नई दिल्ली: देश के आईटी प्रमुख अजीम प्रेमजी 30 जुलाई को विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत होंगे, लेकिन प्रेमजी बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक और संस्थापक अध्यक्ष के रूप में काम करते रहेंगे. कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में यह कहा.
अजीम प्रेमजी के बड़े बेटे रिशद प्रेमजी जो कि फिलहाल कंपनी में मुख्य रणनीति अधिकारी और एक बोर्ड सदस्य के रूप में कार्यरत हैं, कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभालेंगे.
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एक बयान में विप्रो ने कंपनी के शीर्ष डेस्क में हो रहे बदलावों की घोषणा करते हुए कहा, "भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग के अग्रणी और विप्रो लिमिटेड के संस्थापक में से एक, अजीम प्रेमजी, 53 साल के लिए कंपनी का नेतृत्व करने के बाद 30 जुलाई, 2019 को अपने वर्तमान कार्यकाल के पूरा होने पर कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त होंगे. हालांकि, वह बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक और संस्थापक अध्यक्ष के रूप में सेवा जारी रखेंगे."
बोर्ड ने यह भी घोषणा की है कि मुख्य कार्यकारी और कार्यकारी निदेशक अबिदाली जेड नीमचवाला को सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में फिर से नामित किया जाएगा.
कंपनी ने कहा, "ये बदलाव 31 जुलाई, 2019 से प्रभावी होंगे, शेयरधारक की मंजूरी के अधीन."
रिशद के पास नया नजरिया, विप्रो को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे: प्रेमजी
पचास साल तक कंपनी की बागडोर संभालने के बाद प्रेमजी जुलाई अंत में अपने बेटे रिशद प्रेमजी को कंपनी की कमान सौंपेंगे. प्रेमजी ने कहा कि रिशद ने सोच और अनुभव के नए तरीके पेश किए हैं. ये विप्रो को बहुत ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे. शीर्ष नेतृत्व में बदलाव के बाद रिशद ने कर्मचारियों को दिए संदेश में कहा कि विप्रो का भविष्य चमकदार है, जिसकी सबसे बड़ी ताकत उसके लोग (कर्मचारी) हैं.