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युवाओं ने पीले व भूरे अंडे का बिजनेस शुरू किया, बन रहे आत्मनिर्भर - बिजनेस शुरू किया

दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तुरु तालुक के दो युवकों ने मुर्गी पालन के साथ पीले व भूरे रंग के अंडे बेचने का बिजनेस शुरू किया है. इन अंडों की बाजार में काफी मांग है.

पीले व भूरे अंडे का बिजनेस शुरू किया
पीले व भूरे अंडे का बिजनेस शुरू किया
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Published : Jun 17, 2021, 11:00 PM IST

पुत्तुरु (दक्षिण कन्नड़) : कोरोना संकट के दौर में जहां युवाओं को रोजगार पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. वहीं दक्षिण कन्नड़ के दो युवकों ने मुर्गी पालन के साथ पीले व भूरे रंग के अंडे बेचने का कारोबार शुरू किया है. इन अंडों की बाजार में अच्छी मांग है.

दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तुरु तालुक के अरियाडका गांव के चंद्रकांत और विल्सन विजय ने किसी और के यहां काम करने की जगह खुद का छोटा व्यवसाय शुरू किया. इनके द्वारा मुर्गी पालन के साथ अंडों को बेचने का काम प्रारंभ किया गया. इनके द्वारा बेचे जाने वाले अंडे बाजार में मिलने वाले अंडों से थोड़ा अलग होते हैं.

इतना ही नहीं इन अंडों में बहुत अधिक पोषक तत्व होता है. उन्होंने पीले/भूरे रंगे अंडों की बाजार में अच्छी मांग होने पर ही इस व्यवसाय को शुरू किया.

पढ़ें - कर्नाटक : एमएलसी एच विश्वनाथ ने सीएम येदियुरप्पा पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

इसके लिए इन युवाओं ने चूजों को केरल से मंगाने के साथ ही पुत्तुरु के पास अरियादका और मद्यंगला में मुर्गी पालन के लिए दो एकड़ जमीन खरीदने के साथ कारोबार प्रारंभ कर दिया.

200 मुर्गियों से शुरू किए गए कारोबार में अब मुर्गियों की संख्या बढ़कर 1200 हो गई है. इन मुर्गियों की खासियत यह भी है कि ये पूरे साल अंडे देती हैं और प्रत्येक अंडे की कीमत बाजार में 10 रुपये है.

इन युवाओं ने बताया कि प्रत्येक मुर्गियां 350 रुपये में खरीदी कर लाते हैं और चार महीने के बाद ये मुर्गियां अंडे देना शुरू कर देती हैं. इसके अलावा इनके द्वारा क्षेत्र में सब्जियां और फल की भी पैदावार किया जा रहा है. ये युवा ताइवान पपीता, अनानास और थोंडेकाई के अलावा विभिन्न प्रकार का खेती कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

पुत्तुरु (दक्षिण कन्नड़) : कोरोना संकट के दौर में जहां युवाओं को रोजगार पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. वहीं दक्षिण कन्नड़ के दो युवकों ने मुर्गी पालन के साथ पीले व भूरे रंग के अंडे बेचने का कारोबार शुरू किया है. इन अंडों की बाजार में अच्छी मांग है.

दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तुरु तालुक के अरियाडका गांव के चंद्रकांत और विल्सन विजय ने किसी और के यहां काम करने की जगह खुद का छोटा व्यवसाय शुरू किया. इनके द्वारा मुर्गी पालन के साथ अंडों को बेचने का काम प्रारंभ किया गया. इनके द्वारा बेचे जाने वाले अंडे बाजार में मिलने वाले अंडों से थोड़ा अलग होते हैं.

इतना ही नहीं इन अंडों में बहुत अधिक पोषक तत्व होता है. उन्होंने पीले/भूरे रंगे अंडों की बाजार में अच्छी मांग होने पर ही इस व्यवसाय को शुरू किया.

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इसके लिए इन युवाओं ने चूजों को केरल से मंगाने के साथ ही पुत्तुरु के पास अरियादका और मद्यंगला में मुर्गी पालन के लिए दो एकड़ जमीन खरीदने के साथ कारोबार प्रारंभ कर दिया.

200 मुर्गियों से शुरू किए गए कारोबार में अब मुर्गियों की संख्या बढ़कर 1200 हो गई है. इन मुर्गियों की खासियत यह भी है कि ये पूरे साल अंडे देती हैं और प्रत्येक अंडे की कीमत बाजार में 10 रुपये है.

इन युवाओं ने बताया कि प्रत्येक मुर्गियां 350 रुपये में खरीदी कर लाते हैं और चार महीने के बाद ये मुर्गियां अंडे देना शुरू कर देती हैं. इसके अलावा इनके द्वारा क्षेत्र में सब्जियां और फल की भी पैदावार किया जा रहा है. ये युवा ताइवान पपीता, अनानास और थोंडेकाई के अलावा विभिन्न प्रकार का खेती कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

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