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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग, दुनियाभर में बजा भारत के वैज्ञानिकों का डंका - india made history

year ender 2023 on chandrayaan 3 mission : साल 2023 स्पेस साइंस के लिए यादगार रहा. भारत ने चंद्रयान 3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग कराने के साथ दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया. भारत से पहले केवल अमेरिका, रूस और चीन के नाम ही यह रिकॉर्ड था. हालांकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत इकलौता देश है. Chandrayaan 3 successfully landed, Chandrayaan 3.

year ender 2023 on chandrayaan 3 mission
चंद्रयान 3 की दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 20, 2023, 2:06 AM IST

हैदराबाद : 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 के मून के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है. इस मिशन के साथ देश उन विशिष्ट देशों की सूची में शामिल हो गया, जिन्होंने चंद्रमा पर लैंडिंग की है. भारत से पहले ये कारनामा केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस (पूर्ववर्ती सोवियत संघ) और चीन कर पाए हैं.

चंद्रयान-3 को इसी साल 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को ले जाने वाला अंतरिक्ष यान 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचा. सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर ने 14 दिनों तक चंद्र मिट्टी का परीक्षण किया, अनुसंधान का डेटा इसरो को वापस भेजा.

सिर्फ 600 करोड़ में मिशन पूरा, रूस 16 हजार करोड़ खर्च किए फिर भी फेल हुआ: भारत से कुछ दिन पहले रूस ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की थी, लेकिन वह फेल रहा. रूस ने करीब 16 हजार करोड़ रुपये इस मिशन पर खर्च किए थे, जबकि भारत ने इसे सिर्फ 600 करोड़ की लागत में पूरा किया है.

वायरल हुई थी एलन मस्क की पोस्ट : भारत के चंद्रयान 3 मिशन को लेकर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क की पोस्ट भी खूब वायरल हुई थी. मस्क ने भारत के चंद्रमा मिशन के बजट की तुलना हॉलीवुड फिल्म इंटरस्टेलर से की थी.

  • Good for India 🇮🇳!

    — Elon Musk (@elonmusk) August 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रिकॉर्ड लोगों ने देखी लैंडिंग : यूट्यूब के सीईओ नील मोहन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी थी कि इसरो का चंद्रयान-3 मिशन लाइव स्टीम दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला लाइव स्ट्रीम बन गया है. यूट्यूब इंडिया की पोस्ट को री-शेयर करते हुए उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'यह देखना बहुत रोमांचक था-इसरो की पूरी टीम को बधाई. 8 मिलियन समवर्ती दर्शक अविश्वसनीय हैं!'

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वेबसाइट के लाइव फीड का एक स्क्रीनशॉट देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत के चंद्रयान -3 मिशन को लेकर उस दिन किस कदर दीवानगी थी. सिर्फ यू-ट्यूब की लाइव स्ट्रीमिंग देखने वाले करीब 8 मिलियन दर्शक थे, जो कि एक रिकॉर्ड है.

नासा ने भी माना इसरो के वैज्ञानिकों का लोहा : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने इसरो को उसकी ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई दी थी. एजेंसी ने लॉन्च के एक दिन बाद एक बेहद खास तस्वीर साझा की. अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट पोस्ट किया जिसमें चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 लैंडर दिखाया गया.

  • .@NASA's LRO spacecraft recently imaged the Chandrayaan-3 lander on the Moon’s surface.

    The ISRO (Indian Space Research Organization) Chandrayaan-3 touched down on Aug. 23, 2023, about 600 kilometers from the Moon’s South Pole.

    MORE >> https://t.co/phmOblRlGO pic.twitter.com/CyhFrnvTjT

    — NASA Marshall (@NASA_Marshall) September 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश भारत : चांद पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' में सफलता हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है. इससे पहले अमेरिका, पूर्ववर्ती सोवियत संघ और चीन के नाम ही यह रिकॉर्ड था. हालांकि ये देश चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर विजय प्राप्त नहीं कर पाए हैं.

एक नजर में भारत के चंद्रयान 3 का सफर

  • 14 जुलाई : आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से एलवीएम-3 एम-4 व्हीकल के माध्यम से चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया.
  • 15 जुलाई : आईएसटीआरएसी/इसरो बेंगलुरु से कक्षा बढ़ाने की पहली प्रक्रिया पूरी की गई.
  • 17 जुलाई : चंद्रयान-3 की दूसरी कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हुई. उसने 41603 किमी x 226 किमी कक्षा में किया प्रवेश.
    year ender 2023
    चंद्रयान 3
  • 22 जुलाई : अन्य कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी.
  • 25 जुलाई : चंद्रयान-3, 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में पहुंचा.
  • एक अगस्त : इसरो ने 'ट्रांसलूनर इंजेक्शन' सफलतापूर्वक पूरा किया. अंतरिक्ष यान ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित किया. यान 288 किमी x 369328 किमी की कक्षा में पहुंचा.
  • पांच अगस्त : चंद्रयान-3 की लूनर ऑर्बिट इनसर्शन (चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की प्रक्रिया) सफलतापूर्वक पूरी. 164 किमी x 18074 किमी की कक्षा में पहुंचा.
    chandrayaan 3 mission
    चंद्रयान 3
  • छह अगस्त : इसरो ने दूसरे एलबीएन की प्रक्रिया पूरी की. यान 170 किमी x 4313 किमी की कक्षा में पहुंचा. इसरो ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के दौरान चंद्रयान-3 से लिया गया चंद्रमा का वीडियो जारी किया.
  • नौ अगस्त : चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 174 किलोमीटर x 1437 किलोमीटर रह गई.
  • 14 अगस्त : चंद्रयान-3 कक्षा का चक्कर लगाने के चरण में पहुंचा. यान 151 किमी x 179 किमी की कक्षा में पहुंचा.
  • 16 अगस्त : यान को चंद्रमा के और करीब पहुंचाने के लिए 'फायरिंग' की एक और प्रक्रिया पूरी. यान 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा.
    chandrayaan 3 mission
    चंद्रयान 3
  • 17 अगस्त : लैंडर मॉडयूल को प्रणोदन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग किया गया.
  • 19 अगस्त : इसरो ने लैंडर मॉड्यूल की डी-बूस्टिंग की प्रक्रिया की.
  • 20 अगस्त : लैंडर मॉड्यूल पर एक और डी-बूस्टिंग. लैंडर मॉड्यूल 25 किलोमीटर x 134 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा.
  • 21 अगस्त : चंद्रयान-2 से चंद्रयान-3 का संचार कायम हुआ.
  • 22 अगस्त : इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) से करीब 70 किलोमीटर की ऊंचाई से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं.
  • 23 अगस्त : सफल लैंडिंग कर इसरो ने रचा इतिहास.

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हैदराबाद : 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 के मून के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है. इस मिशन के साथ देश उन विशिष्ट देशों की सूची में शामिल हो गया, जिन्होंने चंद्रमा पर लैंडिंग की है. भारत से पहले ये कारनामा केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस (पूर्ववर्ती सोवियत संघ) और चीन कर पाए हैं.

चंद्रयान-3 को इसी साल 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को ले जाने वाला अंतरिक्ष यान 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचा. सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर ने 14 दिनों तक चंद्र मिट्टी का परीक्षण किया, अनुसंधान का डेटा इसरो को वापस भेजा.

सिर्फ 600 करोड़ में मिशन पूरा, रूस 16 हजार करोड़ खर्च किए फिर भी फेल हुआ: भारत से कुछ दिन पहले रूस ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की थी, लेकिन वह फेल रहा. रूस ने करीब 16 हजार करोड़ रुपये इस मिशन पर खर्च किए थे, जबकि भारत ने इसे सिर्फ 600 करोड़ की लागत में पूरा किया है.

वायरल हुई थी एलन मस्क की पोस्ट : भारत के चंद्रयान 3 मिशन को लेकर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क की पोस्ट भी खूब वायरल हुई थी. मस्क ने भारत के चंद्रमा मिशन के बजट की तुलना हॉलीवुड फिल्म इंटरस्टेलर से की थी.

  • Good for India 🇮🇳!

    — Elon Musk (@elonmusk) August 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रिकॉर्ड लोगों ने देखी लैंडिंग : यूट्यूब के सीईओ नील मोहन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी थी कि इसरो का चंद्रयान-3 मिशन लाइव स्टीम दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला लाइव स्ट्रीम बन गया है. यूट्यूब इंडिया की पोस्ट को री-शेयर करते हुए उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'यह देखना बहुत रोमांचक था-इसरो की पूरी टीम को बधाई. 8 मिलियन समवर्ती दर्शक अविश्वसनीय हैं!'

