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बीएसई ने सूचना प्रकट न करने के लिए इन्फोसिस से मांगा स्पष्टीकरण

बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि, कंपनी ने व्हिसल-ब्लोअर शिकायत की रसीद के संबंध में सेबी के विनियमन 30, 2015 के तहत कोई खुलासा नहीं किया था.

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Published : Oct 23, 2019, 1:53 PM IST

बीएसई ने सूचना प्रकट न करने के लिए इन्फोसिस से स्पष्टीकरण मांगा

मुंबई: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने बुधवार को व्हिसल-ब्लोअर शिकायत के बारे में जानकारी प्रकट न करने के संदर्भ में इन्फोसिस से स्पष्टीकरण मांगा है.

बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि, कंपनी ने व्हिसल-ब्लोअर शिकायत की रसीद के संबंध में सेबी के विनियमन 30 (लिस्टिंग दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएँ) 2015 के तहत कोई खुलासा नहीं किया था.

व्हिसलब्लोअर शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कंपनी अनैतिक कार्यों का सहारा लेकर अल्पकालिक राजस्व और मुनाफे को बढ़ा रही थी. व्हिसलब्लोअर ने यह भी कहा कि उनके पास इन मामलों पर ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिंग थी.

ये भी पढ़ें- इन्फोसिस के खिलाफ अमेरिकी निवेशकों की ओर से सामूहिक मुकदमे की तैयारी

इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी ने मंगलवार को कहा कि, कंपनी की ऑडिट कमेटी के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ नीलांजन रॉय के खिलाफ व्हिसलब्लोअर के आरोपों की स्वतंत्र जांच करेगी.

इन्फोसिस के लिए मंगलवार पिछले छह वर्षों का सबसे खराब दिन था, क्योंकि निवेशकों ने हाल के कॉरपोरेट गवर्नेंस मुद्दों के कारण अपने फंड को निकाल लिया है. जिसके कारण इन्फोसिस के शेयरों में लगभग 17 प्रतिशत तक गिर गए.

मुंबई: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने बुधवार को व्हिसल-ब्लोअर शिकायत के बारे में जानकारी प्रकट न करने के संदर्भ में इन्फोसिस से स्पष्टीकरण मांगा है.

बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि, कंपनी ने व्हिसल-ब्लोअर शिकायत की रसीद के संबंध में सेबी के विनियमन 30 (लिस्टिंग दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएँ) 2015 के तहत कोई खुलासा नहीं किया था.

व्हिसलब्लोअर शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कंपनी अनैतिक कार्यों का सहारा लेकर अल्पकालिक राजस्व और मुनाफे को बढ़ा रही थी. व्हिसलब्लोअर ने यह भी कहा कि उनके पास इन मामलों पर ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिंग थी.

ये भी पढ़ें- इन्फोसिस के खिलाफ अमेरिकी निवेशकों की ओर से सामूहिक मुकदमे की तैयारी

इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी ने मंगलवार को कहा कि, कंपनी की ऑडिट कमेटी के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ नीलांजन रॉय के खिलाफ व्हिसलब्लोअर के आरोपों की स्वतंत्र जांच करेगी.

इन्फोसिस के लिए मंगलवार पिछले छह वर्षों का सबसे खराब दिन था, क्योंकि निवेशकों ने हाल के कॉरपोरेट गवर्नेंस मुद्दों के कारण अपने फंड को निकाल लिया है. जिसके कारण इन्फोसिस के शेयरों में लगभग 17 प्रतिशत तक गिर गए.

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Sensex, Nifty gain in early trade


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