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छात्रों के लिए अच्छा ऑप्शन है DU का ये ऐतिहासिक कॉलेज, जानें खुद यहां के प्रिंसिपल की जुबानी

दिल्ली विश्वविद्यालय में 20 जून के बाद एडमिशन शुरू हो रहे हैं. विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों ने दाखिले की पूरी तैयारियां कर ली हैं. नए शैक्षणिक सत्र में भी कई बदलाव किए गए. दिल्ली विश्वविद्यालय ने दाखिले, शैक्षणिक योग्यता और इकोनॉमिक वीकर सेक्शन के संबंध में जानकारी देने के लिए सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल की बैठक बुलाई थी.

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Published : Jun 14, 2019, 7:32 AM IST

Updated : Jun 14, 2019, 10:42 AM IST

प्रिंसिपल बक्शी

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में 20 मई के बाद एडमिशन शुरू हो जाएंगे. इसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों ने दाखिले की तैयारियां पूरी कर ली हैं. नए शैक्षणिक सत्र 2019-20 में भी कई बदलाव किए गए. दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस साल दाखिला प्रक्रिया में कई बदलावों के साथ कई नई चीजों को भी लागू कर दिया है. ऐसे में कॉलेजों को दाखिले, शैक्षणिक योग्यता और इकोनॉमिक वीकर सेक्शन के संबंध में जानकारी देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल की मीटिंग बुलाई गई थी.

प्रिंसिपल बख्शी से खास बातचीत

इस पर हमने दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल आईएस बख्शी से बात की. उन्होंने बताया दिल्ली विश्वविद्यालय की हर साल यही कोशिश रहती है कि दाखिले बिना किसी परेशानी के और सावधानीपूर्वक हो सकें. क्योंकि जो भी बदलाव किए जाते हैं. वे छात्रों की सुविधाओं को देखकर ही किए जाते हैं.

1910 में लाहौर में बना था कॉलेज

हमने जब दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल से नए छात्रों के लिए दाखिले की तैयारियों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया की दयाल सिंह कॉलेज पुराने और ऐतिहासिक कॉलेजों में से एक है. कॉलेज सन 1910 में लाहौर में बना था और देश की आजादी के बाद कॉलेज को दिल्ली में शिफ्ट कर दिया गया. प्रिंसिपल ने बताया कि इस समय कॉलेज में कुल 17 ऑनर्स कोर्स हैं. जिसमें छात्र दाखिला ले सकते हैं. इस के साथ ही कॉलेज में संस्कृत, उर्दू और पंजाबी में भी ऑनर्स कोर्स कराए जाते हैं.

'हाई रह सकती है कट ऑफ लिस्ट'

प्रिंसिपल आईएस बख्शी से हमने इस साल जारी होने वाली कटऑफ लिस्ट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि कट ऑफ छात्रों द्वारा चुने गए सबसे ज्यादा पॉपुलर कोर्सों पर डिपेंड करती है. जिस कोर्स की ज्यादा डिमांड होगी. उस कोर्स की कट ऑफ 90 फीसदी से ऊपर जा सकती है. इस के साथ ही प्रिंसिपल ने छात्रों को यह सलाह दी कि वह यूनिवर्सिटी की वेबसाइट और कॉलेज की वेबसाइट को चेक करते रहें.

'कोर्स को महत्व दें कॉलेज को नहीं'

एडमिशन के लिए आने वाले छात्रों के लिए प्रिंसिपल ने बताया कि नए छात्र एडमिशन के दौरान अपने ओरिजिनल सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज लेकर आएं. जिससे कि उनके दस्तावेजों की जांच के बाद एडमिशन प्रक्रिया पूरी की जा सके. प्रिंसिपल बख्शी ने छात्रों को ये सलाह भी दी कि छात्र कॉलेज से ज्यादा कोर्स को महत्व दें. क्योंकि कोर्स के आधार पर ही छात्रों का भविष्य तय होता है. आखिर में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों को जो डिग्री दी जाती है. उस पर कॉलेज के बजाय दिल्ली विश्वविद्यालय का ही नाम लिखा होता है. जिससे कि सभी कॉलेजों की डिग्री एक समान दिल्ली विश्वविद्यालय की ही होती है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में 20 मई के बाद एडमिशन शुरू हो जाएंगे. इसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों ने दाखिले की तैयारियां पूरी कर ली हैं. नए शैक्षणिक सत्र 2019-20 में भी कई बदलाव किए गए. दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस साल दाखिला प्रक्रिया में कई बदलावों के साथ कई नई चीजों को भी लागू कर दिया है. ऐसे में कॉलेजों को दाखिले, शैक्षणिक योग्यता और इकोनॉमिक वीकर सेक्शन के संबंध में जानकारी देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल की मीटिंग बुलाई गई थी.

प्रिंसिपल बख्शी से खास बातचीत

इस पर हमने दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल आईएस बख्शी से बात की. उन्होंने बताया दिल्ली विश्वविद्यालय की हर साल यही कोशिश रहती है कि दाखिले बिना किसी परेशानी के और सावधानीपूर्वक हो सकें. क्योंकि जो भी बदलाव किए जाते हैं. वे छात्रों की सुविधाओं को देखकर ही किए जाते हैं.

1910 में लाहौर में बना था कॉलेज

हमने जब दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल से नए छात्रों के लिए दाखिले की तैयारियों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया की दयाल सिंह कॉलेज पुराने और ऐतिहासिक कॉलेजों में से एक है. कॉलेज सन 1910 में लाहौर में बना था और देश की आजादी के बाद कॉलेज को दिल्ली में शिफ्ट कर दिया गया. प्रिंसिपल ने बताया कि इस समय कॉलेज में कुल 17 ऑनर्स कोर्स हैं. जिसमें छात्र दाखिला ले सकते हैं. इस के साथ ही कॉलेज में संस्कृत, उर्दू और पंजाबी में भी ऑनर्स कोर्स कराए जाते हैं.

