ETV Bharat / bharat

विश्व में 42 सेकंड में एक बच्चे की निमोनिया से होती है मौत, जानें आज का दिन क्यों है खास

निमोनिया के कारण मौतों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल आज के दिन विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है. इस दिन निमोनिया के बारे में कदम उठाने के लिए सबों से सहयोग की अपील की जाती है. पढ़ें पूरी खबर..World Pneumonia Day In Hindi, World Pneumonia Day News, World Pneumonia Day.

World Pneumonia Day 2023
विश्व निमोनिया दिवस
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 12, 2023, 1:41 PM IST

Updated : Nov 12, 2023, 2:03 PM IST

हैदराबाद : दुनिया भर में, हर 42 सेकंड में एक बच्चे की निमोनिया से मौत हो जाती है. निमोनिया किसी भी अन्य संक्रामक बीमारी की तुलना में अधिक बच्चों की जान लेता है. वैश्विक आंकड़ों के अनुसार हर साल पांच साल से कम उम्र के 700000 (सात लाख) से अधिक बच्चों की जान ले लेता है. यानि हर दिन लगभग 2,000 बच्चों की जान निमोनिया के कारण चली जाती है. इसमें 200000 (दो लाख) से अधिक नवजात शिशु शामिल हैं. इनमें से लगभग सभी मौतें रोकी जा सकती हैं. इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है.

दक्षिण एशिया में निमोनिया की समस्या ज्यादा गंभीर
विश्व स्तर पर, प्रति 100,000 (एक लाख) बच्चों पर निमोनिया के 1,400 से अधिक मामले या हर साल प्रति 71 बच्चों पर 1 मामला होता है, जिसमें सबसे अधिक पीड़ित बच्चे दक्षिण एशिया (प्रति 100,000 बच्चों पर 2,500 मामले) और पश्चिम और मध्य अफ्रीका (प्रति 100,000 बच्चों पर 1,620 मामले) में होती है.

भारत में निमोनिया की समस्या
वैश्विक निमोनिया के बोझ का 23 फीसदी हिस्सा भारत का है. वहीं मामले में मृत्यु दर 14 से 30 फीसदी तक है. 2020 के दौरान देश में पंजीकृत प्रमाणित मौतों की संख्या 81,15,882 थी. देश में कुल मौतों में से 42 फीसदी (18,11,688) से अधिक मौतें का कारण तीन बीमारी-हृदय रोग, निमोनिया और अस्थमा शामिल है.

निमोनिया का खतरा किसे है?
स्वास्थ्य मामलों के जानकारों के अनुसार वैसे तो निमोनिया किसी को भी और कहीं भी और कभी भी हो सकता है. कुछ स्थितियों में इसका खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. यदि आप इलाज के लिए अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती हैं, विशेषकर ऐसी मशीन पर जो आपको सांस लेने में मदद करती है (वेंटिलेटर), आपको निमोनिया हो सकता है. इसके अलावा कई बार अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) या हृदय रोग के मरीजों में निमोनिया का खतरा होता है.

निमोनिया में फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं. इसके बीमारी के पीछे मुख्य कारण वायरस, बैक्टीरिया या कवक (Virus, Bacteria, Fungus) को जिम्मेदार होता है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. बैक्टीरियल निमोनिया का सबसे आम प्रकार न्यूमोकोकल निमोनिया है.

निमोनिया के सामान्य लक्षण: कारकों के आधार पर निमोनिया के कई लक्ष्ण हैं. इसके कुछ सामान्य लक्ष्ण हैं. इनमें कोई लक्ष्ण हो तो चिकित्सक से संपर्क करना उचित है.

  1. सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द.
  2. अत्यधिक कफ के साथ खांसी होना.
  3. थकान-बुखार, पसीना और कंपकंपी वाली ठंड.
  4. मतली, उल्टी या दस्त.

निमोनिया से लड़ाई में वैश्विक प्रयास
26 और 27 अप्रैल 2023 को निमोनिया से होने वाली मौतों के रोकने के लिए मैड्रिड में सम्मेलन का आयोजन किया गया था. सम्मलेन के दौरान बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों (खासकर कोविड के बाद) को कम करने पर चर्चा की गई. इसमें कई देशों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इनमें उन देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे जहां निमोनिया से 60 फीसदी मौतें होती हैं. सम्मेलन के दौरान बाल मृत्यु दर रोकने और बाल मृत्यु को कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से सतत विकास लक्ष्यों के दिशा में ठोस पहल करना. बाल मृत्यु कम करने वाली 12 प्रमुख संस्थाओं के अधिकारी भी सम्मेलन में मौजूद थे. इनमें यूनिसेफ, ला कैक्सा फाउंडेशन, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सेव द चिल्ड्रेन, यूनिटएड पाथ, चाइल्ड हेल्थ टास्क फोर्स, आईएसग्लोबल, यूएसएआईडी, गावी द वैक्सीन अलायंस, एवरी ब्रीथ काउंट्स, सीएचएआई सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे.

