताओं को संबंधित कंपनियों के पूर्व प्रवर्तकों द्वारा किए गए किसी अपराध में आपराधिक प्रक्रियाओं से सुरक्षा मिलेगी.
मंत्रिमंडल ने दिवाला कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी - मंत्रिमंडल ने दिवाला कानून में और संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में और संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. सरकार ने 12 दिसंबर को संहिता में संशोधन के लिए विधेयक लोकसभा में पेश किया था.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.
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लोकसभा में पेश विधेयक का मकसद अड़चनों को दूर करना और कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को सुसंगत बनाना है. इसमें सफल बोलीदाताओं को संबंधित कंपनियों के पूर्व प्रवर्तकों द्वारा किए गए किसी अपराध में आपराधिक प्रक्रियाओं से सुरक्षा मिलेगी.
मंत्रिमंडल ने दिवाला कानून में और संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में और संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. सरकार ने 12 दिसंबर को संहिता में संशोधन के लिए विधेयक लोकसभा में पेश किया था.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.
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लोकसभा में पेश विधेयक का मकसद अड़चनों को दूर करना और कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को सुसंगत बनाना है. इसमें सफल बोलीदाताओं को संबंधित कंपनियों के पूर्व प्रवर्तकों द्वारा किए गए किसी अपराध में आपराधिक प्रक्रियाओं से सुरक्षा मिलेगी.
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