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कामकाजी माताओं के लिये दफ्तरों में सहयोगात्मक माहौल बनाने की जरूरत: एसोचैम

एसोचैम के अध्यक्ष बी. के. गोयनका ने कहा कि दफ्तरों और कामकाज के अन्य स्थानों पर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के मद्देनजर एक अलग माहौल बनाने की जरूरत है. कामकाजी माताओं के लिये कार्यस्थलों के वातावरण को उनकी सुविधा के हिसाब से रूपान्तरित किये जाने और काम करने के घंटों में लचीलापन लाने की जरूरत है."

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Published : May 12, 2019, 12:43 PM IST

कामकाजी माताओं के लिये दफ्तरों में सहयोगात्मक माहौल बनाने की जरूरत: एसोचैम

लखनऊ: उद्योग मण्डल 'एसोचैम' ने अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस पर महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कामकाजी माताओं के लिये दफ्तरों में सहयोगात्मक माहौल बनाने की जरूरत पर जोर दिया है.

एसोचैम के अध्यक्ष बी. के. गोयनका ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा "दफ्तरों और कामकाज के अन्य स्थानों पर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के मद्देनजर एक अलग माहौल बनाने की जरूरत है. कामकाजी माताओं के लिये कार्यस्थलों के वातावरण को उनकी सुविधा के हिसाब से रूपान्तरित किये जाने और काम करने के घंटों में लचीलापन लाने की जरूरत है."

ये भी पढ़ें: टैरिफ बढ़ोतरी के बावजूद जारी रहेगी अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ता

उन्होंने कहा कि अनेक कम्पनियों ने कामकाजी माताओं की जरूरतों के हिसाब से अपने संचालनात्मक ढांचे को ढालने का काम शुरू कर दिया है. गोयनका ने कहा कि उनकी नजर में स्वस्थ समाज के निर्माण में महिला सशक्तीकरण बेहद जरूरी है. लिहाजा कुल श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना भी आवश्यक है.

पिछले पांच वर्षों के दौरान श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी का प्रतिशत 25 पर ही बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इस भागीदारी को बढ़ाने के लिये उन्हें कार्यस्थल पर अनुकूल माहौल दिया जाना चाहिये, ताकि वे अपनी मातृत्व सम्बन्धी जिम्मेदारियों और दफ्तर के दायित्वों के बीच संतुलन बना सकें.

एसोचैम अध्यक्ष ने कहा कि उनका संगठन आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिये अनेक कदम उठा रहा है. चैम्बर ने 'स्टार्ट-अप' योजना के तहत महिलाओं के क्षमता विकास तथा प्राविधिक प्रशिक्षण की दिशा में काम शुरू किये हैं.

लखनऊ: उद्योग मण्डल 'एसोचैम' ने अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस पर महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कामकाजी माताओं के लिये दफ्तरों में सहयोगात्मक माहौल बनाने की जरूरत पर जोर दिया है.

एसोचैम के अध्यक्ष बी. के. गोयनका ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा "दफ्तरों और कामकाज के अन्य स्थानों पर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के मद्देनजर एक अलग माहौल बनाने की जरूरत है. कामकाजी माताओं के लिये कार्यस्थलों के वातावरण को उनकी सुविधा के हिसाब से रूपान्तरित किये जाने और काम करने के घंटों में लचीलापन लाने की जरूरत है."

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उन्होंने कहा कि अनेक कम्पनियों ने कामकाजी माताओं की जरूरतों के हिसाब से अपने संचालनात्मक ढांचे को ढालने का काम शुरू कर दिया है. गोयनका ने कहा कि उनकी नजर में स्वस्थ समाज के निर्माण में महिला सशक्तीकरण बेहद जरूरी है. लिहाजा कुल श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना भी आवश्यक है.

पिछले पांच वर्षों के दौरान श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी का प्रतिशत 25 पर ही बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इस भागीदारी को बढ़ाने के लिये उन्हें कार्यस्थल पर अनुकूल माहौल दिया जाना चाहिये, ताकि वे अपनी मातृत्व सम्बन्धी जिम्मेदारियों और दफ्तर के दायित्वों के बीच संतुलन बना सकें.

एसोचैम अध्यक्ष ने कहा कि उनका संगठन आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिये अनेक कदम उठा रहा है. चैम्बर ने 'स्टार्ट-अप' योजना के तहत महिलाओं के क्षमता विकास तथा प्राविधिक प्रशिक्षण की दिशा में काम शुरू किये हैं.

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लखनऊ: उद्योग मण्डल 'एसोचैम' ने अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस पर महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कामकाजी माताओं के लिये दफ्तरों में सहयोगात्मक माहौल बनाने की जरूरत पर जोर दिया है.

एसोचैम के अध्यक्ष बी. के. गोयनका ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा "दफ्तरों और कामकाज के अन्य स्थानों पर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के मद्देनजर एक अलग माहौल बनाने की जरूरत है. कामकाजी माताओं के लिये कार्यस्थलों के वातावरण को उनकी सुविधा के हिसाब से रूपान्तरित किये जाने और काम करने के घंटों में लचीलापन लाने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि अनेक कम्पनियों ने कामकाजी माताओं की जरूरतों के हिसाब से अपने संचालनात्मक ढांचे को ढालने का काम शुरू कर दिया है. गोयनका ने कहा कि उनकी नजर में स्वस्थ समाज के निर्माण में महिला सशक्तीकरण बेहद जरूरी है. लिहाजा कुल श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना भी आवश्यक है.

पिछले पांच वर्षों के दौरान श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी का प्रतिशत 25 पर ही बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इस भागीदारी को बढ़ाने के लिये उन्हें कार्यस्थल पर अनुकूल माहौल दिया जाना चाहिये, ताकि वे अपनी मातृत्व सम्बन्धी जिम्मेदारियों और दफ्तर के दायित्वों के बीच संतुलन बना सकें.

एसोचैम अध्यक्ष ने कहा कि उनका संगठन आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिये अनेक कदम उठा रहा है. चैम्बर ने 'स्टार्ट-अप' योजना के तहत महिलाओं के क्षमता विकास तथा प्राविधिक प्रशिक्षण की दिशा में काम शुरू किये हैं.

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