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इंस्पेक्टरों की कमी से नहीं हो पा रहा श्रम विभाग का काम, श्रमायुक्त ने लिखा पत्र

दिल्ली सरकार के श्रम विभाग में इंस्पेक्टरों की कमी चलते श्रमायुक्त विवेक पांडे ने प्रधान गृह सचिव रेनू शर्मा को पत्र लिखकर इंस्पेक्टरों के खाली पदों को भरने के लिए निवेदन किया. इंस्पेक्टरों की कमी के चलते विभाग का कामकाज हो रहा प्रभावित.

श्रम विभाग में इंस्पेक्टरों की कमी चलते श्रमायुक्त ने लिखा पत्र
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Published : May 17, 2019, 7:34 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के श्रम विभाग में इंस्पेक्टरों की भारी कमी है जिसके लिए श्रम विभाग इंस्पेक्टरों की तलाश कर रहा है. इंस्पेक्टरों की कमी के चलते विभाग का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.

जानकारी के अनुसार विभाग के इंस्पेक्टर दिल्ली के अलग-अलग इलाके में स्थित औद्योगिक इकाइयों का नियमित रूप से निरीक्षण नहीं कर पा रहे हैं. जिससे श्रम कानून का खुले तौर पर उल्लंघन हो रहा है.

दिल्ली सरकार के श्रम विभाग में इंस्पेक्टरों की भारी कमी

श्रमायुक्त ने लिखा पत्र
इंस्पेक्टरों की कमी को लेकर श्रमायुक्त विवेक पांडे ने प्रधान गृह सचिव रेनू शर्मा को पत्र लिखकर आगाह किया है कि अभी श्रम विभाग के इंडस्ट्रियल सेफ्टी निदेशालय के पास मात्र 5 इंस्पेक्टर हैं. जबकि न्यूनतम 11 इंस्पेक्टर के पद होते हैं. इंस्पेक्टर कम होने से सभी जिलों में नियमित रूप से निरीक्षण नहीं हो पा रहा है. शिकायत मिलने या गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर ही निरीक्षण हो पाता है.

इंस्पेक्टरों की कमी के चलते हुआ हादसा
गौरतलब है कि इस साल 20 जनवरी को बवाना औद्योगिक क्षेत्र के एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी. इस घटना के बाद पुलिस की जांच में पता चला था कि फैक्ट्री में आग लगने के बाद फैक्ट्री मालिक भाग गए लेकिन घटना के समय उद्योग इकाई का गेट सामने से बंद होने के कारण मजदूर भाग नहीं पाए, जिसमें 17 मजदूरों की मौत हो गई थी.

फैक्ट्री में सुरक्षा संबंधित कई अन्य अनियमितता भी सामने आई थी. अगर श्रम विभाग की ओर से फैक्ट्री की नियमित जांच की जाती तो जान हानि को रोका जा सकता था.

हो रहा है श्रम कानून का उल्लंघन
बता दें कि अदालत के आदेश पर दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी तो निर्धारित कर दिया है. लेकिन इससे कारोबारी या नियोक्ता अपने श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करते हैं या नहीं इसे देखने के लिए विभाग के पास इंस्पेक्टर नहीं है. जिसके चलते श्रम कानून का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है और विभाग सब कुछ देखते हुए भी आंख मूंदे बैठा है.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के श्रम विभाग में इंस्पेक्टरों की भारी कमी है जिसके लिए श्रम विभाग इंस्पेक्टरों की तलाश कर रहा है. इंस्पेक्टरों की कमी के चलते विभाग का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.

जानकारी के अनुसार विभाग के इंस्पेक्टर दिल्ली के अलग-अलग इलाके में स्थित औद्योगिक इकाइयों का नियमित रूप से निरीक्षण नहीं कर पा रहे हैं. जिससे श्रम कानून का खुले तौर पर उल्लंघन हो रहा है.

