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यस बैंक घोटाला : सीबीआई को मिली रेडियस ग्रुप के एमडी संजय छाबरिया की रिमांड

यस बैंक स्कैम मामले में सीबीआई ने मुंबई के बिल्डर और रेडियस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय छाबरिया को गुरुवार रात को गिरफ्तार कर लिया. शुक्रवार को संजय छाबड़िया को स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 6 मई तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया है.

Sanjay Chhabria remanded in CBI custody
Sanjay Chhabria remanded in CBI custody
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Published : Apr 29, 2022, 7:47 PM IST

मुंबई: मुंबई के बिल्डर और रेडियस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय छाबरिया को सीबीआई ने गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया. छाबड़िया यस बैंक घोटाले में वांछित थे. शुक्रवार को छाबड़िया को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने संजय छाबड़िया के लिए 10 दिनों की कस्टडी की मांग की, मगर कोर्ट ने सिर्फ आठ की रिमांड की मंजूरी दी. 2020 में यस बैंक घोटाले में केस दर्ज होने के बाद से संजय छाबड़िया फरार चल रहे थे. अंदाजा लगाया जा रहा है कि छाबड़िया से पूछताछ के बाद घोटाले मेंं शामिल कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं.

क्या है मामला : सीबीआई और ईडी 3,700 करोड़ रुपये के यस बैंक घोटाले की जांच कर रही है. फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल ने यस बैंक से 3,000 करोड़ रुपये उधार लिए थे. बाद में डीएचएफएल ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया. जांच के दौरान यह सामने आया कि डीएचएफएल ने लोन का बड़ा हिस्सा रेडियस ग्रुप को दिया था. यस बैंक घोटाले में कनेक्शन का क्लू मिलते ही सीबीआई ने संजय छाबड़िया की तलाश शुरू कर दी. कुछ महीने पहले सीबीआई ने रेडियस ग्रुप के ऑफिसों पर छापेमारी की थी. तभी से यह चर्चा थी कि संजय छाबड़िया गिरफ्तार हो सकते हैं. संजय छाबड़िया ने बीकेसी में बिल्डिंग बनाई थी. सीबीआई को शक है कि संजय छाबड़िया के कई राजनेताओं के संपर्क में थे और बीकेसी प्रोजेक्ट में भी उसे नेताओं से मदद मिली. बिल्डर की गिरफ्तारी के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस घोटाले में कई नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं.

बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले साल 5 मार्च को वित्तीय अनियमितताओं और बेहिसाब उधारी के कारण यस बैंक पर प्रतिबंध लगाया था. बाद में प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई और यस बैंक के लेन-देन को पहले की तरह कर दिया गया. घोटाले का खुलासा होने के बाद यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा उनकी पत्नी बिंदू, बेटियां रोशनी और राधा की भी गिरफ्तारी हुई थी. बताया जाता है कि जब राणा कपूर बैंक के सीईओ थे, तब लगभग 30,000 करोड़ रुपये का लोन बांटा गया. जांच में सामने आया है कि इसमें से 20,000 करोड़ रुपये के लोन फर्जी हैं. जांच में यह भी सामने आया था कि बैंक ने कई ऐसी कंपनियों को भी लोन दिया था, जो पहले ही खुद को दिवालिया घोषित कर चुकी थीं. इन कंपनियों करीब 202.10 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया था.

पढ़ें : यस बैंक के 466 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा के आरोपी गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज

मुंबई: मुंबई के बिल्डर और रेडियस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय छाबरिया को सीबीआई ने गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया. छाबड़िया यस बैंक घोटाले में वांछित थे. शुक्रवार को छाबड़िया को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने संजय छाबड़िया के लिए 10 दिनों की कस्टडी की मांग की, मगर कोर्ट ने सिर्फ आठ की रिमांड की मंजूरी दी. 2020 में यस बैंक घोटाले में केस दर्ज होने के बाद से संजय छाबड़िया फरार चल रहे थे. अंदाजा लगाया जा रहा है कि छाबड़िया से पूछताछ के बाद घोटाले मेंं शामिल कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं.

क्या है मामला : सीबीआई और ईडी 3,700 करोड़ रुपये के यस बैंक घोटाले की जांच कर रही है. फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल ने यस बैंक से 3,000 करोड़ रुपये उधार लिए थे. बाद में डीएचएफएल ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया. जांच के दौरान यह सामने आया कि डीएचएफएल ने लोन का बड़ा हिस्सा रेडियस ग्रुप को दिया था. यस बैंक घोटाले में कनेक्शन का क्लू मिलते ही सीबीआई ने संजय छाबड़िया की तलाश शुरू कर दी. कुछ महीने पहले सीबीआई ने रेडियस ग्रुप के ऑफिसों पर छापेमारी की थी. तभी से यह चर्चा थी कि संजय छाबड़िया गिरफ्तार हो सकते हैं. संजय छाबड़िया ने बीकेसी में बिल्डिंग बनाई थी. सीबीआई को शक है कि संजय छाबड़िया के कई राजनेताओं के संपर्क में थे और बीकेसी प्रोजेक्ट में भी उसे नेताओं से मदद मिली. बिल्डर की गिरफ्तारी के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस घोटाले में कई नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं.

बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले साल 5 मार्च को वित्तीय अनियमितताओं और बेहिसाब उधारी के कारण यस बैंक पर प्रतिबंध लगाया था. बाद में प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई और यस बैंक के लेन-देन को पहले की तरह कर दिया गया. घोटाले का खुलासा होने के बाद यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा उनकी पत्नी बिंदू, बेटियां रोशनी और राधा की भी गिरफ्तारी हुई थी. बताया जाता है कि जब राणा कपूर बैंक के सीईओ थे, तब लगभग 30,000 करोड़ रुपये का लोन बांटा गया. जांच में सामने आया है कि इसमें से 20,000 करोड़ रुपये के लोन फर्जी हैं. जांच में यह भी सामने आया था कि बैंक ने कई ऐसी कंपनियों को भी लोन दिया था, जो पहले ही खुद को दिवालिया घोषित कर चुकी थीं. इन कंपनियों करीब 202.10 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया था.

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