अरक्कोणम (रानीपेट): एक बचाव अभियान में, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पुलिस ने 24 घंटे से अधिक समय से ट्रेन के शौचालय में फंसे एक युवक को सफलतापूर्वक मुक्त करा लिया. यह घटना झारखंड के टाटा नगर से केरल के एर्नाकुलम जा रही एर्नाकुलम एक्सप्रेस ट्रेन (18189) में हुई. ट्रेन की यात्रा रविवार, 20 अगस्त को सुबह 5:30 बजे टाटानगर से प्रस्थान करके शुरू हुई.
यह घटना ट्रेन के एस2 कोच में उस समय सामने आई जब प्रस्थान के बाद शौचालय का दरवाजा बंद रहा. यात्रियों द्वारा दरवाज़ा खोलने के बार-बार प्रयास करने के बावजूद, दरवाजा नहीं खुला, जिससे यात्रियों के बीच चिंता बढ़ गई. जैसे ही ट्रेन रानीपेट जिले में अराकोणम स्टेशन के पास पहुंची, एस2 कोच में यात्रियों ने टिकट निरीक्षक को शौचालय के बंद दरवाजे के बारे में जानकारी दी.
टिकट निरीक्षक ने तुरंत अराकोणम आरपीएफ पुलिस को स्थिति के बारे में सूचित किया. त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए, आरपीएफ के जवानों और रेलवेकर्मचारियों की एक टीम ने बंद शौचालय के दरवाजे की जांच की और उसे खोलने का प्रयास किया. दरवाज़ा खुलवाने की कोशिशों के बावजूद, वह बंद ही रहा. कोई अन्य रास्ता न निकलने के चलते पुलिस ने शौचालय का दरवाजा तोड़ने का फैसला किया.
अंदर जाने पर उन्हें शौचालय के अंदर उत्तर भारत का एक 18 वर्षीय युवक मिला. आगे की जांच से पता चला कि युवक, जिसकी पहचान सोकन दास के रूप में हुई, उसके पास वैध ट्रेन टिकट नहीं था. यह भी पाया गया कि सोकन दास मानसिक रूप से अस्वस्थ प्रतीत हो रहा था. बचाए गए व्यक्ति को पुलिस पूछताछ के लिए ट्रेन से नीचे उतार लिया गया. लाख कोशिशों के बावजूद रेलवे पुलिस उससे ज्यादा जानकारी नहीं निकाल पाई.
बचाव अभियान के कारण अरक्कोणम से ट्रेन के प्रस्थान में 15 मिनट की देरी हुई. अधिकारियों ने कहा कि वे सोकन दास से पूछताछ करना जारी रखेंगे, ताकि उसकी परिस्थितियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके और वह बिना टिकट के यात्रा क्यों कर रहा था.