चमोली (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी सैलानियों के लिए मंगलवार 31 अक्टूबर को बंद कर दी गई. इस साल फूलों की घाटी में अन्य सालों की अपेक्षा कम ही सैलानी पहुंचे. नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत आने वाली फूलों की घाटी में इस साल 13 हजार 161 पर्यटक ही घाटी का दीदार करने के लिए पहुंचे. जिससे वन विभाग को 20 लाख 93 हजार 300 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है.
हर साल 1 जून को फूलों की घाटी सैलानियों के लिए खुलती है और 31 अक्टूबर को सर्दियों के लिए बंद कर दी जाती है. इस साल 12 हजार 707 भारतीय और 401 विदेशी सैलानियों ने घाटी का दीदार किया. जबकि 2022 में फूलों की घाटी में सबसे अधिक 20 हजार 830 सैलानी पहुंचे थे. इस साल मॉनसून की बारिश का असर घाटी में देखा गया, जिसकी वजह से सैलानियों की संख्या में काफी कमी आई.
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विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में 300 प्रजाति के तमाम रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं. करीब 87 वर्ग किलोमीटर में फैली फूलों की घाटी रंग बिरंगे फूल मुख्य रूप से ब्रह्मकमल, फेन कमल, मैरीगोल्ड, मॉरीशियन, जेस्मिन, हेलमेट फ्लावर, गोल्डन लिली तमाम प्रजाति के फूल पर्यटकों का मन मोह देते हैं. इसके साथ ही यहां दुर्लभ प्रजाति के वन जीव जैसे हिम तेंदुआ, हिमालय काला भालू, कस्तूरी मृग, मोनाल आदि दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव यहां देखने को मिलते हैं. वहीं देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक भी यहां पहुंचते हैं. फूलों की घाटी के वनक्षेत्राधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि मंगलवार को सैलानियों के लिए घाटी बंद कर दी गई है. पर्यटकों के लिए अगले वर्ष 1 जून को फूलों की घाटी खोली जाएगी.