ETV Bharat / briefs

रेप के आरोपों को कोर्ट में साबित नहीं कर पाई प्रोफेसर, आरोपी बरी

रेप की घटना हो जाने और FIR दर्ज कराने के बीच महिला ने आरोपी को 529 बार फोन किया था. लेकिन दुष्कर्म के बाद पुलिस को एक बार भी सूचित नहीं किया. इस बात ने घटना के बारे में संदेह पैदा किया.

author img

By

Published : Jun 8, 2019, 8:14 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने रेप के एक आरोपी को बरी कर दिया. ट्रायल कोर्ट इस मामले में पहले ही आरोपी को बरी कर चुका है. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने महिला के बयान को भरोसा न करने के लायक बताते हुए आरोपी को बरी करने का आदेश दिया.



आरोपी को कई बार फोन किया लेकिन पुलिस को नहीं

महिला पेशे से प्रोफेसर है. महिला के पिता CRPF के रिटायर्ड कमांडेंट हैं. महिला के मुताबिक आरोपी ने उसके साथ एक होटल में 16 दिसंबर 2016 को रेप किया. महिला ने 29 जनवरी 2017 को FIR दर्ज करायी. पुलिस के मुताबिक जब उसने महिला से मोबाइल फोन मांगा तो महिला ने मोबाइल फोन देने से मना कर दिया. रेप की घटना हो जाने और FIR दर्ज कराने के बीच महिला ने आरोपी को 529 बार फोन किया था. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता महिला का बयान भरोसे लायक नहीं है. घटना के बाद महिला ने आरोपी को 529 बार फोन किया लेकिन पुलिस को एक बार भी फोन नहीं किया. उसने ये भी नहीं बताया कि FIR दर्ज कराने में इतनी देर क्यों हुई?

दिल्ली हाईकोर्ट

शिक्षक का चुप बैठना संदेह के घेरे में

हाईकोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट में दिए अपने बयान में बताया था कि आरोपी से उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के जरिये हुई थी. लेकिन FIR में उसने ऐसी कोई बात नहीं बताई थी. कोर्ट ने कहा कि होटल में 24 घंटे सुरक्षा के इंतजाम थे. उसके बावजूद उसने किसी को कुछ नहीं बताया. याचिकाकर्ता खुद प्रोफेसर है और उनके पिता एक रिटायर्ड कमांडेंट, उसके बावजूद घटना के बारे में पुलिस को कोई फोन नहीं किया जाना घटना को संदेह के घेरे में रखता है.

कोर्ट ने कहा कि महिला ने बताया कि उसे नशीला पदार्थ पिलाया गया था. जिसका असर तीन दिनों तक था. लेकिन महिला अपने साथ हुई रेप की घटना साबित नहीं कर सकी. ट्रायल कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को आरोपी को बरी किया था. ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने रेप के एक आरोपी को बरी कर दिया. ट्रायल कोर्ट इस मामले में पहले ही आरोपी को बरी कर चुका है. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने महिला के बयान को भरोसा न करने के लायक बताते हुए आरोपी को बरी करने का आदेश दिया.



आरोपी को कई बार फोन किया लेकिन पुलिस को नहीं

महिला पेशे से प्रोफेसर है. महिला के पिता CRPF के रिटायर्ड कमांडेंट हैं. महिला के मुताबिक आरोपी ने उसके साथ एक होटल में 16 दिसंबर 2016 को रेप किया. महिला ने 29 जनवरी 2017 को FIR दर्ज करायी. पुलिस के मुताबिक जब उसने महिला से मोबाइल फोन मांगा तो महिला ने मोबाइल फोन देने से मना कर दिया. रेप की घटना हो जाने और FIR दर्ज कराने के बीच महिला ने आरोपी को 529 बार फोन किया था. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता महिला का बयान भरोसे लायक नहीं है. घटना के बाद महिला ने आरोपी को 529 बार फोन किया लेकिन पुलिस को एक बार भी फोन नहीं किया. उसने ये भी नहीं बताया कि FIR दर्ज कराने में इतनी देर क्यों हुई?

दिल्ली हाईकोर्ट

शिक्षक का चुप बैठना संदेह के घेरे में

हाईकोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट में दिए अपने बयान में बताया था कि आरोपी से उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के जरिये हुई थी. लेकिन FIR में उसने ऐसी कोई बात नहीं बताई थी. कोर्ट ने कहा कि होटल में 24 घंटे सुरक्षा के इंतजाम थे. उसके बावजूद उसने किसी को कुछ नहीं बताया. याचिकाकर्ता खुद प्रोफेसर है और उनके पिता एक रिटायर्ड कमांडेंट, उसके बावजूद घटना के बारे में पुलिस को कोई फोन नहीं किया जाना घटना को संदेह के घेरे में रखता है.

कोर्ट ने कहा कि महिला ने बताया कि उसे नशीला पदार्थ पिलाया गया था. जिसका असर तीन दिनों तक था. लेकिन महिला अपने साथ हुई रेप की घटना साबित नहीं कर सकी. ट्रायल कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को आरोपी को बरी किया था. ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला के साथ रेप के आरोपी को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने महिला के बयान को अविश्वसनीय बताते हुए आरोपी को बरी करने का आदेश दिया।



Body:महिला पेशे से प्रोफेसर है। महिला के पिता सीआरपीएफ के रिटायर्ड कमांडेंट हैं। महिला के मुताबिक आरोपी ने उसके साथ एक होटल में 16 दिसंबर 2016 को रेप किया। महिला ने 29 जनवरी 2017 को एफआईआर दर्ज कराया। पुलिस के मुताबिक जब उसने महिला का मोबाइल फोन मांगा तो उसने मोबाइल फोन देने से मना कर दिया। रेप की घटना और एफआईआर दर्ज कराने के बीच महिला ने आरोपी से 529 बार फोन किया था। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता महिला का बयान भरोसे के लायक नहीं है। घटना के बाद उसने आरोपी को 529 बार फोन किया लेकिन पुलिस को एक बार भी फोन नहीं किया। न ही उसने ये बताया है कि एफआईआर दर्ज करने में इतनी देर क्यों हुई।
हाईकोर्ट ने पाया कि महिला ने ट्रायल कोर्ट में दिए अपने बयान में बताया कि उसकी आरोपी से मुलाकात लिंक्डइन सोशल मीडिया के जरिये हुई थी। लेकिन पुलिस के यहां दर्ज एफआईआर में उसने ऐसी कोई बात नहीं कही। कोर्ट ने कहा कि होटल में 24 घंटे सुरक्षा के इंतजाम थे उसके बावजूद उसने किसी को कुछ नहीं बताया। याचिकाकर्ता एक प्रोफेसर है और उनके पिता एक रिटायर्ड कमांडेंट , उसके बावजूद पुलिस को घटना के बारे में कोई फोन नहीं किया जाना घटना के बारे में संदेह पैदा करता है।


Conclusion:कोर्ट ने कहा कि महिला ने कहा है कि उसे नशीला पदार्थ पिलाया गया जिसका असर तीन दिनों तक था। लेकिन महिला अपने साथ रेप की घटना को साबित नहीं कर सकी। ट्रायल कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को आरोपी को बरी किया था। ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.