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वर्क फ्रॉम होम कर्ल्चर से 2021 में अल्पकालिक नौकरियों को मिलेगा बढ़ावा : अध्ययन - कोरोना लॉकडाउन

रोजगार संबंधी सेवाएं देने वाली वेबसाइट साइकी के एक अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना लॉकडाउन के चलते घर से काम करने की व्यवस्था की सफलता के कारण 2021 में अल्पकालिक नौकरियों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही इससे लागत के संदर्भ में विविधता, समावेश और कारोबारी दवाब को बढ़ावा मिलेगा.

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अल्पकालिक नौकरियों को बढ़ावा
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Published : Jan 10, 2021, 3:38 PM IST

मुंबई : कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लगाए जाने के बाद 2020 में घर से काम करने की व्यवस्था की सफलता इस साल अल्पकालिक नौकरियों को बढ़ावा देगी. एक अध्ययन में यह कहा गया है.

रोजगार संबंधी सेवाएं देने वाली वेबसाइट साइकी के अध्ययन '2021 प्रतिभा प्रौद्योगिकी परिदृश्य' के अनुसार, साल 2020 में अनुभवी लोगों की नौकरियां जाने और रोजगार बाजार में नए लोगों (स्नातकों) के आने से अल्पकालिक रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. इससे लागत के संदर्भ में विविधता, समावेश और कारोबारी दवाब को बढ़ावा मिलेगा.

अध्ययन में कहा गया कि काम करने की अवधि खुद से तय करने से रोजगार में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी. इससे भविष्य में नेतृत्व की भूमिका में भी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी.

यह अध्ययन 100 से अधिक सी-सूट व मानव संसाधन कार्यकारियों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. ये कार्यकारी 100 से अधिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनसे सर्वेक्षणों, सोशल मीडिया इनपुट, साक्षात्कारों व पैनल विर्मशों के जरिए जानकारियां जुटाई गईं.

पढ़ें- घर से कर रहे हैं काम, तो जरूर करें स्ट्रेचिंग

सर्वेक्षण के अनुसार, 20 प्रतिशत कार्यकारियों ने कहा कि नियुक्तियां बाहरी वेंडरों, एचआर परामर्शदाताओं व एजेंसियों के माध्यम से की जाएंगी. वहीं, 80 प्रतिशत ने कहा कि वे आंतरिक नियुक्तियों को तरजीह देंगे.

मुंबई : कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लगाए जाने के बाद 2020 में घर से काम करने की व्यवस्था की सफलता इस साल अल्पकालिक नौकरियों को बढ़ावा देगी. एक अध्ययन में यह कहा गया है.

रोजगार संबंधी सेवाएं देने वाली वेबसाइट साइकी के अध्ययन '2021 प्रतिभा प्रौद्योगिकी परिदृश्य' के अनुसार, साल 2020 में अनुभवी लोगों की नौकरियां जाने और रोजगार बाजार में नए लोगों (स्नातकों) के आने से अल्पकालिक रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. इससे लागत के संदर्भ में विविधता, समावेश और कारोबारी दवाब को बढ़ावा मिलेगा.

अध्ययन में कहा गया कि काम करने की अवधि खुद से तय करने से रोजगार में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी. इससे भविष्य में नेतृत्व की भूमिका में भी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी.

यह अध्ययन 100 से अधिक सी-सूट व मानव संसाधन कार्यकारियों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. ये कार्यकारी 100 से अधिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनसे सर्वेक्षणों, सोशल मीडिया इनपुट, साक्षात्कारों व पैनल विर्मशों के जरिए जानकारियां जुटाई गईं.

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सर्वेक्षण के अनुसार, 20 प्रतिशत कार्यकारियों ने कहा कि नियुक्तियां बाहरी वेंडरों, एचआर परामर्शदाताओं व एजेंसियों के माध्यम से की जाएंगी. वहीं, 80 प्रतिशत ने कहा कि वे आंतरिक नियुक्तियों को तरजीह देंगे.

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