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वेबसाइट के लाइव फीड का एक स्क्रीनशॉट देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत के चंद्रयान -3 मिशन को लेकर उस दिन किस कदर दीवानगी थी. सिर्फ यू-ट्यूब की लाइव स्ट्रीमिंग देखने वाले करीब 8 मिलियन दर्शक थे, जो कि एक रिकॉर्ड है.

नासा ने भी माना इसरो के वैज्ञानिकों का लोहा : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने इसरो को उसकी ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई दी थी. एजेंसी ने लॉन्च के एक दिन बाद एक बेहद खास तस्वीर साझा की. अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट पोस्ट किया जिसमें चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 लैंडर दिखाया गया.

  • .@NASA's LRO spacecraft recently imaged the Chandrayaan-3 lander on the Moon’s surface.

    The ISRO (Indian Space Research Organization) Chandrayaan-3 touched down on Aug. 23, 2023, about 600 kilometers from the Moon’s South Pole.

    MORE >> https://t.co/phmOblRlGO pic.twitter.com/CyhFrnvTjT

    — NASA Marshall (@NASA_Marshall) September 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश भारत : चांद पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' में सफलता हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है. इससे पहले अमेरिका, पूर्ववर्ती सोवियत संघ और चीन के नाम ही यह रिकॉर्ड था. हालांकि ये देश चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर विजय प्राप्त नहीं कर पाए हैं.

एक नजर में भारत के चंद्रयान 3 का सफर

  • 14 जुलाई : आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से एलवीएम-3 एम-4 व्हीकल के माध्यम से चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया.
  • 15 जुलाई : आईएसटीआरएसी/इसरो बेंगलुरु से कक्षा बढ़ाने की पहली प्रक्रिया पूरी की गई.
  • 17 जुलाई : चंद्रयान-3 की दूसरी कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हुई. उसने 41603 किमी x 226 किमी कक्षा में किया प्रवेश.
    year ender 2023
    चंद्रयान 3
  • 22 जुलाई : अन्य कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी.
  • 25 जुलाई : चंद्रयान-3, 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में पहुंचा.
  • एक अगस्त : इसरो ने 'ट्रांसलूनर इंजेक्शन' सफलतापूर्वक पूरा किया. अंतरिक्ष यान ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित किया. यान 288 किमी x 369328 किमी की कक्षा में पहुंचा.
  • पांच अगस्त : चंद्रयान-3 की लूनर ऑर्बिट इनसर्शन (चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की प्रक्रिया) सफलतापूर्वक पूरी. 164 किमी x 18074 किमी की कक्षा में पहुंचा.
    chandrayaan 3 mission
    चंद्रयान 3
  • छह अगस्त : इसरो ने दूसरे एलबीएन की प्रक्रिया पूरी की. यान 170 किमी x 4313 किमी की कक्षा में पहुंचा. इसरो ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के दौरान चंद्रयान-3 से लिया गया चंद्रमा का वीडियो जारी किया.
  • नौ अगस्त : चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 174 किलोमीटर x 1437 किलोमीटर रह गई.
  • 14 अगस्त : चंद्रयान-3 कक्षा का चक्कर लगाने के चरण में पहुंचा. यान 151 किमी x 179 किमी की कक्षा में पहुंचा.
  • 16 अगस्त : यान को चंद्रमा के और करीब पहुंचाने के लिए 'फायरिंग' की एक और प्रक्रिया पूरी. यान 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा.
    chandrayaan 3 mission
    चंद्रयान 3
  • 17 अगस्त : लैंडर मॉडयूल को प्रणोदन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग किया गया.
  • 19 अगस्त : इसरो ने लैंडर मॉड्यूल की डी-बूस्टिंग की प्रक्रिया की.
  • 20 अगस्त : लैंडर मॉड्यूल पर एक और डी-बूस्टिंग. लैंडर मॉड्यूल 25 किलोमीटर x 134 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा.
  • 21 अगस्त : चंद्रयान-2 से चंद्रयान-3 का संचार कायम हुआ.
  • 22 अगस्त : इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) से करीब 70 किलोमीटर की ऊंचाई से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं.
  • 23 अगस्त : सफल लैंडिंग कर इसरो ने रचा इतिहास.

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