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Balasore Train Accident : सिग्नल सिस्टम में खराबी से हुआ भीषण हादसा, समय पर कदम उठाते तो न जातीं सैकड़ों जानें

ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटना मामले में प्राथमिक जांच रिपोर्ट आ गई है. खुलासा हुआ है कि भीषण हादसा गलत सिग्नलिंग के कारण हुआ. इस हादसे में करीब तीन सौ लोगों की जान चली गई, जबकि 1000 से ज्यादा घायल हुए थे. जानिए जांच रिपोर्ट में और क्या सामने आया?

Balasore Train Accident
बालासोर ट्रेन दुर्घटना
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Published : Jul 4, 2023, 9:52 PM IST

भुवनेश्वर: बालासोर ट्रेन दुर्घटना का प्राथमिक कारण 'गलत सिग्नलिंग' था. उच्चस्तरीय जांच में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एसएंडटी) विभाग के भीतर 'कई स्तरों पर चूक' को उजागर किया गया है. साथ ही ये स्वीकार किया गया है कि यदि पिछली चेतावनियों की सूचना दी गई होती, तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था.

Balasore Train Accident
भीषण ट्रेन हादसा

समय पर देते जानकारी तो न होता हादसा : रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड को एक स्वतंत्र रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि सिग्नलिंग कार्य में कमियों के बावजूद, एसएंडटी कर्मचारी सुधारात्मक उपाय कर सकते थे यदि उन्हें बाहानागा बाजार के स्टेशन प्रबंधक द्वारा दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विच के 'बार-बार असामान्य व्यवहार' के बारे में सूचित किया गया होता, जहां हादसा हुआ.

इसके अतिरिक्त रिपोर्ट ने संकेत दिया कि स्टेशन के लिए अप्रूव्ड सर्किट डायग्राम न होने के परिणामस्वरूप बाहानागा बाजार स्टेशन में लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बदलने का गलत तरीका सामने आया. डायग्राम न होने के कारण गलत वायरिंग हुई. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि फील्ड पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वायरिंग डायग्राम को संशोधित करने का प्रयास किया लेकिन इसे सटीक रूप से दोहराने में विफल रही.

Balasore Train Accident
तीन ट्रेन टकरा गई थीं

बांकरा नयाबाज़ स्टेशन हादसे का भी जिक्र : इसके अलावा, रिपोर्ट में 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बांकरा नयाबाज़ स्टेशन पर भी इसी तरह की घटना पर प्रकाश डाला गया, जो दोषपूर्ण वायरिंग और केबल मुद्दों के कारण हुई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इस घटना के बाद गलत वायरिंग की समस्या को दूर करने के लिए सुधारात्मक उपाय किए गए होते तो बीएनबीआर में दुर्घटना टाली जा सकती थी.

इसलिए गलत सिग्नल मिला : निर्णायक रूप से, रिपोर्ट ने पीछे की टक्कर को दुर्घटना का जिम्मेदार ठहराया. 'सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन में चूक' जो अतीत में उत्तरी सिग्नल 'गुमटी' पर हुआ था, साथ ही स्टेशन लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के बदलने से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के दौरान हुआ था.

इन खामियों के परिणामस्वरूप ट्रेन संख्या 12841 को गलत सिग्नल मिला, जिससे यह अप लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां मौजूद माल गाड़ियों से टकरा गई.

सीआरएस ने ये दिए सुझाव : भीषण ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग ने कई सुझाव भी दिए हैं. आयोग ने साइट पर सिग्नलिंग सर्किट के पूरा होने वाले सिग्नलिंग वायरिंग डायग्राम, साथ ही अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों और लेटरिंग को अपडेट करने के लिए एक अभियान शुरू करने का सुझाव दिया है. साथ ही कहा है कि सिग्नलिंग संशोधन कार्य करते समय मानकों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार के निकट दो जून को हुई दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

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भुवनेश्वर: बालासोर ट्रेन दुर्घटना का प्राथमिक कारण 'गलत सिग्नलिंग' था. उच्चस्तरीय जांच में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एसएंडटी) विभाग के भीतर 'कई स्तरों पर चूक' को उजागर किया गया है. साथ ही ये स्वीकार किया गया है कि यदि पिछली चेतावनियों की सूचना दी गई होती, तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था.

Balasore Train Accident
भीषण ट्रेन हादसा

समय पर देते जानकारी तो न होता हादसा : रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड को एक स्वतंत्र रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि सिग्नलिंग कार्य में कमियों के बावजूद, एसएंडटी कर्मचारी सुधारात्मक उपाय कर सकते थे यदि उन्हें बाहानागा बाजार के स्टेशन प्रबंधक द्वारा दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विच के 'बार-बार असामान्य व्यवहार' के बारे में सूचित किया गया होता, जहां हादसा हुआ.

इसके अतिरिक्त रिपोर्ट ने संकेत दिया कि स्टेशन के लिए अप्रूव्ड सर्किट डायग्राम न होने के परिणामस्वरूप बाहानागा बाजार स्टेशन में लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बदलने का गलत तरीका सामने आया. डायग्राम न होने के कारण गलत वायरिंग हुई. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि फील्ड पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वायरिंग डायग्राम को संशोधित करने का प्रयास किया लेकिन इसे सटीक रूप से दोहराने में विफल रही.

Balasore Train Accident
तीन ट्रेन टकरा गई थीं

बांकरा नयाबाज़ स्टेशन हादसे का भी जिक्र : इसके अलावा, रिपोर्ट में 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बांकरा नयाबाज़ स्टेशन पर भी इसी तरह की घटना पर प्रकाश डाला गया, जो दोषपूर्ण वायरिंग और केबल मुद्दों के कारण हुई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इस घटना के बाद गलत वायरिंग की समस्या को दूर करने के लिए सुधारात्मक उपाय किए गए होते तो बीएनबीआर में दुर्घटना टाली जा सकती थी.

इसलिए गलत सिग्नल मिला : निर्णायक रूप से, रिपोर्ट ने पीछे की टक्कर को दुर्घटना का जिम्मेदार ठहराया. 'सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन में चूक' जो अतीत में उत्तरी सिग्नल 'गुमटी' पर हुआ था, साथ ही स्टेशन लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के बदलने से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के दौरान हुआ था.

इन खामियों के परिणामस्वरूप ट्रेन संख्या 12841 को गलत सिग्नल मिला, जिससे यह अप लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां मौजूद माल गाड़ियों से टकरा गई.

सीआरएस ने ये दिए सुझाव : भीषण ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग ने कई सुझाव भी दिए हैं. आयोग ने साइट पर सिग्नलिंग सर्किट के पूरा होने वाले सिग्नलिंग वायरिंग डायग्राम, साथ ही अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों और लेटरिंग को अपडेट करने के लिए एक अभियान शुरू करने का सुझाव दिया है. साथ ही कहा है कि सिग्नलिंग संशोधन कार्य करते समय मानकों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार के निकट दो जून को हुई दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

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