दिल्ली सरकार के श्रम विभाग में इंस्पेक्टरों की भारी कमी

श्रमायुक्त ने लिखा पत्र
इंस्पेक्टरों की कमी को लेकर श्रमायुक्त विवेक पांडे ने प्रधान गृह सचिव रेनू शर्मा को पत्र लिखकर आगाह किया है कि अभी श्रम विभाग के इंडस्ट्रियल सेफ्टी निदेशालय के पास मात्र 5 इंस्पेक्टर हैं. जबकि न्यूनतम 11 इंस्पेक्टर के पद होते हैं. इंस्पेक्टर कम होने से सभी जिलों में नियमित रूप से निरीक्षण नहीं हो पा रहा है. शिकायत मिलने या गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर ही निरीक्षण हो पाता है.

इंस्पेक्टरों की कमी के चलते हुआ हादसा
गौरतलब है कि इस साल 20 जनवरी को बवाना औद्योगिक क्षेत्र के एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी. इस घटना के बाद पुलिस की जांच में पता चला था कि फैक्ट्री में आग लगने के बाद फैक्ट्री मालिक भाग गए लेकिन घटना के समय उद्योग इकाई का गेट सामने से बंद होने के कारण मजदूर भाग नहीं पाए, जिसमें 17 मजदूरों की मौत हो गई थी.

फैक्ट्री में सुरक्षा संबंधित कई अन्य अनियमितता भी सामने आई थी. अगर श्रम विभाग की ओर से फैक्ट्री की नियमित जांच की जाती तो जान हानि को रोका जा सकता था.

हो रहा है श्रम कानून का उल्लंघन
बता दें कि अदालत के आदेश पर दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी तो निर्धारित कर दिया है. लेकिन इससे कारोबारी या नियोक्ता अपने श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करते हैं या नहीं इसे देखने के लिए विभाग के पास इंस्पेक्टर नहीं है. जिसके चलते श्रम कानून का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है और विभाग सब कुछ देखते हुए भी आंख मूंदे बैठा है.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के श्रम विभाग को इंस्पेक्टरों की तलाश है. जी हां,श्रम विभाग में इंस्पेक्टरों की भारी कमी है. जिसके चलते विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है.


Body:दिल्ली के अलग-अलग इलाके में स्थित औद्योगिक इकाइयों का नियमित रूप से निरीक्षण इंस्पेक्टर नहीं कर पा रहे हैं. जिससे वहां पर श्रम कानून का खुले तौर पर उल्लंघन हो रहा है.

अब श्रमायुक्त ने प्रधान गिरी सचिव रेनू शर्मा को पत्र लिखकर इंस्पेक्टरों की कमी के प्रति आगाह किया है. इस वर्ष 20 जनवरी को बवाना औद्योगिक क्षेत्र में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी. जिसमें 17 मजदूरों की मौत हो गई थी. पुलिस की जांच में पता चला था कि घटना के समय उस उद्योग इकाई का गेट सामने से बंद था और आग लगने के बाद फैक्ट्री मालिक भाग गए. लेकिन गेट बंद होने के कारण मजदूर भाग नहीं पाए.

फैक्ट्री में सुरक्षा संबंधित कई अन्य अनियमितता भी सामने आई थी. श्रम विभाग की ओर से अगर फैक्ट्री की नियमित जांच की जाती तो जान हानि को रोका जा सकता था. इंस्पेक्टरों की कमी से बवाना औद्योगिक क्षेत्र समेत अन्य स्थानों पर स्थित औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण का काम ढीला पड़ गया है.

दिल्ली सरकार के श्रम आयुक्त विवेक पांडे ने प्रधान गृह सचिव रेनू शर्मा को लिखे पत्र में कहा है कि अभी श्रम विभाग के इंडस्ट्रियल सेफ्टी निदेशालय के पास मात्र 5 इंस्पेक्टर हैं. जबकि न्यूनतम 11 इंस्पेक्टर के पद हैं. इंस्पेक्टर कम होने से सभी जिलों में नियमित रूप से निरीक्षण नहीं हो पा रहा है. शिकायत मिलने या गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर ही निरीक्षण हो रहा है.


Conclusion:बता दें कि अदालत के आदेश पर दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी तो निर्धारित कर दिया है. लेकिन इसे कारोबारी या नियोक्ता अपने श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करते हैं या नहीं इसे देखने के लिए विभाग के पास इंस्पेक्टर नहीं है. जिसके चलते श्रम कानून का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है और विभाग सब कुछ देखते हुए भी आंख मूंदे बैठा है.

समाप्त, आशुतोष झा
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