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DU के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी गठित न होने से दिल्ली सरकार ने रोकी वित्तीय मदद

शिक्षा मंत्री ने पत्र में स्पष्ट किया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में दिल्ली सरकार पूर्ण रूप से या अल्प रूप से आर्थिक मदद देती है. ऐसे में जब तक कॉलेज में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं किया जाता तब तक हर तरह की आर्थिक मदद रोक दिए जाएं.

दिल्ली सरकार ने रोकी वित्तीय मदद
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Published : Apr 25, 2019, 6:36 AM IST

नई दिल्ली: DU के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने से दिल्ली सरकार ने खासी नाराजगी जाहिर की है. साथ ही इन कॉलेजों में किसी भी तरह की वित्तीय मदद ना दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उच्च शिक्षा सचिव को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने इन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.

शिक्षा मंत्री ने पत्र में स्पष्ट किया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में दिल्ली सरकार पूर्ण रूप से या अल्प रूप से आर्थिक मदद देती है. ऐसे में जब तक कॉलेज में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं किया जाता तब तक हर तरह की आर्थिक मदद रोक दिए जाएं.

बता दें कि इस पत्र की प्रति दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर और प्रधान सचिव को भी भेज दी गई है. वहीं शिक्षा मंत्री के इस पत्र का शिक्षक संघ और एबीवीपी ने एकजुट होकर विरोध किया है.

शिक्षा मंत्री के इस पत्र को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने विरोध जताया है. डूटा के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा धमकी भरे पत्र भेजना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि केवल गवर्निंग बॉडी ना बनने की वजह से फंड रोका नहीं जा सकता. अगर फंड नहीं आता तो इससे बहुत से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी. साथ ही कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पाएगा.

राजीव का कहना है कि ऐसे समय में फंड रोकना जब कॉलेज के ज्यादातर छात्र परीक्षा की तैयारियों में व्यस्त हैं सरासर गलत है. डूटा ने विश्वविद्यालय से कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी जल्द से जल्द गठित करने की मांग की है. साथ ही सरकार से यह धमकी भरा पत्र वापस लेने को कहा है.

शिक्षक ही नहीं एबीवीपी ने भी दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश का विरोध किया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी विद्यालय कैंपस के अंदर निम्न स्तर की राजनीति को बढ़ावा दे रही है.

सिद्धार्थ ने कहा कि गवर्निंग बॉडी चेयरमैन के पद पर आम आदमी पार्टी अनुभव हीन लोगों को नियुक्त करवाना चाहती है जो किसी भी तरह से मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी दिल्ली सरकार के कहने पर गवर्निंग बॉडी में जिन लोगों को चैयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया था वह किसी भी तरह से उस पद के योग्य नहीं थे.

शिक्षा या शिक्षा से संबंधित किसी भी क्षेत्र से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था लेकिन दिल्ली सरकार ने मनमानी करते हुए ऐसे लोगों को ही चेयरमैन के पद पर बिठा दिया जिससे राजनीति की जा सके. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यह मांग की है कि दिल्ली सरकार के दबाव में आकर नहीं बल्कि योग्य और अनुभवी व्यक्तियों को चुनकर ही उन्हें गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन पद पर नियुक्त किया जाए जिससे किसी भी तरह की राजनीति कैंपस में ना हो सके.

नई दिल्ली: DU के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने से दिल्ली सरकार ने खासी नाराजगी जाहिर की है. साथ ही इन कॉलेजों में किसी भी तरह की वित्तीय मदद ना दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उच्च शिक्षा सचिव को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने इन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.

शिक्षा मंत्री ने पत्र में स्पष्ट किया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में दिल्ली सरकार पूर्ण रूप से या अल्प रूप से आर्थिक मदद देती है. ऐसे में जब तक कॉलेज में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं किया जाता तब तक हर तरह की आर्थिक मदद रोक दिए जाएं.

बता दें कि इस पत्र की प्रति दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर और प्रधान सचिव को भी भेज दी गई है. वहीं शिक्षा मंत्री के इस पत्र का शिक्षक संघ और एबीवीपी ने एकजुट होकर विरोध किया है.

शिक्षा मंत्री के इस पत्र को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने विरोध जताया है. डूटा के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा धमकी भरे पत्र भेजना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि केवल गवर्निंग बॉडी ना बनने की वजह से फंड रोका नहीं जा सकता. अगर फंड नहीं आता तो इससे बहुत से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी. साथ ही कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पाएगा.

