रामदरश मिश्र का कैसे शुरू हुआ कवि बनने का सफर, शेयर किए ये दिलचस्प किस्से

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 12, 2024, 9:44 PM IST

Updated : Nov 12, 2024, 11:06 PM IST

नई दिल्ली: साहित्य जगत में राम दरश मिश्र किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. ये जितने समर्थ कवि हैं, उतने ही समर्थ उपन्यासकार और कहानीकार भी हैं. इनकी लंबी साहित्य-यात्रा समय के कई मोड़ों और उतार-जढ़ाव से गुजरी है. नित्य नूतनता की छवि को प्राप्त होती गई है. अपने परिवेशगत अनुभवों एवं सोच को सृजन में उतारते हुए, उन्होंने गांव की मिट्टी, सादगी और मूल्यधर्मिता को अपनी रचनाओं में व्याप्त होने दिया, जो उनके व्यक्तित्व की पहचान भी है. गीत, नई कविता, छोटी कविता, लंबी कविता यानी कि कविता की कई शैलियों में उनकी सृजनात्मक प्रतिभा ने अपने प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ-साथ गजल में भी सार्थक उपस्थिति रेखांकित की. ऐसी शख्सियत से 'ETV भारत' ने विशेष बातचीत की. दरअसल,दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के श्री गुरू तेग बहादुर खालसा कॉलेज में मंगलवार से शताब्दी साहित्यकार रामदरश मिश्र पर केंद्रित दो दिवसीय अतंरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ.

"ये रास्ता था हरा भरा, लेकिन अपना नहीं था,
इसलिए जब जब इसपर पैर रखा फिसल कर गिर गया..."

Last Updated : Nov 12, 2024, 11:06 PM IST

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