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फर्जी डिग्री को लेकर शारदा यूनिवर्सिटी में बवाल! छात्रों ने रजिस्ट्रार को बनाया बंधक - Students

छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी छत्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. छात्रों ने यूनिवर्सिटी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यहां पढ़ाई जा रहे कोर्स की यूपी स्टेट बोर्ड से मान्यता नहीं है. फिर यूनिवर्सिटी छात्रों को डिग्री कैसे प्रदान कर रही हैं.

फर्जी डिग्री को लेकर शारदा यूनिवर्सिटी में बवाल
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Published : May 28, 2019, 2:03 PM IST

Updated : May 28, 2019, 8:50 PM IST


नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में गुस्साए छात्रों ने रजिस्ट्रार, डीन, प्रॉक्टर व असिस्टेंट प्रॉक्टर को देर रात बंधक बना लिया है. छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर फर्जी डिग्री देना का आरोप लगाया है.


छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी छत्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. छात्रों ने यूनिवर्सिटी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यहां पढ़ाई जा रहे कोर्स की यूपी स्टेट बोर्ड से मान्यता नहीं है. फिर यूनिवर्सिटी छात्रों को डिग्री कैसे प्रदान कर रही हैं.

फर्जी डिग्री को लेकर शारदा यूनिवर्सिटी में बवाल

साल 2009 से लगातार चलता आ रहे कोर्स की नहीं है मान्यता

छात्रों का आरोप है कि शारदा यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ अलाइड हेल्थ साइंस में डीएमएलटी, डीओटीटी, बीपीटी, बीएमएलटी, बीएनडी, बीसीटी सहित अन्य कोर्स का संचालन किया जा रहा है. जिसे उत्तरप्रदेश स्टेट मेडिकल कॉलेज से मान्यता प्राप्त नहीं है. ऐसे में मान्यता नहीं होने के कारण वि.वि से पढ़ाई करने वाले छात्रों का उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. जिससे उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है.


वहीं यूनिवर्सिटी के डीन दिलीप गोल मोल ने कहा है कि साल 2009 से कोर्स के लिए अप्रूवल का प्रॉसेस चालू है.

40 सीट होने पर 150 बच्चों को दाखिला दिया
बता दें कि शारदा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ अलाइड हेल्थ साइंस विभाग के हर कोर्स में 40 सीटे हैं. लेकिन यूनिवर्सिटी ने 150 बच्चों को दाखिला दिया है, इस मामले पर यूनिवर्सिटी के डीन ने सफाई देते हुए कहा कि सीटों के बढ़ोतरी के लिए यूपी स्टेट बोर्ड में अप्रूवल के लिए भेजा जा चुका है.


बड़ी-बड़ी नामी यूनिवर्सिटी के इस तरह के हेरा-फेरी में नुकसान छात्रों का ही होता हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन सुनेंगा इन छात्रों की?


नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में गुस्साए छात्रों ने रजिस्ट्रार, डीन, प्रॉक्टर व असिस्टेंट प्रॉक्टर को देर रात बंधक बना लिया है. छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर फर्जी डिग्री देना का आरोप लगाया है.


छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी छत्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. छात्रों ने यूनिवर्सिटी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यहां पढ़ाई जा रहे कोर्स की यूपी स्टेट बोर्ड से मान्यता नहीं है. फिर यूनिवर्सिटी छात्रों को डिग्री कैसे प्रदान कर रही हैं.

फर्जी डिग्री को लेकर शारदा यूनिवर्सिटी में बवाल

साल 2009 से लगातार चलता आ रहे कोर्स की नहीं है मान्यता

छात्रों का आरोप है कि शारदा यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ अलाइड हेल्थ साइंस में डीएमएलटी, डीओटीटी, बीपीटी, बीएमएलटी, बीएनडी, बीसीटी सहित अन्य कोर्स का संचालन किया जा रहा है. जिसे उत्तरप्रदेश स्टेट मेडिकल कॉलेज से मान्यता प्राप्त नहीं है. ऐसे में मान्यता नहीं होने के कारण वि.वि से पढ़ाई करने वाले छात्रों का उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. जिससे उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है.


वहीं यूनिवर्सिटी के डीन दिलीप गोल मोल ने कहा है कि साल 2009 से कोर्स के लिए अप्रूवल का प्रॉसेस चालू है.

40 सीट होने पर 150 बच्चों को दाखिला दिया
बता दें कि शारदा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ अलाइड हेल्थ साइंस विभाग के हर कोर्स में 40 सीटे हैं. लेकिन यूनिवर्सिटी ने 150 बच्चों को दाखिला दिया है, इस मामले पर यूनिवर्सिटी के डीन ने सफाई देते हुए कहा कि सीटों के बढ़ोतरी के लिए यूपी स्टेट बोर्ड में अप्रूवल के लिए भेजा जा चुका है.


बड़ी-बड़ी नामी यूनिवर्सिटी के इस तरह के हेरा-फेरी में नुकसान छात्रों का ही होता हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन सुनेंगा इन छात्रों की?



On Tue, 28 May 2019 at 09:42, HIMANSHU SHUKLA <himanshu.shukla@etvbharat.com> wrote:
ग्रेटर नोएडा शारदा यूनिवर्सिटी में गुस्साए छात्रों ने रजिस्ट्रार, डीन, प्रॉक्टर व असिस्टेंट प्रॉक्टर को देर रात बंधक बना लिया। यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फ़र्ज़ी डिग्री देना का आरोप लगाया। छात्रों का आरोप फर्जी डिग्री देकर भविष्य के साथ की जा रही खिलवाड़। छात्रों ने यूनिवर्सिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहाँ 10 कोर्स की नही है यूपी स्टेट बोर्ड से मान्यता। इन कोर्स में पढ़ रहे हज़ारों छात्रों के भविष्य के साथ यूनिवर्सिटी कर रही खिलवाड़।
साल 2009 से लगातार चलता आ रहे कोर्स की नहीं है मान्यता।   

छात्रों का आरोप है कि शारदा यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ अलाइड हेल्थ साइंस में डी॰एम॰एल॰टी॰, डी॰ओ॰टी॰टी॰, बी॰पी॰टी॰,बी॰एम॰एल॰टी॰,बी॰एन॰डी॰,बी॰सी॰टी॰ सहितअन्य कोर्स का संचालन किया जा रहा है। अभी कोर्स को उत्तरप्रदेश स्टेट मेडिकल कॉलेज से मान्यता प्राप्त नहीं है। ऐसे में मान्यता नहीं होने के कारण वि.वि से पढ़ाई करने वाले छात्रों का उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। जिससे उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। 

वहीं यूनिवर्सिटी के डीन दिलीप ने गोल मोल जवाब देते हुए कहा साल 2009 से अप्रूवल का प्रॉसेस चालू है और चार कोर्स रजिस्टर्ड हैं लेकिन बाक़ी कोर्स के अप्रूवल के अंडरप्रॉसेस हैं। कोर्स में 40 सीटे हैं लेकिन यूनिवर्सिटी ने 150 बच्चों को दाख़िला दिया हुए है, इस पर डीन ने कहा कि सीटों के बढ़ोतरी के लिए भेजा जा चुका है। बड़ी बड़ी नामी यूनिवर्सिटी के इस हेरा-फेरी में नुक़सान छात्रों का है, भविष्य से छात्रों के खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर कौन सुनेंग इन छात्रों की? 

हिमांशु शुक्ला 
ग्रेटर नोएडा 


Last Updated : May 28, 2019, 8:50 PM IST
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