नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर भीमा कोरेगांव मामले की जांच के सिलसिले में तीस से अधिक संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. संगठनों की मांग है कि भीमा कोरेगांव मामले में पकड़े गए सामाजिक कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई हो. साथ ही अल्पसंख्यकों, दलित और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को रोका जाए.
तीस से अधिक संगठनों ने एक आवाज में कहा कि मौजूदा सरकार कानूनों का गलत प्रयोग कर रही है. कमजोर तबके के हकों की बात करने वाले और बुद्धिजीवियों की आवाज दबा रही है.
प्रदर्शन में मौजूद रहे 30 से अधिक संगठन
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमने इस प्रदर्शन से सरकार के दमनकारी कानूनों, इम्यूनिटी और गिरफ्तारी के खतरों के बारे में लोगों को एकत्रित कर उन्हें आगाह किया है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि रिहाई मंच, भीम आर्मी, मजदूर एकता संगठन और समाजवादी जन परिषद समेत करीब 30 से अधिक संगठन ने मिलकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.
केंद्र सरकार के खिलाफ उठाई आवाज
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि देश के अंदर यूएनपीए, एएफपीए और एनएसए कानून खत्म किए जाए. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि अगर कोई संस्था केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाती है तो संस्था पर तमाम धारा लगाकर उसको जेल के अंदर कर दिया जाता है.