नई दिल्ली: राजधानी में SMC यानि स्कूल प्रबंधन कमेटी पर घमासान अभी खत्म नहीं हुआ है. भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा और स्कूल प्रबंधन कमेटी को भंग किए जाने की मांग की.
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से मांग की है कि, स्कूल प्रबंधन कमेटी को भंग किया जाए. गुप्ता ने दावा किया है कि एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए विद्यालय प्रबंधन कमेटी (एसएमसी) की असलियत सामने आई है, उन्होंने बताया कि गांधीनगर के एक स्कूल में अभिभावकों पर कसमें खाने का जब दबाव डाला गया, तब अभिभावकों ने इसका विरोध किया.
'SMC बन गई है आप का राजनैतिक प्लेटफार्म'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी SMC के नाम पर राजनीति कर रही है, ये AAP का राजनैतिक प्लेटफॉर्म बन गया है. उन्होंने कहा कि हम दावे के साथ कह सकते हैं कि दिल्ली की सभी SMC के सदस्य आम आदमी पार्टी के विधायक, पार्षद और पदाधिकारी हैं.
AAP पर ये भी आरोप लगा है कि एसएमसी के जरिए छोटे बच्चों को वोटों की राजनीति से जोड़ा जा रहा है
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन कमेटी के माध्यम से दिल्ली के स्कूली बच्चों को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ा जा रहा है, गुप्ता ने उपराज्यपाल से मांग की है कि SMC को तुरंत भंग किया जाए, क्योंकि कमेटी अपने मूल उद्देश्य से भटक कर एक पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एसएमसी को एक साधन बनाया गया है.
'एसएमसी का कार्यकाल खत्म होने के बाद नहीं हुआ चुनाव'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन कमेटी का कार्यकाल खत्म हो चुका है लेकिन बिना किसी चुनाव प्रक्रिया के कमेटी के कार्यकाल को आगे बढ़ा दिया गया है.
'एसएमसी सदस्यों के स्कूल में जाने पर लगे रोक'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि एसएमसी की मीटिंग एक राजनीतिक अड्डा बन चुकी है, इसलिए हमारी उपराज्यपाल महोदय से ये मांग है कि एसएमसी सदस्यों के स्कूल में प्रवेश पर रोक लगाई जाए, क्योंकि एसएमसी सदस्य स्कूलों में पहुंचकर वहां का माहौल खराब कर रहे हैं और शिक्षा का राजनीतिकरण कर रहे हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों की भी स्कूल में एंट्री बैन होनी चाहिए.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि गांधीनगर स्कूल का स्टिंग सामने आने के बाद तीन दिन से स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाचार्य को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर के कार्यालय में बुलाकर प्रताड़ित किया जा रहा है.