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न्यूजीलैंड गोलीबारी: अपनी पत्नी के हत्यारे को माफ करने को तैयार हैं पीड़ित फरीद अहमद - fareed ahmad

न्यूजीलैंड की मस्जिद में हुए हमले अपनी बीबी और बच्ची को खोने वाले पीड़ित ने आरोपी को माफी देने की अपील की है. इस हमले में 50 लोग मारे गए हैं.

हमलावर ब्रेंटन टैरेंट
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Published : Mar 17, 2019, 7:21 PM IST

Updated : Mar 17, 2019, 7:30 PM IST

क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड में हुए आतंकी हमले में अपनी 44 वर्षीय पत्नी को खोने वाले व्यक्ति ने बंदूकधारी को माफ किए जाने की गुहार लगाते हुए कहा कि उसे हमलावर से कोई नफरत नहीं है. फरीद अहमद ने कहा, ‘‘मैं उससे कहना चाहूंगा कि मैं इंसान के तौर पर उससे प्यार करता हूं और उसके लिए दुआ करता हूं कि वह एक दिन महान इंसान बने’’ शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान दो मस्जिदों में हुए हमले में 50 लोग मारे गए थे.

हमला करने वाले दक्षिणपंथी अतिवादी ब्रेंटन टैरेंट (28) को माफ करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ जी हां. क्षमा, उदारता, प्यार एवं देखभाल और सकारात्मकता सबसे श्रेष्ठ हैं.’’ फरीद अहमद की पत्नी हुस्ना अहमद ने हमले के दौरान महिलओं और बच्चों की हॉल से बाहर निकलने में मदद करते समय अपनी जान गवां दी थी.

पढ़ें-न्यूजीलैंड मस्जिद हमले के आरोपी को अदालत में पेश किया गया

अहमद (59) ने कहा, ‘‘ वह चिल्ला रही थीं, इस ओर आएं, जल्दी करें और उन्होंने कई महिलाओं तथा बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ फिर वह मेरे पास आ रही थीं, क्योंकि मैं व्हीलचेयर पर था और जैसे ही वह गेट की ओर आने लगीं तो उन्हें गोली लग गई. वह अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचा रही थीं.’’

अहमद 1958 में नशे में धुत एक वाहन चालक के टक्कर मारने के बाद से ही व्हीलचेयर पर हैं. उन्होंने कहा कि वह गोलीबारी में इसलिए बच गए क्योंकि हमलावर का ध्यान दूसरे निशानों पर था. उन्होंने कहा, ‘‘वह (हमलावर) एक इंसान को दो-तीन बार गोली मार रहा था, इसलिए भी हमें बाहर निकलने का समय मिल गया. यहां तक की वह मृतकों को भी दोबारा गोली मार रहा था.’’

अहमद ने कहा मस्जिद से निकलने के बाद अपनी पत्नी को नहीं देखा और उनकी मौत की जानकारी उन्हें किसी के उनके शव की तस्वीर खींचने से मिली. ‘‘उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर थी किसी ने उसे मुझे दिखाया और मैंने तुरंत उसे पहचान लिया.’’

अहमद ने बताया कि अगर उन्हें हमलावर के साथ बैठने का मौका मिले तो वह उसे जिंदगी को लेकर उसके नजरिए पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उसे कहूंगा कि उसके अंदर एक उदार व्यक्ति, एक दयालु व्यक्ति, एक ऐसा व्यक्ति बनने की क्षमता है जो लोगों को बचाएगा, मानवता को खत्म करने की बजाय उसे बचाएगा.’’अहमद ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि वह अपने अंदर सकारात्मक रवैये को देखे. मैं उम्मीद करता हूं और उसके लिए दुआ करता हूं कि वह एक दिन महान इंसान बने.’’

क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड में हुए आतंकी हमले में अपनी 44 वर्षीय पत्नी को खोने वाले व्यक्ति ने बंदूकधारी को माफ किए जाने की गुहार लगाते हुए कहा कि उसे हमलावर से कोई नफरत नहीं है. फरीद अहमद ने कहा, ‘‘मैं उससे कहना चाहूंगा कि मैं इंसान के तौर पर उससे प्यार करता हूं और उसके लिए दुआ करता हूं कि वह एक दिन महान इंसान बने’’ शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान दो मस्जिदों में हुए हमले में 50 लोग मारे गए थे.

हमला करने वाले दक्षिणपंथी अतिवादी ब्रेंटन टैरेंट (28) को माफ करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ जी हां. क्षमा, उदारता, प्यार एवं देखभाल और सकारात्मकता सबसे श्रेष्ठ हैं.’’ फरीद अहमद की पत्नी हुस्ना अहमद ने हमले के दौरान महिलओं और बच्चों की हॉल से बाहर निकलने में मदद करते समय अपनी जान गवां दी थी.

पढ़ें-न्यूजीलैंड मस्जिद हमले के आरोपी को अदालत में पेश किया गया

अहमद (59) ने कहा, ‘‘ वह चिल्ला रही थीं, इस ओर आएं, जल्दी करें और उन्होंने कई महिलाओं तथा बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ फिर वह मेरे पास आ रही थीं, क्योंकि मैं व्हीलचेयर पर था और जैसे ही वह गेट की ओर आने लगीं तो उन्हें गोली लग गई. वह अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचा रही थीं.’’

