उत्तरकाशी (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज सुबह 11.57 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल के 6 महीने मां यमुना के दर्शन खरसाली खुशी मैथ में होंगे.वहीं श्रद्धालु छह माह मंदिर के बंद रहने के दौरान मां यमुना की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली में कर सकेंगे. तीर्थ पुरोहित छह माह तक यहां रोजाना मां यमुना की पूजा करेंगे.
यमुनोत्री धाम के कपाट आज अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. वहीं मां यमुना और भाई शनिदेव सोमेश्वर देवता की डोली खरशाली गांव के लिए रवाना हो गई है. इस पल के कई श्रद्धालु साक्षी बने. यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल के 6 महीने मां यमुना के दर्शन खरसाली खुशी मैथ में होंगे.कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव डोली जैसे ही खरशाली गांव पहुंचेगी वहां स्थानीय लोग मां यमुना का स्वागत बेटी की तरह करते हैं. जहां मां यमुना छह माह तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी. बता दें कि इस साल चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला. इस साल यमुनोत्री धाम के दर्शन करने के लिए 735,040 (7 लाख 35 हजार 40) श्रद्धालु पहुंचे.
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गौर हो कि आज सुबह केदारनाथ धाम के कपाट शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. जिसके बा भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ती डोली से विधि-विधान से मंदिर परिसर से रवाना हुई और बाबा केदार की शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी. वहीं बीत 14 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. वहीं 18 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल के लिए चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा.