बेंगलुरू: भारत अनलॉक 2.0 की अवधि में प्रवेश करने के लिए तैयार है. इससे पहले अनलॉक 1.0 के दौरान ही आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि दर्ज होती नजर जा रही.
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट ने शनिवार को कहा कि उसने 90 फीसदी से अधिक विक्रेताओं को अपने मार्केटप्लेसपर परिचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि फ्लिपकार्ट के नए विक्रेता (सेलर) रजिस्ट्रेशन में अप्रैल-जून अवधि में 125 फीसदी की तेजी आई है. इसमें बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) शामिल हैं.
कंपनी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु की एमएसएमई ने अपने कारोबार को ऑनलाइन करने में ज्यादा रुचि दिखाई है. यह एमएसएमई महिलाओं के परिधान, पर्सनल केयर, भोजन एवं पोषण (फूड एंड न्यूट्रिशन), होम इम्प्रूवमेंट टूल्स और छोटे बच्चों के उत्पादों समेत कई कैटेगरी से जुड़े कार्य करती हैं.
फ्लिपकार्ट ने कहा है कि एमएसएमई को रजिस्ट्रेशन में शामिल होने से देश के कारीगरों और छोटे कारोबारियों को अपनी संचालन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और वे बाजार में मजबूत पहुंच के साथ अपना काम कर सकेंगे. ई-कॉमर्स इन कारोबारियों को आजीविका के अवसर प्रदान करता है.
इस समय विक्रेता समुदाय की सबसे बड़ी आवश्यकता वर्किंग कैपिटल है. इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए फ्लिपकार्ट ग्रोथ कैपिटल प्रोग्राम नाम से विशेष ऋण ऑफर चला रहा है. यह प्रोग्राम ऑनलाइन ऑपरेट करने वाली एमएसएमई के लिए डिजाइन किया गया है.
फ्लिपकार्ट के मुताबिक, लेनदेन करने वाले अधिकांश सेलर इस कार्यक्रम के जरिए किफायती दरों पर क्रेडिट ले सकते हैं. इस कार्यक्रम के तहत ऋण की मंजूरी एक दिन में मिल जाती है और 48 घंटे के भीतर राशि का भुगतान हो जाता है.
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इस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रव्यापी बंद के पहले से ही ऋण लेने वाले सेलर्स को तीन महीने के मोराटोरियम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा जिन सेलर्स ने राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि में अतिरिक्त ऋण लिया है, उन्हें छह महीने के मोराटोरियम की सुविधा दी गई है.
कंपनी ने राष्ट्रव्यापी बंद को देखते हुए सेलर्स के लिए अपनी प्रीमियम सेवाओं का विस्तार किया है, ताकि उनका निवेश बेकार ना जाए. फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम के तहत कंपनी अब तक देश के पांच लाख से ज्यादा कारीगरों, बुनकरों और माइक्रो एंटरप्राइजेज को आजीविका जुटाने में अपना समर्थन दे चुकी है.
(आईएएनएस)