ETV Bharat / bharat

World Water Day: वाटर एटीएम से सैकड़ों गांवों के लोग बुझा रहे अपनी प्यास

दुनिया भर में पेयजल एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. ऐसे में पानी की समस्या को दूर करने में उठाया गया हर एक कदम सराहनीय है. इसी पर आधारित रिपोर्ट पढ़ें...

Etv BharaPeople of hundreds of villages are quenching their thirst with water ATMt
Etv Bharatवाटर एटीएम से सैकड़ों गांवों के लोग बुझा रहे अपनी प्यास
author img

By

Published : Mar 22, 2023, 10:13 AM IST

Updated : Mar 22, 2023, 12:10 PM IST

रेत पर अद्भुत कलाकृति

हैदराबाद: एक घूंट पानी के लिए... मीलों दूर ग्रामीण इलाकों का सफर. इस पीड़ा को अपनी आंखों से देखने वाली विभा गांव वालों की प्यास बुझाना चाहती थी. आइए जानते हैं इस विश्व जल दिवस पर उनका सफर! यदि आपके विचारों में स्पष्टता है और आप जो करते हैं उस पर विश्वास है...तो आप आकाश की सीढ़ी बना सकते हैं. विभा त्रिपाठी कहती हैं कि इसे महासागरों की गहराई में मापा जा सकता है. उनका जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के हरदोई नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था.

उन्होंने आईआईटी कानपुर में पढ़ाई कर वहां प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया. हालांकि, यह एक ऐसा काम था जिसे वह बहुत पसंद करती थी. 'फ्लेक्सिबल ऑर्गेनिक सोलर सेल' विषय में उसकी दिलचस्पी ने उसकी तकदीर बदल दी. उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और 'सौर्य एनरटेक' की स्थापना की. सौर ऊर्जा के उपयोग पर इस संस्था द्वारा वर्कशॉप, प्रशिक्षण और सेमिनार आयोजित किए जाते थे जो उस समय एक नई बात थी. इस बीच उन्होंने महिलाओं को पानी के लिए मीलों पैदल जाते देखा था. इसके बाद उन्होंने तकनीक और सौर ऊर्जा से उनकी पानी की समस्या का समाधान करना चाहती थीं. 'दुनिया की 18 फीसदी आबादी हमारे देश में है. विभा कहती हैं, 'हमने यह समझने के बाद ही एक कदम आगे बढ़ाया कि हमारे लिए केवल चार प्रतिशत मीठे पानी के संसाधन उपलब्ध हैं.'

ये भी पढ़ें- भूजल स्रोतों का पता लगा रहा CSIR, पेयजल के रूप में कर सकेंगे इस्तेमाल: जितेंद्र सिंह

यूएनडीपी 2011 में देश भर में सौर ऊर्जा आधारित जल शोधन प्रणाली स्थापित करना चाहता था. इसके लिए विभा द्वारा लागू किए गए विभिन्न प्रस्तावों को न केवल संगठन ने पसंद किया और चुना, बल्कि परियोजना के लिए धन भी उपलब्ध कराया. हालांकि इस लक्ष्य को दो साल में पूरा कर लिया गया, लेकिन विभा इसे तकनीक के साथ और आगे ले जाना चाहती थीं. 'रिन्यूएबल एनर्जीज एंड एनर्जी एफिशिएंसी' के साथ पार्टनरशिप में 1 करोड़ रुपये का अनुदान मिला. उस राशि से छह महीने में आईओटी और एआई तकनीक से वॉटर एटीएम बनाए गए और 'स्वजल' के नाम से गुड़गांव की पांच झुग्गियों में लगाए गए.

500 गांवों में वाटर एटीएम: अल्ट्रा-फिल्टरेशन रिवर्स ऑस्मोसिस तकनीक के साथ शुद्ध पानी वाटर एटीएम के माध्यम से वितरित किया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में 75 पैसे प्रति लीटर और क्यूआर कोड और स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. संगठन ने देश भर के 18 राज्यों के लगभग 500 गांवों में इन वाटर एटीएम की स्थापना की है. ये एटीएम हैदराबाद, मुल्हाहेड़ा और गुड़गाँव में रेलवे स्टेशनों के साथ-साथ विभिन्न स्कूलों में हैं. विभा ने इसे व्यवसाय के एक तरीके के रूप में अपनाया है. जैसा कि सिंगापुर मुख्य केंद्र है, वे पूरी दुनिया में प्रमुख होटलों, अस्पतालों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सेवा दे रहे हैं.