राजीव का कहना है कि ऐसे समय में फंड रोकना जब कॉलेज के ज्यादातर छात्र परीक्षा की तैयारियों में व्यस्त हैं सरासर गलत है. डूटा ने विश्वविद्यालय से कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी जल्द से जल्द गठित करने की मांग की है. साथ ही सरकार से यह धमकी भरा पत्र वापस लेने को कहा है.

शिक्षक ही नहीं एबीवीपी ने भी दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश का विरोध किया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी विद्यालय कैंपस के अंदर निम्न स्तर की राजनीति को बढ़ावा दे रही है.

सिद्धार्थ ने कहा कि गवर्निंग बॉडी चेयरमैन के पद पर आम आदमी पार्टी अनुभव हीन लोगों को नियुक्त करवाना चाहती है जो किसी भी तरह से मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी दिल्ली सरकार के कहने पर गवर्निंग बॉडी में जिन लोगों को चैयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया था वह किसी भी तरह से उस पद के योग्य नहीं थे.

शिक्षा या शिक्षा से संबंधित किसी भी क्षेत्र से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था लेकिन दिल्ली सरकार ने मनमानी करते हुए ऐसे लोगों को ही चेयरमैन के पद पर बिठा दिया जिससे राजनीति की जा सके. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यह मांग की है कि दिल्ली सरकार के दबाव में आकर नहीं बल्कि योग्य और अनुभवी व्यक्तियों को चुनकर ही उन्हें गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन पद पर नियुक्त किया जाए जिससे किसी भी तरह की राजनीति कैंपस में ना हो सके.

Intro:दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने से दिल्ली सरकार ने खासी नाराजगी जाहिर की है. साथ ही इन कॉलेजों में किसी भी तरह की वित्तीय मदद ना दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उच्च शिक्षा सचिव को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने इन कॉलेजों के खिलाफ कार्यवाई करने को कहा है. शिक्षा मंत्री ने पत्र में स्पष्ट किया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में दिल्ली सरकार पूर्ण रूप से या अल्प रूप से आर्थिक मदद देती है. ऐसे में जब तक कॉलेज में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं किया जाता तब तक हर तरह की आर्थिक मदद रोक दिए जाने की बात की है. बता दें कि इस पत्र की प्रति दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर और प्रधान सचिव को भी भेज दी गई है. वहीं शिक्षा मंत्री के इस पत्र का शिक्षक संघ और एबीवीपी ने एकजुट होकर विरोध किया है.


Body:शिक्षा मंत्री के इस पत्र को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने विरोध जताया है. डूटा के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा धमकी भरे पत्र भेजना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि केवल गवर्निंग बॉडी ना बनने की वजह से फंड रोका नहीं जा सकता. अगर फंड नहीं आता तो इससे बहुत से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी. साथ ही कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पाएगा. राजीव का कहना है कि ऐसे समय में फंड रोकना जब कॉलेज के ज्यादातर छात्र परीक्षा की तैयारियों में व्यस्त हैं सरासर गलत है. डूटा ने विश्वविद्यालय से कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी जल्द से जल्द गठित करने की मांग की है. साथ ही सरकार से यह धमकी भरा पत्र वापस लेने को कहा है.

शिक्षक ही नहीं एबीवीपी ने भी दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश का विरोध किया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी विद्यालय कैंपस के अंदर निम्न स्तर की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. सिद्धार्थ ने कहा कि गवर्निंग बॉडी चेयरमैन के पद पर आम आदमी पार्टी अनुभव हीन लोगों को नियुक्त करवाना चाहती है जो किसी भी तरह से मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी दिल्ली सरकार के कहने पर गवर्निंग बॉडी में जिन लोगों को चैयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया था वह किसी भी तरह से उस पद के योग्य नहीं थे. शिक्षा या शिक्षा से संबंधित किसी भी क्षेत्र से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था लेकिन दिल्ली सरकार ने मनमानी करते हुए ऐसे लोगों को ही चेयरमैन के पद पर बिठा दिया जिससे राजनीति की जा सके. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यह मांग की है कि दिल्ली सरकार के दबाव में आकर नहीं बल्कि योग्य और अनुभवी व्यक्तियों को चुनकर ही उन्हें गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन पद पर नियुक्त किया जाए जिससे किसी भी तरह की राजनीति कैंपस में ना हो सके.




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