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दिल्ली हिंसा: मनी लाउंड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता की सरकारी गवाह बनने की अर्जी पर सुनवाई टली - कड़कड़डूमा कोर्ट में दिल्ली हिंसा पर सुनवाई

कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लाऊंड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है.

Delhi Violence
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Published : Mar 30, 2021, 9:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लाऊंड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. आज सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील एनके माटा दूसरे केस में व्यस्त थे जिसकी वजह से सुनवाई टाली गई. इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी.

ईडी के वकील व्यस्त थे

आज सुनवाई के दौरान ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने कोर्ट से कहा कि एनके माटा राऊज एवेन्यू कोर्ट में किसी दूसरे केस में व्यस्त हैं. खत्री ने कोर्ट ने सुनवाई टालने की मांग की जिसका सह-आरोपी अमित गुप्ता की ओर से वकील क्षितिज अहलावत ने कोई विरोध नहीं किया. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को करने का आदेश दिया.

मीडिया ट्रायल के खिलाफ दायर याचिका वापस ली

इस मामले का मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन है. पिछले 8 मार्च को सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से कहा गया था कि उन्हें जांच एजेंसी की जांच से कोई परेशानी नहीं है, समस्या मीडिया ट्रायल को लेकर है.

ताहिर हुसैन के वकील ने कोर्ट में न्यूज़ की एक क्लिपिंग दिखाई थी और कहा था कि इसमें डिस्क्लेमर के रुप में केवल ये बताया गया है कि ये रिपोर्ट पूरक चार्जशीट पर आधारित है. तब कोर्ट ने कहा था कि उसने यूएपीए से संबंधित मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर विस्तृत आदेश जारी किया है. तब ताहिर हुसैन के वकील ने कहा था कि अब हमारी याचिका का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कोर्ट से याचिका वापस लेने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.

मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं

पिछले 28 जनवरी सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के पहले ही मीडिया ऐसी खबरें चला रहा है जैसे ताहिर हुसैन दोषी हो.

उन्होंने कहा था कि ताहिर हुसैन विचाराधीन कैदी है , दोषी नहीं. उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं वे महज आरोप हैं, प्रमाणित तथ्य नहीं. मीडिया की ओर से ऐसा करने से उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन होता है. रिजवान ने कोर्ट से मीडिया संगठनों को ताहिर हुसैन के खिलाफ ट्रायल चलाने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी.

एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग का आरोप

ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है. चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है.

ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग किया. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लाऊंड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. आज सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील एनके माटा दूसरे केस में व्यस्त थे जिसकी वजह से सुनवाई टाली गई. इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी.

ईडी के वकील व्यस्त थे

आज सुनवाई के दौरान ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने कोर्ट से कहा कि एनके माटा राऊज एवेन्यू कोर्ट में किसी दूसरे केस में व्यस्त हैं. खत्री ने कोर्ट ने सुनवाई टालने की मांग की जिसका सह-आरोपी अमित गुप्ता की ओर से वकील क्षितिज अहलावत ने कोई विरोध नहीं किया. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को करने का आदेश दिया.

मीडिया ट्रायल के खिलाफ दायर याचिका वापस ली

इस मामले का मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन है. पिछले 8 मार्च को सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से कहा गया था कि उन्हें जांच एजेंसी की जांच से कोई परेशानी नहीं है, समस्या मीडिया ट्रायल को लेकर है.

ताहिर हुसैन के वकील ने कोर्ट में न्यूज़ की एक क्लिपिंग दिखाई थी और कहा था कि इसमें डिस्क्लेमर के रुप में केवल ये बताया गया है कि ये रिपोर्ट पूरक चार्जशीट पर आधारित है. तब कोर्ट ने कहा था कि उसने यूएपीए से संबंधित मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर विस्तृत आदेश जारी किया है. तब ताहिर हुसैन के वकील ने कहा था कि अब हमारी याचिका का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कोर्ट से याचिका वापस लेने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.

मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं

पिछले 28 जनवरी सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के पहले ही मीडिया ऐसी खबरें चला रहा है जैसे ताहिर हुसैन दोषी हो.

उन्होंने कहा था कि ताहिर हुसैन विचाराधीन कैदी है , दोषी नहीं. उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं वे महज आरोप हैं, प्रमाणित तथ्य नहीं. मीडिया की ओर से ऐसा करने से उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन होता है. रिजवान ने कोर्ट से मीडिया संगठनों को ताहिर हुसैन के खिलाफ ट्रायल चलाने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी.

एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग का आरोप

ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है. चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है.

ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग किया. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.

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