नई दिल्ली : बाजार पर नजर रखने वाले विश्लेषकों ने वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की पहली तिमाही के परिणाम के बाद उसकी कमजोर स्थिति को लेकर आगाह किया है.
पहली तिमाही के परिणाम से कंपनी के उपयोगकर्ताओं की संख्या में गिरावट, प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में कमी, बिगड़ते नकदी प्रवाह एवं बही खाते संबंधी चिंताएं बढ़ने का संकेत मिलता है. कई विश्लेषकों ने कहा है कि आगामी भुगतान दायित्वों के बीच कंपनी की व्यवहार्यता के लिए सरकारी या नियामकीय मदद काफी 'महत्व' रखती है.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने नोट में कहा कि उसे वीआईएल के लिए ऊंचा जोखिम और काफी चिंता दिख रही है और बढ़ती अनिश्चितताओं के मद्देनजर, उसने वीआईएल के अनुमानों, रेटिंग और लक्ष्य मूल्य को आगे स्थिति स्पष्ट होने तक समीक्षा के तहत रखा है.
उसने तेजी से बिगड़ते नकदी प्रवाह और बढ़ती देनदारियों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि हमारा मानना है कि मौजूदा परिचालन से आगामी भुगतान दायित्वों के पूरा होने की संभावना नहीं है, और डिफॉल्ट के जोखिम से इंकार नहीं किया जा सकता है, बहुप्रतीक्षित टैरिफ वृद्धि और पूंजी प्रवाह अपर्याप्त है.
बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि परिणाम से पता चलता है कि वोडाफोन आइडिया को संरचनात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
उसने कहा कि जब तक सरकार मदद के लिए कदम नहीं उठाती, हमें भारत में दो दूरसंचार कंपनियों वाला बाजार बनने का जोखिम दिखता है. लॉकडाउन और स्टोर के कामकाज के सीमित समय के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वोडाफोन आइडिया ने 1.24 करोड़ उपयोगकर्ता गंवा दिए.
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इससे पहले पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में भी उसने 20 लाख उपयोगकर्ता गंवाये थे.यूबीएस ने कहा कि वीआईएल के पहली तिमाही के परिणाम अनुमान से नीचे हैं. इन पर कोविड- 19 का गहरा असर रहा है. वह लगातार बाजार हिस्सा गंवा रही है.