नई दिल्ली: राजधानी के पालम गांव के पतांदवाड़ी तालाब लगभग 12 से 13 साल पुराना है. यह तालाब बढ़ती आबादी के कारण अपना अस्तित्व खो रहा है. लोगों के जरिए रहने की जगह बनाने के लिए सूखे पड़े इस तालाब पर कब्जा है और कूड़ा भी फेंका जा रहा है. जिसके चलते कई बीमारियों के भी फैलने का भी खतरा बढ़ा रहा है. ऐसे में पालम आरडब्ल्यूए के प्रधान राम कुमार सोलंकी सरकार से इस तालाब को जीवित करने के लिए गुहार लगा रहे है.
कब्जा करने के साथ-साथ लोग फैला रहे हैं कूड़ा
उनके अनुसार पालम ऐसे 7 से 8 तालाब है, जो पूरी तरह से सूख चुके है. लेकिन लोग उन पर कब्जा करने के साथ-साथ उनमें कूड़ा भी फैला रहे हैं. जिसको लेकर उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत भी की है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है. उनका कहना है कि प्रशासन इन सभी तालाबों को जीवित करें ताकि इन्हें पानी जमा हो सके और जमीन का वाटर लेवल बढ़ सकें.
पार्क बनवाने का भी सुझाया विकल्प
इसके अलावा उन्होंने प्रशासन को यह विकल्प भी सुझाया है कि वह इन तालाब पर बच्चों और बड़ों के लिए पार्क बनवा दें, जिससे कि पर्यावरण भी शुद्ध होगा और खेलने कूदने के लिए के लिए अच्छा वातावरण भी मिलेगा.
पानी की समस्या से बचने के लिए अभी से करने पड़ेंगे उपाय
गौरतलब है कि आने वाले समय मे विश्व को पानी के संकट से जूझना पड़ सकता है. इसलिए इस संकट से बचने के लिए सरकार व प्रशासन को अभी से ही पानी बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. ऐसे में पालम आरडब्ल्यूए के प्रधान राम कुमार सोलंकी ने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि पालम के सभी तालाबों को पुनः जीवित किया जाए. जिससे कि जमीन का वाटर लेवल बढ़ सके और भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को पानी की समस्या से न जूझना पड़े.