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देश के पहले लोकपाल होंगे SC के पूर्व न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष : सूत्र - first lok pal of india

लोकपाल के लिए न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के नाम पर विचार. पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली समिति फैसला करेगी.

पिनाकी चंद्र घोष
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Published : Mar 17, 2019, 5:37 PM IST

नई दिल्ली: देश को पहले लोकपाल मिलने की कवायद शुरु हो चुकी है जिसके लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के नाम पर सक्रियता से विचार किये जाने की जानकारी मिली है.

गौरतलब है कि मई 2017 में उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति घोष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य हैं.

अधिकारियों ने कहा कि समझा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति द्वारा इस पद के लिए उनके नाम पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है. हालांकी, सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

पढ़ें-आयुष्मान भारत निजी बीमा कंपनियों एवं अस्पतालों के लिए संजीवनी है: कांग्रेस

अगर सरकार द्वारा यदि उनकी नियुक्ति की जाती है तो विवाद उत्पन्न हो सकता है क्योंकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया था.
लोकपाल कानून 2013 में पारित किया गया था जो कुछ श्रेणियों के लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान करता है.

नई दिल्ली: देश को पहले लोकपाल मिलने की कवायद शुरु हो चुकी है जिसके लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के नाम पर सक्रियता से विचार किये जाने की जानकारी मिली है.

गौरतलब है कि मई 2017 में उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति घोष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य हैं.

अधिकारियों ने कहा कि समझा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति द्वारा इस पद के लिए उनके नाम पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है. हालांकी, सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

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अगर सरकार द्वारा यदि उनकी नियुक्ति की जाती है तो विवाद उत्पन्न हो सकता है क्योंकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया था.
लोकपाल कानून 2013 में पारित किया गया था जो कुछ श्रेणियों के लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान करता है.

Intro:Retired Supreme Court judge justice Pinaki Chandra Ghose is all set to be the first Lokpal of India. Ghose's name has been recommended by the selection committee which consisted of Prime Minister Narendra Modi himself along with Chief Justice of India Ranjan Gogoi, the 16th Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan and judge Mukul Rohatgi. While Mallikarjun Kharge who was the leader of opposition in the 16th Lok Sabha was also part of the committee, the Congress leader choose not to attend the meeting


Body:PC Ghose was among that 10 names that was shortlisted by the Lokpal search committee. Ghose who was part of the National Human Rights Commission ever since he retired in 2017 would be the first Lokpal, an institution which has been highlighted ever since reformist Anna Hazare Sat On a fast for it in the year 2011.


Conclusion:While the Act was notified on January 16 2014, the appointment has come nearly five years later to that. The purpose of having a Lokpal at the centre and lokayuktas in the state is to investigate the corruption charges against public serving officers.
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