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पूर्वोत्तर भारत के लिए कैसी रही मोदी सरकार, कार्यकाल पर जानें विशेषज्ञ की राय

मोदी सरकार के कार्यकाल को विपक्षी पार्टियां विफल बता रही हैं. पूर्वोत्तर राज्य असम में NRC और अरुणाचल प्रदेश में स्थाई मूल-निवास प्रमाण पत्र (PRC) पर काफी गतिरोध देखा गया. मोदी सरकार के कार्यकाल पर जानें वरिष्ठ पत्रकार की राय.

पीएम मोदी (फाइल फोटो)
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Published : Mar 24, 2019, 4:25 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों के विकास के लिये लगातार कोशिश कर रही है. ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ का. उनका मानना ​​है कि चाहे वह बुनियादी ढांचा हो या कनेक्टिविटी, सभी पूर्वोत्तर राज्यों में एक परिवर्तन देखने को मिला है.

पूर्वोत्तर भारत के निवासी बरुआ ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय कई परियोजनाएं शुरू की गई थीं. लेकिन वे सभी अब बीजेपी के शासन में लागू की जा रही हैं.

पूर्वोत्तर भारत के लिए मोदी सरकार की नीतियों पर वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ से बातचीत

बरुआ ने कहा, 'मौजूदा सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने कनेक्टिविटी की कोशिश की है.

वास्तव में, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियां रेल मार्गों से जुड़ रही हैं और वहां सड़क निर्माण का काम भी बखूबी देखने को मिल रहा है.

सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले चार वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में निर्मित सड़कों और राजमार्गों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत 15,187 किमी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत 1652.86 किमी और नॉर्थईस्ट काउंसिल स्कीमों के तहत 669,79 किमी सड़कें शामिल हैं.

एयर कनेक्टिविटी भी तुलनात्मक रूप से बढ़ रही है. अरुणाचल प्रदेश का पासीघाट और सिक्किम का प्योंग क्षेत्र भी अब हवाई मार्ग से जुड़ गया है.

केंद्र ने नेशनल स्किल मिशन की मदद से पूर्वोत्तर राज्यों में युवाओं के कौशल को भी उपयोग में लाने की कोशिश की है.

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) 2.0 के तहत पूर्वोत्तर के लिए 323.16 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें से 81 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग किया जा चुका है.

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों के विकास के लिये लगातार कोशिश कर रही है. ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ का. उनका मानना ​​है कि चाहे वह बुनियादी ढांचा हो या कनेक्टिविटी, सभी पूर्वोत्तर राज्यों में एक परिवर्तन देखने को मिला है.

पूर्वोत्तर भारत के निवासी बरुआ ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय कई परियोजनाएं शुरू की गई थीं. लेकिन वे सभी अब बीजेपी के शासन में लागू की जा रही हैं.

पूर्वोत्तर भारत के लिए मोदी सरकार की नीतियों पर वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरुआ से बातचीत

बरुआ ने कहा, 'मौजूदा सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने कनेक्टिविटी की कोशिश की है.

वास्तव में, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियां रेल मार्गों से जुड़ रही हैं और वहां सड़क निर्माण का काम भी बखूबी देखने को मिल रहा है.

सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले चार वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में निर्मित सड़कों और राजमार्गों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत 15,187 किमी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत 1652.86 किमी और नॉर्थईस्ट काउंसिल स्कीमों के तहत 669,79 किमी सड़कें शामिल हैं.

एयर कनेक्टिविटी भी तुलनात्मक रूप से बढ़ रही है. अरुणाचल प्रदेश का पासीघाट और सिक्किम का प्योंग क्षेत्र भी अब हवाई मार्ग से जुड़ गया है.

केंद्र ने नेशनल स्किल मिशन की मदद से पूर्वोत्तर राज्यों में युवाओं के कौशल को भी उपयोग में लाने की कोशिश की है.

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) 2.0 के तहत पूर्वोत्तर के लिए 323.16 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें से 81 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग किया जा चुका है.

Intro:New Delhi: The Narendra Modi governmnet has been trying to mark an inclusive growth in the landlocked northeastern states.


Body:"Whether it's infrastructure or connectivity, all the northeastern states have witnessed a transformation," feels Kalyan Barua, a senior journalist based in New Delhi.

Barua who hails from northeast said that many projects were earlier initiated by the Congress Governmnet, but now they are getting implemented by the BJP regime.

"The present government has focussed on infrastructure development. They tried to connectivity," said Barua.

In fact, all the state capitals in Northeast are getting connected through railway routes. Roads are getting constructed.

As per government records, the roads and highways constructed in the northeastern region in the past four years include 15,187 km or road under Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY), 1652.86 km of road under Ministry of Road Transport and Highways and 669,79 km of road under schemes of Norhteastern council.

Air connectivity is also comparatively increasing. Pasighat in Arunachal Pradesh and Pakyong in Sikkim are now connected by airways.




Conclusion:Centre has also tried to utilise the skills of youths in northeastern states with the help of national skills mission.

Under Prime Minister Kaushal Vikas Yojana (PMKVY) 2.0 of Minustry of Skill Development and Entrepreneurship, an allocation of Rs 323.16 crore has been made for northeast, out of which funds to the tune of Rs 81 crore has been utilised.

End.
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