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रवि दहिया की मां बोलीं- अगली बार गोल्ड लाएगा बेटा

हरियाणा के पहलवान रवि दहिया (Ravi Dahiya won silver Medal) को फाइनल मुकाबले में रूस के पहलवान से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन फिर भी उन्होंने इतिहास रच दिया. इस मौके पर रवि की मां ने कहा कि बेटा अगली बार गोल्ड मेडल लेकर आएगा और देश का नाम रोशन करेगा.

रवि दहिया की मां
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Published : Aug 5, 2021, 5:36 PM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा के पहलवान रवि दहिया (Wrestler Ravi Dahiya) भले ही गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए हों, लेकिन उन्होंने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल (Ravi Dahiya won silver Medal) जीतकर इतिहास रच दिया है. उनका मुकाबला दो बार के वर्ल्ड चैंपियन रूस के पहलवान जावुर युगुऐव से हुआ, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. रवि ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव को पटखनी देकर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था.

इस मौके पर रवि की मां ने कहा कि बेटा अगली बार गोल्ड मेडल लेकर आएगा और देश का नाम रोशन करेगा. रवि की मां जब ईटीवी भारत से बातचीत कर रहीं थी, तो उनकी आंखों में आंसू थे. उन्होंने कहा कि बेटा अगली बार पक्का देश के लिए गोल्ड लेकर आएगा. वो जब घर आएगा, तो वो उसका स्वागत चूरमा खिलाकर करेंगी.

रवि दहिया के घर पहुंचा ईटीवी भारत

बता दें कि नाहरी गांव में जन्में रवि का रुझान स्कूल में ही कुश्ती की तरफ हो गया था. आठ साल की उम्र में ही रवि ने कुश्ती के अखाड़े में अपने प्रतिद्वंदियों को पटखनी देना शुरू कर दिया था. घरवालों ने भी रवि का भरपूर साथ दिया. परिजनों का साथ और रवि की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं कि उन्होंने आज टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2021) में देश की झोली में सिल्वर मेडल डाल दिया है.

पढ़ें - पहलवान रवि दहिया ने भारत को दिलाया दूसरा Silver Medal

साल 2015 में जूनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में चोटिल होकर रवि अखाड़े से दूर हो गए थे. चोट की वजह से उन्हें 3 साल अखाड़े से दूर रहना पड़ा. साल 2018 में चोट से उबरने के बाद एक बार फिर रवि अखाड़े में वापस लौटे और देश के लिए नेशनल चैंपियनशिप में कई मेडल जीते.

रवि ने 2015 जूनियर एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, साल 2015 जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक, 2018 अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक, 2019 सीनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2020 और 21 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं.

पढ़ें - ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेल रहे पहलवान दीपक पूनिया हारे

चंडीगढ़ : हरियाणा के पहलवान रवि दहिया (Wrestler Ravi Dahiya) भले ही गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए हों, लेकिन उन्होंने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल (Ravi Dahiya won silver Medal) जीतकर इतिहास रच दिया है. उनका मुकाबला दो बार के वर्ल्ड चैंपियन रूस के पहलवान जावुर युगुऐव से हुआ, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. रवि ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव को पटखनी देकर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था.

इस मौके पर रवि की मां ने कहा कि बेटा अगली बार गोल्ड मेडल लेकर आएगा और देश का नाम रोशन करेगा. रवि की मां जब ईटीवी भारत से बातचीत कर रहीं थी, तो उनकी आंखों में आंसू थे. उन्होंने कहा कि बेटा अगली बार पक्का देश के लिए गोल्ड लेकर आएगा. वो जब घर आएगा, तो वो उसका स्वागत चूरमा खिलाकर करेंगी.

रवि दहिया के घर पहुंचा ईटीवी भारत

बता दें कि नाहरी गांव में जन्में रवि का रुझान स्कूल में ही कुश्ती की तरफ हो गया था. आठ साल की उम्र में ही रवि ने कुश्ती के अखाड़े में अपने प्रतिद्वंदियों को पटखनी देना शुरू कर दिया था. घरवालों ने भी रवि का भरपूर साथ दिया. परिजनों का साथ और रवि की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं कि उन्होंने आज टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2021) में देश की झोली में सिल्वर मेडल डाल दिया है.

पढ़ें - पहलवान रवि दहिया ने भारत को दिलाया दूसरा Silver Medal

साल 2015 में जूनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में चोटिल होकर रवि अखाड़े से दूर हो गए थे. चोट की वजह से उन्हें 3 साल अखाड़े से दूर रहना पड़ा. साल 2018 में चोट से उबरने के बाद एक बार फिर रवि अखाड़े में वापस लौटे और देश के लिए नेशनल चैंपियनशिप में कई मेडल जीते.

रवि ने 2015 जूनियर एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, साल 2015 जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक, 2018 अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक, 2019 सीनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2020 और 21 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं.

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