'हाई रह सकती है कट ऑफ लिस्ट'

प्रिंसिपल आईएस बख्शी से हमने इस साल जारी होने वाली कटऑफ लिस्ट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि कट ऑफ छात्रों द्वारा चुने गए सबसे ज्यादा पॉपुलर कोर्सों पर डिपेंड करती है. जिस कोर्स की ज्यादा डिमांड होगी. उस कोर्स की कट ऑफ 90 फीसदी से ऊपर जा सकती है. इस के साथ ही प्रिंसिपल ने छात्रों को यह सलाह दी कि वह यूनिवर्सिटी की वेबसाइट और कॉलेज की वेबसाइट को चेक करते रहें.

'कोर्स को महत्व दें कॉलेज को नहीं'

एडमिशन के लिए आने वाले छात्रों के लिए प्रिंसिपल ने बताया कि नए छात्र एडमिशन के दौरान अपने ओरिजिनल सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज लेकर आएं. जिससे कि उनके दस्तावेजों की जांच के बाद एडमिशन प्रक्रिया पूरी की जा सके. प्रिंसिपल बख्शी ने छात्रों को ये सलाह भी दी कि छात्र कॉलेज से ज्यादा कोर्स को महत्व दें. क्योंकि कोर्स के आधार पर ही छात्रों का भविष्य तय होता है. आखिर में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों को जो डिग्री दी जाती है. उस पर कॉलेज के बजाय दिल्ली विश्वविद्यालय का ही नाम लिखा होता है. जिससे कि सभी कॉलेजों की डिग्री एक समान दिल्ली विश्वविद्यालय की ही होती है.

Intro:दिल्ली विश्वविद्यालय में 20 मई के बाद एडमिशन शुरू हो जाएंगे इसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों ने दाखिले की तैयारियां पूरी कर ली हैं साथ ही नए शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए कई बदलाव भी किए गए, दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से इस साल दाखिला प्रक्रिया में कई बदलावों के साथ कई नई चीजों को भी लागू किया गया है ऐसे में कॉलेजों को दाखिले शैक्षणिक योग्यता इकोनामिक वीकर सेक्शन के संबंध में जानकारी देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल की मीटिंग बुलाई गई थी


Body:इस पर हमने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज दयाल सिंह के प्रिंसिपल आईएस बक्शी से बात की जिन्होंने बताया दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से हर साल यही कोशिश रहती है कि दाखिले बिना किसी परेशानी के और सावधानीपूर्वक कराए जा सकें साथ ही किसी भी छात्र को कोई परेशानी ना हो क्योंकि जो भी बदलाव किए जाते हैं और छात्रों की सुविधाओं को देखकर ही किए जाते हैं

1910 में लाहौर में बना था कॉलेज
इसी के साथ जब हमने प्रिंसिपल से दयाल सिंह कॉलेज कि नए छात्रों के लिए दाखिले की तैयारियों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया की दयाल सिंह कॉलेज पुराने और ऐतिहासिक कॉलेजों में से एक है कॉलेज सन 1910 में लाहौर में बना था और देश आजाद होने के बाद कॉलेज को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया, प्रिंसिपल ने बताया कि इस समय कॉलेज में कुल 17 कोर्स है जिसमें छात्र दाखिला ले सकते हैं इसी के साथ कॉलेज में संस्कृत उर्दू और पंजाबी में ऑनर्स कोर्स भी कराए जाते हैं

90 फ़ीसदी से ऊपर जा सकती है कट ऑफ लिस्ट
वहीं जब प्रिंसिपल आईएस बक्शी से हमने इस साल जारी होने वाली कटऑफ को लेकर सवाल किया तो प्रिंसिपल ने बताया कि कट ऑफ छात्रों के द्वारा चुने गए सबसे ज्यादा पॉपुलर कोर्सों पर डिपेंड करती है जिस कोर्स की ज्यादा डिमांड होगी उस फोर्स की कट ऑफ 90 फ़ीसदी से ऊपर जा सकती है इसी के साथ प्रिंसिपल की छात्रों को यह सलाह थी कि वह यूनिवर्सिटी की वेबसाइट और कॉलेज की वेबसाइट पर कट ऑफ लिस्ट और बेस्ट


Conclusion:कॉलेज से ज्यादा कोर्स को दे महत्व
वही एडमिशन के लिए आने वाले छात्रों के लिए प्रिंसिपल ने जानकारी देते हुए बताया कि नए छात्र एडमिशन के दौरान अपने ओरिजिनल सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज लेकर आए जिससे कि उनके दस्तावेजों की जांच के बाद एडमिशन प्रक्रिया पूरी की जा सके प्रिंसिपल आईएस बख्शी ने छात्रों को यह भी सलाह दी कि छात्र कॉलेज से ज्यादा कोर्स को महत्व दें क्योंकि कोर्स के आधार पर ही छात्रों का भविष्य तय होता है और अंत में दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से जो डिग्री छात्रों को दी जाती है उस पर किसी कॉलेज का नाम ना होकर दिल्ली विश्वविद्यालय ही लिखा होता है जिससे कि सभी कॉलेजों की डिग्री समान दिल्ली विश्वविद्यालय की ही होती है,
Last Updated : Jun 14, 2019, 10:42 AM IST
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