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औंधे मुंह क्यों गिर रहे हैं Zomato के शेयर, ऑल टाइम हाई से 65 फीसदी नीचे फिसला

फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) के शेयर में गिरावट जारी है. शुक्रवार के ट्रेडिंग सेशन में जोमैटो का शेयर पहली बार 60 रुपये के नीचे पहुंच गया, जो इसकी लिस्टिंग प्राइस काफी कम है. इस कारण जोमैटो के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

zomato share price fall
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Published : May 6, 2022, 7:44 PM IST

नई दिल्ली : जोमैटो (Zomato) के शेयर में गिरावट का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को जोमैटो का शेयर का भाव करीब 6 फीसदी की गिरावट के साथ 57.65 रुपये तक जा फिसला. हालांकि कारोबार बंद होने तक इसमें थोड़ा सुधार हुआ और एक शेयर की कीमत 61.70 रुपये तक पहुंच गई. मगर अभी भी इसके इश्यू प्राइस 76 रुपये से काफी कम है. गौरतलब है कि 2021 में जोमैटो ने आईपीओ के जरिए मार्केट से 9,375 करोड़ रुपये जुटाये थे. 23 जुलाई 2021 को जोमैटो की स्टॉक एक्सचेंज पर 116 रुपये के रेट पर लिस्टिंग हुई थी.

रिपोर्टस के अनुसार, लगातार गिरावट के कारण कंपनी का मार्केट कैपिटलाईजेशन 50,000 करोड़ के नीचे पहुंच गया है. जोमैटो का शेयर अपने उच्चतम स्तर 169 रुपये से 65 फीसदी के करीब नीचे आ चुका है. यह इसके उच्चतम स्तर से 88,000 करोड़ रुपये के करीब कम है. 16 नवम्बर 2021 को जब जोमैटो का शेयर 169 रुपये का था तो उसका मार्केट कैप 1.33 लाख करोड़ रुपये के करीब था.

IIFL Securities के अनुज गुप्ता का कहना है कि जब जोमैटो मार्केट में लिस्ट हुई थी, तब यह प्रॉफिट मेकिंग कंपनी नहीं थी. कोरोना के दौरान लॉकडाउन ने जोमैटो समेत सभी ऑनलाइन ऑर्डर लेने वाली फूड कंपनियों को फायदा हुआ था. अब हालात बदल गए है. फूड की होम डिलिवरी भी लॉकडाउन जैसी नहीं हो रही है और लोग खुद आउटिंग कर रहे हैं. यूजर्स ने खाना मंगाना कम कर दिया है. कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू पेमेंट भी ज्यादा है, इस कारण जोमैटो को कैश फ्लो की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

अनुज गुप्ता का कहना है कि अभी जोमैटो के पास कुछ ऐसा अलग नहीं दिख रहा है कि जो बायर्स को अट्रैक्ट करे. कंपनी के पास अपना प्रॉडक्ट नहीं है, असेट नहीं है. अगर कभी लॉकडाउन की स्थिति आती है, तभी उसके प्लेटफार्म की डिमांड बन सकती है. ऐसे में ट्रेडर्स ने मान लिया है कि कंपनी के शेयर थोड़ी बहुत ट्रेडिंग के लिए तो सही है मगर इसमें निवेश करने का सही वक्त नहीं है. इस कारण इसके शेयर धारकों ने कंपनी की शेयरों की जबर्दस्त बिकवाली शुरू कर दी.

वैसे शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार का बुरा हाल रहा और यह गहरे लाल निशान में बंद हुआ. शुक्रवार को दिन के अंत में बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक टूटकर 54,835.58 पर बंद हुआ. निफ्टी में भी 271.40 अंकों की गिरावट हुई और यह 16,411.30 पर बंद हुआ. एक्सपर्ट के मुताबिक, बढ़ते ब्याज दर और महंगाई के कारण बाजारों में अस्थिरता आई और इसक असर भारतीय शेयर बाजार भी पड़ा.

पढ़ें : मुद्रास्फीति को रोकने के लिए केंद्रीय बैंकों ने की ब्याज दर में बढ़ोतरी

नई दिल्ली : जोमैटो (Zomato) के शेयर में गिरावट का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को जोमैटो का शेयर का भाव करीब 6 फीसदी की गिरावट के साथ 57.65 रुपये तक जा फिसला. हालांकि कारोबार बंद होने तक इसमें थोड़ा सुधार हुआ और एक शेयर की कीमत 61.70 रुपये तक पहुंच गई. मगर अभी भी इसके इश्यू प्राइस 76 रुपये से काफी कम है. गौरतलब है कि 2021 में जोमैटो ने आईपीओ के जरिए मार्केट से 9,375 करोड़ रुपये जुटाये थे. 23 जुलाई 2021 को जोमैटो की स्टॉक एक्सचेंज पर 116 रुपये के रेट पर लिस्टिंग हुई थी.

रिपोर्टस के अनुसार, लगातार गिरावट के कारण कंपनी का मार्केट कैपिटलाईजेशन 50,000 करोड़ के नीचे पहुंच गया है. जोमैटो का शेयर अपने उच्चतम स्तर 169 रुपये से 65 फीसदी के करीब नीचे आ चुका है. यह इसके उच्चतम स्तर से 88,000 करोड़ रुपये के करीब कम है. 16 नवम्बर 2021 को जब जोमैटो का शेयर 169 रुपये का था तो उसका मार्केट कैप 1.33 लाख करोड़ रुपये के करीब था.

IIFL Securities के अनुज गुप्ता का कहना है कि जब जोमैटो मार्केट में लिस्ट हुई थी, तब यह प्रॉफिट मेकिंग कंपनी नहीं थी. कोरोना के दौरान लॉकडाउन ने जोमैटो समेत सभी ऑनलाइन ऑर्डर लेने वाली फूड कंपनियों को फायदा हुआ था. अब हालात बदल गए है. फूड की होम डिलिवरी भी लॉकडाउन जैसी नहीं हो रही है और लोग खुद आउटिंग कर रहे हैं. यूजर्स ने खाना मंगाना कम कर दिया है. कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू पेमेंट भी ज्यादा है, इस कारण जोमैटो को कैश फ्लो की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

अनुज गुप्ता का कहना है कि अभी जोमैटो के पास कुछ ऐसा अलग नहीं दिख रहा है कि जो बायर्स को अट्रैक्ट करे. कंपनी के पास अपना प्रॉडक्ट नहीं है, असेट नहीं है. अगर कभी लॉकडाउन की स्थिति आती है, तभी उसके प्लेटफार्म की डिमांड बन सकती है. ऐसे में ट्रेडर्स ने मान लिया है कि कंपनी के शेयर थोड़ी बहुत ट्रेडिंग के लिए तो सही है मगर इसमें निवेश करने का सही वक्त नहीं है. इस कारण इसके शेयर धारकों ने कंपनी की शेयरों की जबर्दस्त बिकवाली शुरू कर दी.

वैसे शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार का बुरा हाल रहा और यह गहरे लाल निशान में बंद हुआ. शुक्रवार को दिन के अंत में बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक टूटकर 54,835.58 पर बंद हुआ. निफ्टी में भी 271.40 अंकों की गिरावट हुई और यह 16,411.30 पर बंद हुआ. एक्सपर्ट के मुताबिक, बढ़ते ब्याज दर और महंगाई के कारण बाजारों में अस्थिरता आई और इसक असर भारतीय शेयर बाजार भी पड़ा.

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