रेत पर अद्भुत कलाकृति

हैदराबाद: एक घूंट पानी के लिए... मीलों दूर ग्रामीण इलाकों का सफर. इस पीड़ा को अपनी आंखों से देखने वाली विभा गांव वालों की प्यास बुझाना चाहती थी. आइए जानते हैं इस विश्व जल दिवस पर उनका सफर! यदि आपके विचारों में स्पष्टता है और आप जो करते हैं उस पर विश्वास है...तो आप आकाश की सीढ़ी बना सकते हैं. विभा त्रिपाठी कहती हैं कि इसे महासागरों की गहराई में मापा जा सकता है. उनका जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के हरदोई नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था.

उन्होंने आईआईटी कानपुर में पढ़ाई कर वहां प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया. हालांकि, यह एक ऐसा काम था जिसे वह बहुत पसंद करती थी. 'फ्लेक्सिबल ऑर्गेनिक सोलर सेल' विषय में उसकी दिलचस्पी ने उसकी तकदीर बदल दी. उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और 'सौर्य एनरटेक' की स्थापना की. सौर ऊर्जा के उपयोग पर इस संस्था द्वारा वर्कशॉप, प्रशिक्षण और सेमिनार आयोजित किए जाते थे जो उस समय एक नई बात थी. इस बीच उन्होंने महिलाओं को पानी के लिए मीलों पैदल जाते देखा था. इसके बाद उन्होंने तकनीक और सौर ऊर्जा से उनकी पानी की समस्या का समाधान करना चाहती थीं. 'दुनिया की 18 फीसदी आबादी हमारे देश में है. विभा कहती हैं, 'हमने यह समझने के बाद ही एक कदम आगे बढ़ाया कि हमारे लिए केवल चार प्रतिशत मीठे पानी के संसाधन उपलब्ध हैं.'

ये भी पढ़ें- भूजल स्रोतों का पता लगा रहा CSIR, पेयजल के रूप में कर सकेंगे इस्तेमाल: जितेंद्र सिंह

यूएनडीपी 2011 में देश भर में सौर ऊर्जा आधारित जल शोधन प्रणाली स्थापित करना चाहता था. इसके लिए विभा द्वारा लागू किए गए विभिन्न प्रस्तावों को न केवल संगठन ने पसंद किया और चुना, बल्कि परियोजना के लिए धन भी उपलब्ध कराया. हालांकि इस लक्ष्य को दो साल में पूरा कर लिया गया, लेकिन विभा इसे तकनीक के साथ और आगे ले जाना चाहती थीं. 'रिन्यूएबल एनर्जीज एंड एनर्जी एफिशिएंसी' के साथ पार्टनरशिप में 1 करोड़ रुपये का अनुदान मिला. उस राशि से छह महीने में आईओटी और एआई तकनीक से वॉटर एटीएम बनाए गए और 'स्वजल' के नाम से गुड़गांव की पांच झुग्गियों में लगाए गए.

500 गांवों में वाटर एटीएम: अल्ट्रा-फिल्टरेशन रिवर्स ऑस्मोसिस तकनीक के साथ शुद्ध पानी वाटर एटीएम के माध्यम से वितरित किया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में 75 पैसे प्रति लीटर और क्यूआर कोड और स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. संगठन ने देश भर के 18 राज्यों के लगभग 500 गांवों में इन वाटर एटीएम की स्थापना की है. ये एटीएम हैदराबाद, मुल्हाहेड़ा और गुड़गाँव में रेलवे स्टेशनों के साथ-साथ विभिन्न स्कूलों में हैं. विभा ने इसे व्यवसाय के एक तरीके के रूप में अपनाया है. जैसा कि सिंगापुर मुख्य केंद्र है, वे पूरी दुनिया में प्रमुख होटलों, अस्पतालों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सेवा दे रहे हैं.

Last Updated : Mar 22, 2023, 12:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.