कोटा. पुलिस कार्यप्रणाली से नाखुश युवक ने गुरुवार रात नयापुरा थाना परिसर में पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास (Youth set himself on fire in the police station) किया. युवक को जलता देख मौजूद पुलिस कांस्टेबल श्यामसुंदर और परमेश्वर यादव ने कंबल और दरी डालकर युवक को बचाया और गंभीर अवस्था में एमबीएम अस्पताल (Youth attempted self immolation in Kota) पहुंचाया गया. जहां से उसे जयपुर रेफर कर दिया गया.
युवक का नाम राधेश्याम मीणा बताया जा रहा है. युवक ने कुछ दिन पहले मारपीट का आरोप कांग्रेस नेता और पार्षद पर लगाया था. युवक रात करीब 8 बजे थाने पहुंचा और खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली. इसे देखते हुए मौके पर मौजूद कॉन्स्टेबल श्यामसुंदर और परमेश्वर यादव ने कंबल और दरी के मदद से उसे बचाया और तुरंत गंभीर घायल अवस्था में एमबीएस अस्पताल में पहुंचा दिया. जहां उसे भर्ती किया है. राधेश्याम बात कर रहा है, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
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मामले में सामने आ रहा है कि खंड गावडी निवासी राधेश्याम मीणा ने क्षेत्रीय पार्षद हरिओम सुमन के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट 5 सितंबर को दी थी. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की थी. वह लगातार थाने के चक्कर काट रहा था (Kota Man set himself ablaze). पुलिस की कार्यप्रणाली से नाखुश युवक ने गुरुवार रात में आत्मदाह का प्रयास किया. हालांकि इस मामले में पुलिस ने अभी किसी भी प्रकार का बयान देने से इनकार कर दिया है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर शुरू हुआ था विवादः मामले के अनुसार क्षेत्रीय पार्षद हरिओम सुमन से राधेश्याम मीणा ने अपने इलाके में बिजली पोल और केबल को दुरुस्त करवाने की शिकायत की थी. सुधार नहीं होने पर सोशल मीडिया पर राधेश्याम ने पोस्ट डाल दी थी. जिसके बाद पार्षद से लड़ाई झगड़ा हो गया था. इस मामले में उसने पार्षद पर घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया था और इसी संबंध में 5 सितंबर को नयापुरा थाने में शिकायत दी थी. आरोप है कि वह लगातार थाने में जा रहा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. किसी बात से नाराज होकर आज राधेश्याम ने इस घटना को अंजाम दिया है.
भाजपा नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप, सरकार के दबाव में हुई घटनाः इस मामले में रामगंजमंडी विधायक और भाजपा प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा और पूर्व विधायक कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल एमबीएस अस्पताल पहुंचे. उन्होंने पीड़ित राधेश्याम मीणा से मुलाकात की. साथ ही साफ आरोप लगाए हैं कि सरकार के दबाव में यह घटनाक्रम हुआ है. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने समय पर कार्रवाई नहीं की, इसी के चलते घटना हुई है. अगर पुलिसकर्मी पार्षद को गिरफ्तार कर लेते या कार्रवाई करते तो, इस तरह की घटना को अंजाम राधेश्याम मीणा नहीं देता. उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता गंभीर घायल राधेश्याम मीणा को बचाना है. उसे उचित उपचार मिले, प्रशासन अगर कोटा में इलाज चले, या फिर जयपुर. उसकी जान बचाना ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
पार्षद ने भी दे रखी है शिकायत: राधेश्याम मीणा के परिजनों का कहना है कि उनके शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई और इस बात से राधेश्याम मीणा आहत था. कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत का कहना है कि इस मामले परिजनों से उन्होंने बात की है. जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से क्रॉस शिकायत आई है. मुकदमा अभी दर्ज नहीं हुआ है. यह किस तरह की शिकायतें हैं, इनके बारे में देखकर ही जानकारी दी जा सकती है. राधेश्याम मीणा करीब 30 से 35 फीसदी तक झुलस गया है. ऐसे में उसका उपचार चल रहा है. पुलिसकर्मी इसे एमबीएस अस्पताल लेकर आ गए थे और भर्ती करवा दिया था.