रामेश्वरम (तमिलनाडु): श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पकड़े गए मछुआरों को रिहा करने के लिए कार्रवाई न करने पर रामेश्वरम के मछुआरों ने पंबन ब्रिज को घेर लिया और धरना दिया. पुलिस और मछुआरों के बीच हाथापाई भी हुई.
10 नवंबर को श्रीलंकाई नौसेना ने नेदुन्तिवु के पास दो नौकाओं और रामेश्वरम के 23 मछुआरों को पकड़ लिया था, जो मछली पकड़ने के लिए रामेश्वरम से समुद्र में गए थे. सभी मछुआरे वर्तमान में श्रीलंका की जेलों में हैं और अपने रिश्तेदारों से मिलने में असमर्थ हैं.
इस मामले को लेकर मंगलवार को रामेश्वरम के सभी मछुआरों ने पंबन बस स्टेशन के पास पंबन ब्रिज को घेर लिया और धरना दिया. प्रदर्शनकारियों ने पकड़े गए नाव और मछुआरों को रिहा करने के लिए कार्रवाई न करने पर श्रीलंकाई नौसेना और केंद्र-राज्य सरकार की निंदा की गई. मछुआरों ने सड़क पर लगातार धरना-प्रदर्शन के कारण मदुरै राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो घंटे तक यातायात प्रभावित रहा.
मछुआरों के प्रदर्शन के कारण पर्यटन गतिविधियों और आम लोगों को परेशानी हुई. इसके अलावा, अगर केंद्र और राज्य सरकारें मछुआरों को रिहा करने के लिए कार्रवाई नहीं करती हैं, तो मछुआरों के संघों ने घोषणा की है कि जिस दिन ट्रेन सेवा शुरू होगी, वे पंबन में नए रेलवे पुल पर हड़ताल पर चले जाएंगे.
सीएम स्टालिन का विदेश मंत्री को पत्र
इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस मुद्दे पर मंगलवार को एक पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में कहा, "मैं आपका ध्यान श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी की घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं. ये गिरफ्तारियां न केवल उनकी आजीविका को बाधित करती हैं, बल्कि उनके परिवारों को भी भारी संकट का सामना करना पड़ता है."
हाल में भारतीय मछुआरों और नौकाओं को पकड़े जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारे मछुआरों की गिरफ्तारी को रोकने और सभी मछुआरों और उनकी मछली पकड़ने वाली नावों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तत्काल राजनयिक प्रयास करें. उन्होंने कहा कि 2024 में तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पकड़ा जाना पिछले सात वर्षों में सबसे अधिक है.
11 तमिल मछुआरों को जेल
वहीं, पुदुक्कोट्टई जिले के 15 तमिल मछुआरों का मामला मंगलवार को जाफना कोर्ट में सुनवाई के लिए रखा गया, जिन्हें हाल ही में श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़ा था. मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि 11 मछुआरों को दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है, इसलिए उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई जाती है और उन्होंने आदेश में उल्लेख किया कि 4 मछुआरों को सशर्त रिहा किया जा रहा है.
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