हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से बी.टेक की पढ़ाई पूरा करने के बाद वामसी कृष्णा नाम का एक लड़का नौकरी की तलाश में हैदराबाद आया. नौकरी मिलने के बाद उसे घुड़दौड़ और क्रिकेट में सट्टेबाजी की लत लग गई. इस लत की वजह से उसके ऊपर कई लोगों का कर्ज हो गया. कर्ज चुकाने के लिए उसने धोखाधड़ी का तरीका अपनाया. 6 साल की अवधि में उसने लड़कियों और विधवाओं सहित 1000 महिलाओं को ठगा. उसने उनसे 10 करोड़ रुपये लूट लिए. साइबराबाद पुलिस ने महीनों तक उसे पकड़ने की कोशिश के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. यह लड़का वामसी कृष्णा, हर्ष, हर्षवर्धन के आलावा लड़कियों के नाम से भी ठगी करता था. वह आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के रामचंद्र राव पेटा का रहने वाला है. 2014 में राजमुंदरी से बी.टेक पूरा करने के बाद नौकरी की तलाश में 2014 में हैदराबाद आया था. उसने कुकटपल्ली के वाइब्स होटल में दो साल तक काम भी किया.
अधिक पैसा कमाने के लिए वहां काम करते हुए उसने दोस्तों के साथ घुड़दौड़ और क्रिकेट पर दांव लगाना शुरू कर दिया. वह छह साल पहले एक कर्मचारी के रूप में ट्रैवल-कंसल्टेंसी कार्यालय में नौकरी करने लगा. वह वहां आने वालों को नौकरी दिलाने के नाम पर लिए मोटी रकम वसूल करने लगा. उसके द्वारा ठगे गए पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की. कुकटपल्ली पुलिस ने तब उसे गिरफ्तार किया था. लेकिन कुछ ही दिन में वह जेल से बाहर आ गया. जेल से बाहर आने के बाद उसने सोचा कि जेल जाना कोई बुरी बात नहीं है.
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फिर उसने धोखाधड़ी और पैसे लूटने का एक नया तरीका अपनाया. इसके बाद उसने गायत्री, माधुरी, सात्विका और श्वेता जैसी लड़कियों के नाम से इंस्टाग्राम अकाउंट खोला. उन खातों के माध्यम से, वह अन्य महिलाओं और लड़कियों को एक युवा महिला के रूप में अपना परिचय देता है. हर्ष उर्फ हर्षवर्धन धनी होने का दावा करने वाली लड़कियों को निशाना बनाकर फर्जी खातों से अपने फोन नंबर भेजता. वह अपना परिचय समाज सेवक के रूप में देता. उसने कई लड़कियों के काम देने के बहाने से भी ठगा. हर्ष वॉयस चेंजिंग ऐप्स की मदद से अपनी आवाज बदल लेता था.
यहां तक कि उन्होंने यनम विधायक श्रीनिवास अशोक का भी एक फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बना लिया था. जिसमें उसने विधायक की तस्वीर को डीपी के रूप में रखा. वह दूसरों के साथ ऐसे चैट करता है जैसे वह सचमूच में विधायक हो. पहले वह युवतियों के बैंक खातों में लाखों रुपये जमा करता था. अचानक बड़ी मात्रा में धन की आमद के साथ, उनका उस पर विश्वास बढ़ जाता. जिसका फायदा उठाकर वह उन महिलाओं से कहता था कि उसके बैंक खाते सस्पेंड कर दिए गए हैं और उसे पैसों की जरूरत है. उन पैसों के वह क्रिकेट और घुड़दौड़ में सट्टेबाजी करता. उसने ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइटों पर जा कर विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं से शादी करने के एवज में भी बड़ी ठगी की. पुलिस का दावा है कि वह 2016 से अब तक एक हजार से अधिक युवतियों और महिलाओं को ठग चुका है. जिसमें केवल 50-60 पीड़ितों ने बहादुरी से पुलिस में शिकायत की.
आरोपियों से मिले सबूतों के आधार पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 30 अन्य पीड़ितों की पहचान की गई. पुलिस के अनुसार, वामसी कृष्ण ने छह साल के दौरान सट्टेबाजी में लगभग 5 करोड़ रुपये का दांव लगाया. चेन्नई, बैंगलोर, मुंबई, पुणे या फिर कोई और शहर क्रिकेट या घुड़दौड़ की सट्टेबाजी जहां भी होती, वह वहां जाता. वह केवल हवाई जहाज से यात्रा करता. जबतक पुलिस कारों और ट्रेनों से उसके ठीकाने तक पहुंचती वह फ्लाइट में फरार हो जाता था. साइबराबाद पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र के नेतृत्व में विशेष टीमों ने वामसी कृष्णा को गिरफ्तार करने के लिए दो महीने तक काम किया.