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चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट परोसने के मामले में ट्विटर की सफाई

ट्विटर ने चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट परोसने की अनुमति देने के आरोपों का खंडन किया है. ट्विटर ने कहा है कि बाल यौन शोषण पर उसकी जीरो टॉलरेंस की नीति है और इससे संबंधित सामग्री रोकने के लिए उसके पास सक्रिय दृष्टिकोण है.

ट्विटर की सफाई
ट्विटर की सफाई
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Published : Jun 30, 2021, 2:07 PM IST

नई दिल्ली : बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री परोसने की अनुमति देने के आरोपों पर ट्विटर ने सफाई पेश की है. ट्विटर ने कहा है कि बाल यौन शोषण (child sexual exploitation) पर उसकी जीरो टॉलरेंस की नीति है.

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ट्विटर के खिलाफ 'चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट' के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है.

इस पर कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, कंपनी बाल यौन उत्पीड़न के मामलों में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाती है और कंपनी का नाबालिगों के यौन शोषण के मामलों से मुकाबला करने को लेकर एक सक्रिय दृष्टिकोण है.

ट्विटर ने एक बयान में कहा कि हम इंटरनेट पर बच्चों के शोषण को रोकने की उभरती चुनौती का जवाब देने में हम सबसे आगे रहे हैं और ऑनलाइन बाल यौन शोषण के खिलाफ आक्रामक तरीके से लड़ना जारी रखेंगे. साथ ही उस तकनीक और उपकरणों में निवेश करें, जो इससे निपटने के लिए आवश्यक हैं.

कंपनी आगे कहा कि हम ट्विटर नियमों का उल्लंघन करने वाली सामग्री का सक्रिय रूप से पता लगाने और हटाने में निवेश करना जारी रखेंगे और इससे निपटने के लिए भारतीय जांच एजेंसियों और एनजीओ भागीदारों के साथ काम करेंगे.

ट्विटर व्यवहार संबंधी संकेतों का पता लगाने और मीडिया को हटाने के लिए PhotoDNA तकनीक और अन्य प्रणालियों का उपयोग करता है, जो अश्लील सामग्री रोकने में मदद करते हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने Twitter के खिलाफ IT और पॉक्सो एक्ट में दर्ज की FIR

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री परोसने की अनुमति देने के आरोप में माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से एक शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा कानून (पॉक्सो) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.

नई दिल्ली : बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री परोसने की अनुमति देने के आरोपों पर ट्विटर ने सफाई पेश की है. ट्विटर ने कहा है कि बाल यौन शोषण (child sexual exploitation) पर उसकी जीरो टॉलरेंस की नीति है.

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ट्विटर के खिलाफ 'चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट' के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है.

इस पर कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, कंपनी बाल यौन उत्पीड़न के मामलों में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाती है और कंपनी का नाबालिगों के यौन शोषण के मामलों से मुकाबला करने को लेकर एक सक्रिय दृष्टिकोण है.

ट्विटर ने एक बयान में कहा कि हम इंटरनेट पर बच्चों के शोषण को रोकने की उभरती चुनौती का जवाब देने में हम सबसे आगे रहे हैं और ऑनलाइन बाल यौन शोषण के खिलाफ आक्रामक तरीके से लड़ना जारी रखेंगे. साथ ही उस तकनीक और उपकरणों में निवेश करें, जो इससे निपटने के लिए आवश्यक हैं.

कंपनी आगे कहा कि हम ट्विटर नियमों का उल्लंघन करने वाली सामग्री का सक्रिय रूप से पता लगाने और हटाने में निवेश करना जारी रखेंगे और इससे निपटने के लिए भारतीय जांच एजेंसियों और एनजीओ भागीदारों के साथ काम करेंगे.

ट्विटर व्यवहार संबंधी संकेतों का पता लगाने और मीडिया को हटाने के लिए PhotoDNA तकनीक और अन्य प्रणालियों का उपयोग करता है, जो अश्लील सामग्री रोकने में मदद करते हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने Twitter के खिलाफ IT और पॉक्सो एक्ट में दर्ज की FIR

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री परोसने की अनुमति देने के आरोप में माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से एक शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा कानून (पॉक्सो) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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