नई दिल्ली: सबरीमला अयप्पा सेवा समाजम (SASS) ने आम चुनावों में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को मांगों की 18 बिंदु वाली सूची देने का निर्णय लिया है.
SASS एक ऐसा संगठन है, जो 2008 में अस्तित्व में आया है. अब यह देश के 15 राज्यों में विस्तारित हो गया है और सबरीमाला भक्तों की सेवा के लिए काम करता है.
देश भर में भक्तों की पर्याप्त संख्या का दावा करने के बाद, सेवा समुदाय ने राजनीतिक दलों से सभी मंदिरों में सालों से चली आ रही परंपराओं को बचाने की मांग की है.
SASS ने भक्तों से अपील की है. इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों से पहले अपने चार्टर का भी उल्लेख किया है कि एक भक्त मतदाता केवल ऐसे दलों को वोट दे, जो खुले तौर पर सबरीमाला के चार्टर में अपनी मांगों का समर्थन करते हैं. साथ ही देश में मंदिरों और हिंदू धर्म की रक्षा करते हैं.
ईटीवी भारत ने SASS के महासचिव इरोड एन. राजन से बात की. उन्होंने दावा किया कि अयप्पा भक्त देश भर में कुल 20 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. साथ ही हालिया घटनाक्रम और विवाद का असर आने वाले आम चुनाव में देखने को मिलेगा.
आम चुनाव से पहले इस तरह के घटनाक्रम का संभावित तौर पर आम चुनावों में असर देखने को मिल सकता है.