नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में गर्मी का पारा लगातार बढ़ता जा रहा हैं. तापमान 44 से 45 डिग्री तक पहुंच चुका है. ऐसे में आग लगने की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं.
आमतौर पर आगजनी की 70 से 90 कॉल प्रतिदिन दमकल विभाग को मिलती हैं. गर्मी के बढ़ने से 140 से 150 कॉल प्रतिदिन दमकल विभाग को मिल रही हैं.
दमकल विभाग की माने तो गर्मी बढ़ने के साथ ही आगजनी की घटनाएं और तेजी से बढ़ेंगी. फिलहाल इसके लिए दमकल विभाग पूरी तरह से तैयार है.
70 फीसदी घटनाएं बढ़ी
दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग का कहना है कि राजधानी की बढ़ती गर्मी में आपका जूता आग लगाने के लिए काफी है.
सड़क पर चलने के दौरान आपके जूते और सड़क के बीच होने वाले घर्षण से निकली मामूली चिंगारी भी आग लगाने के लिए काफी है.
उन्होंने बताया कि 40 डिग्री से ऊपर तापमान जाने के बाद बहुत मामूली चिंगारी आग भड़काने के लिए काफी होती है. यही वजह है कि राजधानी में आग लगने की घटनाएं अचानक 70 फीसदी तक बढ़ गई हैं.
'एक चिंगारी ही काफी है'
अतुल गर्ग का कहना है कि गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ ही आगजनी की घटनाएं भी बढ़ती हैं. किसी भी वस्तु को जलने के लिए जो तापमान चाहिए वह गर्मी में उपलब्ध रहता है.
मई से जून के बीच झुग्गियों एवं छत पर रखे कचरे तक में आग लगने की संभावना हमेशा बनी रहती है. एक मामूली चिंगारी इन्हें जलाकर खाक कर देती है.
इसके साथ ही गर्मी में एसी में शार्ट सर्किट की घटनाएं भी अचानक बढ़ जाती हैं. यही वजह है कि प्रत्येक वर्ष गर्मियों में सैकड़ों की संख्या में झुग्गियां जलकर खाक हो जाती हैं.
दमकल विभाग है तैयार
जानकारी के मुताबिक दिल्ली में कुल 68 फायर स्टेशन हैं. रोजाना 1200 से 1300 दमकल कर्मचारी गर्मी में तैनात रहते हैं. आग से निपटने के लिए दमकल के पास सभी उपकरण मौजूद हैं. गर्मी बढ़ने के साथ ही सभी दमकल कर्मचारियों की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है. 500 नए दमकल कर्मचारियों का प्रशिक्षण चल रहा है जो जून माह में आ जाएंगे.
आग से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
- अपना एसी चालू करने से पहले उसकी सर्विस अवश्य करवा लें
- अपने घर के लिए आवशयक बिजली के लोड की जांच करवाएं
- घर, दुकान या दफ्तर में सीढ़ियों एवं बाहर निकलने के रास्ते पर कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं रखें
- छत पर किसी प्रकार का कचरा या ज्वलनशील पदार्थ न रखें
- इमारत की छत को कवर न करें, इससे आग लगने की अवस्था में आपको वहां से आसानी से बचाया जा सकता है