ये भी पढ़ें

हैदराबाद : दुनिया भर में, हर 42 सेकंड में एक बच्चे की निमोनिया से मौत हो जाती है. निमोनिया किसी भी अन्य संक्रामक बीमारी की तुलना में अधिक बच्चों की जान लेता है. वैश्विक आंकड़ों के अनुसार हर साल पांच साल से कम उम्र के 700000 (सात लाख) से अधिक बच्चों की जान ले लेता है. यानि हर दिन लगभग 2,000 बच्चों की जान निमोनिया के कारण चली जाती है. इसमें 200000 (दो लाख) से अधिक नवजात शिशु शामिल हैं. इनमें से लगभग सभी मौतें रोकी जा सकती हैं. इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है.

दक्षिण एशिया में निमोनिया की समस्या ज्यादा गंभीर
विश्व स्तर पर, प्रति 100,000 (एक लाख) बच्चों पर निमोनिया के 1,400 से अधिक मामले या हर साल प्रति 71 बच्चों पर 1 मामला होता है, जिसमें सबसे अधिक पीड़ित बच्चे दक्षिण एशिया (प्रति 100,000 बच्चों पर 2,500 मामले) और पश्चिम और मध्य अफ्रीका (प्रति 100,000 बच्चों पर 1,620 मामले) में होती है.

भारत में निमोनिया की समस्या
वैश्विक निमोनिया के बोझ का 23 फीसदी हिस्सा भारत का है. वहीं मामले में मृत्यु दर 14 से 30 फीसदी तक है. 2020 के दौरान देश में पंजीकृत प्रमाणित मौतों की संख्या 81,15,882 थी. देश में कुल मौतों में से 42 फीसदी (18,11,688) से अधिक मौतें का कारण तीन बीमारी-हृदय रोग, निमोनिया और अस्थमा शामिल है.

निमोनिया का खतरा किसे है?
स्वास्थ्य मामलों के जानकारों के अनुसार वैसे तो निमोनिया किसी को भी और कहीं भी और कभी भी हो सकता है. कुछ स्थितियों में इसका खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. यदि आप इलाज के लिए अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती हैं, विशेषकर ऐसी मशीन पर जो आपको सांस लेने में मदद करती है (वेंटिलेटर), आपको निमोनिया हो सकता है. इसके अलावा कई बार अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) या हृदय रोग के मरीजों में निमोनिया का खतरा होता है.

निमोनिया में फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं. इसके बीमारी के पीछे मुख्य कारण वायरस, बैक्टीरिया या कवक (Virus, Bacteria, Fungus) को जिम्मेदार होता है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. बैक्टीरियल निमोनिया का सबसे आम प्रकार न्यूमोकोकल निमोनिया है.

निमोनिया के सामान्य लक्षण: कारकों के आधार पर निमोनिया के कई लक्ष्ण हैं. इसके कुछ सामान्य लक्ष्ण हैं. इनमें कोई लक्ष्ण हो तो चिकित्सक से संपर्क करना उचित है.

  1. सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द.
  2. अत्यधिक कफ के साथ खांसी होना.
  3. थकान-बुखार, पसीना और कंपकंपी वाली ठंड.
  4. मतली, उल्टी या दस्त.

निमोनिया से लड़ाई में वैश्विक प्रयास
26 और 27 अप्रैल 2023 को निमोनिया से होने वाली मौतों के रोकने के लिए मैड्रिड में सम्मेलन का आयोजन किया गया था. सम्मलेन के दौरान बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों (खासकर कोविड के बाद) को कम करने पर चर्चा की गई. इसमें कई देशों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इनमें उन देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे जहां निमोनिया से 60 फीसदी मौतें होती हैं. सम्मेलन के दौरान बाल मृत्यु दर रोकने और बाल मृत्यु को कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से सतत विकास लक्ष्यों के दिशा में ठोस पहल करना. बाल मृत्यु कम करने वाली 12 प्रमुख संस्थाओं के अधिकारी भी सम्मेलन में मौजूद थे. इनमें यूनिसेफ, ला कैक्सा फाउंडेशन, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सेव द चिल्ड्रेन, यूनिटएड पाथ, चाइल्ड हेल्थ टास्क फोर्स, आईएसग्लोबल, यूएसएआईडी, गावी द वैक्सीन अलायंस, एवरी ब्रीथ काउंट्स, सीएचएआई सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे.

ये भी पढ़ें

Last Updated : Nov 12, 2023, 2:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.