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बीएस-4 डेडलाइन के आते ही ऑटो डीलर्स मुसीबत में पड़ गए - फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस

एम. सी. मेहता बनाम भारत सरकार एवं अन्य के मामले में शीर्ष अदालत ने देशभर में बीएस-4 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर एक अप्रैल 2020 के बाद रोक लगा दी है.

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बीएस-4 डेडलाइन के आते ही ऑटो डीलर्स मुसीबत में पड़ गए
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Published : Mar 17, 2020, 5:16 PM IST

नई दिल्ली: वाहन वितरकों के संगठन फाडा ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण मई अंत तक जारी रखने की छूट के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. फाडा चाहता है कि बीएस-4 प्रदूषण नियंत्रण मानक वाले वाहनों के बचे स्टॉक को बेचने के लिए कुछ और समय मिले.

एम. सी. मेहता बनाम भारत सरकार एवं अन्य के मामले में शीर्ष अदालत ने देशभर में बीएस-4 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर एक अप्रैल 2020 के बाद रोक लगा दी है.

प्रमुख चिंता - दोपहिया वाहन

कारों और यात्री वाहनों की तुलना में दोपहिया वाहनों के डीलरों को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के उपाध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने ईटीवी भारत से कहा कि देशभर में विभिन्न वाहन डीलरों के पास 8.35 लाख बीएस-4 दोपहिया वाहनों का स्टॉक बचा हुआ है. इसका मूल्य करीब 4,600 करोड़ रुपये है. यात्री वाहन और वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में स्थिति थोड़ी बेहतर है.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस: 80 रुपये से घटकर 10 रुपये प्रति किलो हुआ चिकन

जब बीएस-4 वाहनों को बीएस-6 मानकों में परिवर्तित करने की संभावना के बारे में पूछा गया, तो विंकेश ने कहा, "हमारी जानकारी के अनुसार, यह नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसमें चेसिस और बॉडी शेल में भी बदलाव शामिल हैं."

उपलब्ध विकल्प

विंकेश ने कहा, "बीएस-4 स्टॉक को अनसोल्ड करने के लिए तीन विकल्पों की खोज की जा सकती है."

"वाहन निर्माता स्टॉक को खत्म करने के लिए भारी छूट के समर्थन दे सकते हैं. अगर अब भी नहीं बेचा गया है, तो उन्हें वाहन वापस लेना चाहिए और बीएस-4 नॉर्म्स वाले देशों को निर्यात करना चाहिए."

अंतिम उपाय के रूप में, डीलरों को अपने नाम पर वाहनों को पंजीकृत करना होगा और सेकेंड हैंड के रूप में बेचना होगा.

नई दिल्ली: वाहन वितरकों के संगठन फाडा ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण मई अंत तक जारी रखने की छूट के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. फाडा चाहता है कि बीएस-4 प्रदूषण नियंत्रण मानक वाले वाहनों के बचे स्टॉक को बेचने के लिए कुछ और समय मिले.

एम. सी. मेहता बनाम भारत सरकार एवं अन्य के मामले में शीर्ष अदालत ने देशभर में बीएस-4 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर एक अप्रैल 2020 के बाद रोक लगा दी है.

प्रमुख चिंता - दोपहिया वाहन

कारों और यात्री वाहनों की तुलना में दोपहिया वाहनों के डीलरों को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के उपाध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने ईटीवी भारत से कहा कि देशभर में विभिन्न वाहन डीलरों के पास 8.35 लाख बीएस-4 दोपहिया वाहनों का स्टॉक बचा हुआ है. इसका मूल्य करीब 4,600 करोड़ रुपये है. यात्री वाहन और वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में स्थिति थोड़ी बेहतर है.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस: 80 रुपये से घटकर 10 रुपये प्रति किलो हुआ चिकन

जब बीएस-4 वाहनों को बीएस-6 मानकों में परिवर्तित करने की संभावना के बारे में पूछा गया, तो विंकेश ने कहा, "हमारी जानकारी के अनुसार, यह नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसमें चेसिस और बॉडी शेल में भी बदलाव शामिल हैं."

उपलब्ध विकल्प

विंकेश ने कहा, "बीएस-4 स्टॉक को अनसोल्ड करने के लिए तीन विकल्पों की खोज की जा सकती है."

"वाहन निर्माता स्टॉक को खत्म करने के लिए भारी छूट के समर्थन दे सकते हैं. अगर अब भी नहीं बेचा गया है, तो उन्हें वाहन वापस लेना चाहिए और बीएस-4 नॉर्म्स वाले देशों को निर्यात करना चाहिए."

अंतिम उपाय के रूप में, डीलरों को अपने नाम पर वाहनों को पंजीकृत करना होगा और सेकेंड हैंड के रूप में बेचना होगा.

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