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49 प्रतिशत भारतीय चाहते हैं चीनी कंपनियां डेटा सुरक्षा के साथ उत्पादों की बिक्री करें

द लोकल सर्कल्स सर्वे के अनुसार, 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि चीनी प्रोडक्ट पर पूर्णत: बैन होना चाहिए, जबकि 14 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें केवल मेड इन इंडिया उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए.

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Published : Jul 9, 2020, 5:22 PM IST

49 प्रतिशत भारतीय चाहते हैं चीनी कंपनियां डेटा सुरक्षा के साथ उत्पादों की बिक्री करें
49 प्रतिशत भारतीय चाहते हैं चीनी कंपनियां डेटा सुरक्षा के साथ उत्पादों की बिक्री करें

नई दिल्ली: एक सर्वे में पाया गया है कि लगभग 49 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि चीनी कंपनियों को भारत में उत्पाद बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन उनके डेटा भारत में ही रहने चाहिए.

द लोकल सर्कल्स सर्वे के अनुसार, 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि चीनी प्रोडक्ट पर पूर्णत: बैन होना चाहिए, जबकि 14 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें केवल मेड इन इंडिया उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए.

लगभग 25 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि ऐसी कंपनियों को केवल मेड इन इंडिया उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, बशर्ते चीन के साथ कोई डेटा साझाकरण नहीं किया जाए और 20 प्रतिशत ने कहा कि यदि चीन के साथ कोई डेटा साझा नहीं हो रहा है तो, सभी उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए.

लगभग चार प्रतिशत ने कहा कि अगर चीन के साथ डेटा साझाकरण न हो तो सभी उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए, वहीं केवल दो प्रतिशत ने कहा कि बिक्री जैसे चल रही थी, वैसे ही चलने देना चाहिए.

लोकल सर्कल्स रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर, 49 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगर चीनी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में उत्पादों को बेचना है, तो व्यक्तिगत और साथ ही भारतीय ग्राहकों के डेटा को भारत में रहना चाहिए और कंपनी के चाइना हेडक्वार्टर में डेटा नहीं जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: पानीपत: कोरोना और लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुआ अचार कारोबार

क्या चीनी निवेश वाली भारतीय कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जानी चाहिए? इस सवाल पर 30 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि यदि चीनी निवेश 10 प्रतिशत से अधिक है तो भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, वहीं 29 प्रतिशत ने कहा कि किसी भी चीनी निवेश वाली कंपनी पर कार्रवाई की जानी चाहिए.

हालांकि, 27 प्रतिशत ने कहा कि ऐसी कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, लेकिन चीनी निदेशकों को इस्तीफा देना चाहिए. 11 प्रतिशत ने कहा कि ऐसी किसी भी कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: एक सर्वे में पाया गया है कि लगभग 49 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि चीनी कंपनियों को भारत में उत्पाद बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन उनके डेटा भारत में ही रहने चाहिए.

द लोकल सर्कल्स सर्वे के अनुसार, 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि चीनी प्रोडक्ट पर पूर्णत: बैन होना चाहिए, जबकि 14 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें केवल मेड इन इंडिया उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए.

लगभग 25 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि ऐसी कंपनियों को केवल मेड इन इंडिया उत्पादों को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, बशर्ते चीन के साथ कोई डेटा साझाकरण नहीं किया जाए और 20 प्रतिशत ने कहा कि यदि चीन के साथ कोई डेटा साझा नहीं हो रहा है तो, सभी उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए.

लगभग चार प्रतिशत ने कहा कि अगर चीन के साथ डेटा साझाकरण न हो तो सभी उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए, वहीं केवल दो प्रतिशत ने कहा कि बिक्री जैसे चल रही थी, वैसे ही चलने देना चाहिए.

लोकल सर्कल्स रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर, 49 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगर चीनी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में उत्पादों को बेचना है, तो व्यक्तिगत और साथ ही भारतीय ग्राहकों के डेटा को भारत में रहना चाहिए और कंपनी के चाइना हेडक्वार्टर में डेटा नहीं जाना चाहिए.

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क्या चीनी निवेश वाली भारतीय कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जानी चाहिए? इस सवाल पर 30 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि यदि चीनी निवेश 10 प्रतिशत से अधिक है तो भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, वहीं 29 प्रतिशत ने कहा कि किसी भी चीनी निवेश वाली कंपनी पर कार्रवाई की जानी चाहिए.

हालांकि, 27 प्रतिशत ने कहा कि ऐसी कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, लेकिन चीनी निदेशकों को इस्तीफा देना चाहिए. 11 प्रतिशत ने कहा कि ऐसी किसी भी कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

(आईएएनएस)

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