मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने 'जेल टूरिज्म' के रूप में एक अनूठी पहल की घोषणा की है. अब गणतंत्र दिवस के दिन से पर्यटक पुणे की ऐतिहासिक यरवडा सेंट्रल जेल में घूम सकेंगे. इसकी जानकारी राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दी.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में गणतंत्र दिवस पर इसकी शुरुआत करेंगे.
उन्होंने कहा कि यह 'जेल टूरिज्म' का पहला चरण है. बाद में, इसे नागपुर, नासिक, ठाणे आदि अन्य जेलों को भी इस मुहिम में शामिल किया जाएगा.
इसकी मामूली सी फीस होगी. स्कूली छात्रों के लिए 5 रुपये, कॉलेज के छात्रों के लिए 10 रुपये और सामान्य पर्यटकों को 50 रुपये शुल्क देना होगा.
सन 1871 में निर्मित यरवडा जेल 512 एकड़ में फैली हुई है, जो दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है. पर्यटकों, शोधकर्ताओं और अन्य समूहों को जेल के चारों ओर जाने और जेल के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने की अनुमति होगी. इसका इतिहास स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है.
सबसे प्रमुख ऐतिहासिक शख्सियतों में, जिन्होंने यहां समय बिताया है, उनमें महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, सरोजिनी नायडू, लोकमान्य केशव (बाल) गंगाधर तिलक, जोआचिम अल्वा और वीर सावरकर शामिल हैं.
आपातकाल के दौरान, जिन लोगों को जेल में डाला गया था, उनमें अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमिला दंडवते, बालासाहेब देवरस, वसंत नरगोलकर शामिल थे.