अहमद 1958 में नशे में धुत एक वाहन चालक के टक्कर मारने के बाद से ही व्हीलचेयर पर हैं. उन्होंने कहा कि वह गोलीबारी में इसलिए बच गए क्योंकि हमलावर का ध्यान दूसरे निशानों पर था. उन्होंने कहा, ‘‘वह (हमलावर) एक इंसान को दो-तीन बार गोली मार रहा था, इसलिए भी हमें बाहर निकलने का समय मिल गया. यहां तक की वह मृतकों को भी दोबारा गोली मार रहा था.’’

अहमद ने कहा मस्जिद से निकलने के बाद अपनी पत्नी को नहीं देखा और उनकी मौत की जानकारी उन्हें किसी के उनके शव की तस्वीर खींचने से मिली. ‘‘उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर थी किसी ने उसे मुझे दिखाया और मैंने तुरंत उसे पहचान लिया.’’

अहमद ने बताया कि अगर उन्हें हमलावर के साथ बैठने का मौका मिले तो वह उसे जिंदगी को लेकर उसके नजरिए पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उसे कहूंगा कि उसके अंदर एक उदार व्यक्ति, एक दयालु व्यक्ति, एक ऐसा व्यक्ति बनने की क्षमता है जो लोगों को बचाएगा, मानवता को खत्म करने की बजाय उसे बचाएगा.’’अहमद ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि वह अपने अंदर सकारात्मक रवैये को देखे. मैं उम्मीद करता हूं और उसके लिए दुआ करता हूं कि वह एक दिन महान इंसान बने.’’

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न्यूजीलैंड गोलीबारी: अपनी पत्नी के हत्यारे को माफ करने को तैयार हैं पीड़ित फरीद अहमद





क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड में हुए आतंकी हमले में अपनी 44 वर्षीय पत्नी को खोने वाले व्यक्ति ने बंदूकधारी को माफ किए जाने की गुहार लगाते हुए कहा कि उसे हमलावर से कोई नफरत नहीं है. फरीद अहमद ने कहा, ‘‘मैं उससे कहना चाहूंगा कि मैं इंसान के तौर पर उससे प्यार करता हूं और उसके लिए दुआ करता हूं कि वह एक दिन महान इंसान बने’’ शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान दो मस्जिदों में हुए हमले में 50 लोग मारे गए थे.



हमला करने वाले दक्षिणपंथी अतिवादी ब्रेंटन टैरेंट (28) को माफ करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ जी हां. क्षमा, उदारता, प्यार एवं देखभाल और सकारात्मकता सबसे श्रेष्ठ हैं.’’ फरीद अहमद की पत्नी हुस्ना अहमद ने हमले के दौरान महिलओं और बच्चों की हॉल से बाहर निकलने में मदद करते समय अपनी जान गवां दी थी.



अहमद (59) ने कहा, ‘‘ वह चिल्ला रही थीं, इस ओर आएं, जल्दी करें और उन्होंने कई महिलाओं तथा बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ फिर वह मेरे पास आ रही थीं, क्योंकि मैं व्हीलचेयर पर था और जैसे ही वह गेट की ओर आने लगीं तो उन्हें गोली लग गई. वह अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचा रही थीं.’’



अहमद 1958 में नशे में धुत एक वाहन चालक के टक्कर मारने के बाद से ही व्हीलचेयर पर हैं. उन्होंने कहा कि वह गोलीबारी में इसलिए बच गए क्योंकि हमलावर का ध्यान दूसरे निशानों पर था. उन्होंने कहा, ‘‘वह (हमलावर) एक इंसान को दो-तीन बार गोली मार रहा था, इसलिए भी हमें बाहर निकलने का समय मिल गया. यहां तक की वह मृतकों को भी दोबारा गोली मार रहा था.’’



अहमद ने कहा मस्जिद से निकलने के बाद अपनी पत्नी को नहीं देखा और उनकी मौत की जानकारी उन्हें किसी के उनके शव की तस्वीर खींचने से मिली. ‘‘उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर थी किसी ने उसे मुझे दिखाया और मैंने तुरंत उसे पहचान लिया.’’



अहमद ने बताया कि अगर उन्हें हमलावर के साथ बैठने का मौका मिले तो वह उसे जिंदगी को लेकर उसके नजरिए पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उसे कहूंगा कि उसके अंदर एक उदार व्यक्ति, एक दयालु व्यक्ति, एक ऐसा व्यक्ति बनने की क्षमता है जो लोगों को बचाएगा, मानवता को खत्म करने की बजाय उसे बचाएगा.’’अहमद ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि वह अपने अंदर सकारात्मक रवैये को देखे. मैं उम्मीद करता हूं और उसके लिए दुआ करता हूं कि वह एक दिन महान इंसान बने.’’

 


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Last Updated : Mar 17, 2019, 7:30 PM IST
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