मुंबई: घरेलू विमानन कंपनियों ने देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) की अवधि बढ़ने के बाद फिर एक बाद यह तय किया है वह यात्रा टिकट रद्द करने पर ग्राहकों को राशि नहीं लौटायेंगी बल्कि कंपनियों ने इसके एवज में उन्हें बिना अतिरिक्त शुल्क के नई तिथियों पर बुकिंग की सुविधा देने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की है. इससे पहले लगायी गयी 21 दिन की पाबंदी 14 अप्रैल को खत्म हो गई.
सार्वजनिक बंदी की वजह से देश में वाणिज्यिक यात्री विमानन सेवाओं पर भी रोक जारी है. विमानन कंपनियों ने 25 मार्च से 14 अप्रैल की अवधि के लिए बुक किए गए टिकटों की राशि लौटाने के बजाय ग्राहकों को बदली तिथियों पर टिकट बुक करने की सुविधा दी थी.
हालांकि, एअर इंडिया को छोड़कर अधिकतर विमानन कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद की अवधि के लिए घरेलू उड़ानों की बुकिंग जारी रखी थी. प्रधानमंत्री की मंगलवार की घोषणा के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों का परिचालन भी तीन मई तक बंद रहने की अधिसूचना जारी कर दी.
डीजीसीए ने कहा, "नागर विमानन मंत्रालय से मिले आदेश के अनुसार देश में तीन मई 2020 तक सभी तरह की उड़ानों का परिचालन बंद रहेगा."
विस्तार विमानन कंपनी के प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हम सार्वजनिक पाबंदी बढ़ने की अवधि से प्रभावित टिकटों की बुकिंग रद्द करने की प्रक्रिया में हैं. हम ग्राहकों को 31 दिसंबर 2020 तक नए तारीखों पर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के टिकट बुक करने की सुविधा देंगे."
हालांकि, एयरलाइन ने कहा है कि नई बुकिंग पर यात्रा किराये में यदि कोई अंतर आता है तो वह ग्राहक को देना होगा. गोएयर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ऐसी स्थिति के लिए पहले से तैयार है. उसने सोमवार को ही अपनी 'प्रोटेक्ट योर पीएनआर' योजना को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया था.
ये भी पढ़ें: कोविड- 19: माल, सेवा अनुबंध रद्द होने पर जीएसटी रिफंड के लिये दावा कर सकते हैं कारोबारी
कंपनी अपनी इस शुल्क मुक्त नयी तारीखों पर टिकट बुक करने की योजना की समीक्षा बाद में करेगी. विमानन परामर्श कंपनी "सेंटर फॉर एशिया-पैसेफिक एविएशन' (सीएपीए) ने पिछले हफ्ते सार्वजनिक पाबंदी पर किसी तरह की स्पष्टता के अभाव में टिकटों की बिक्री को 'ग्राहकों के साथ अनुचित' व्यवहार बताया था.
सीएपीए ने कहा कि इससे पहले किंगफिशर और जेट एयरवेज का परिचालन बंद होने से ग्राहकों को टिकट का पैसा वापस नहीं हो सका और उन्हें करोड़ों का चूना पहले ही लग चुका है.
(पीटीआई-भाषा)