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दिल्ली के थानों में काम का बंटवारा, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी - दिल्ली के थानों में काम का बंटवारा

दिल्ली के थानों में काम का बंटवारा (delhi police station work divided) किया गया है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के प्रत्येक थाने में तैनात एसएचओ (SHO) सहित तीन इंस्पेक्टर (inspector) के काम में पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बंटवारा कर दिया है. इसके तहत थाने की प्रमुख जिम्मेदारी एसएचओ की होगी. वहीं इंस्पेक्टर लॉ एंड ऑर्डर (Law & order) और इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन (Investigation) एसएचओ की देखरेख में काम करेंगे. दिल्ली पुलिस बंटवारा में जांच को बेहतर बनाने के लिए किया गया है.

Police Commissioner etv bharat
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Published : Nov 29, 2021, 3:53 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के थानों में काम का बंटवारा (delhi police station work divided) दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) राकेश अस्थाना ने किया है. पुलिस कमिश्नर द्वारा निकाले गए स्टैंडिंग आर्डर (standing order) में कहा गया है कि थाने (delhi police Station) में होने वाली एफआईआर (FIR) और गिरफ्तारी (Arrest) की पूरी जिम्मेदारी एसएचओ (delhi police SHO) के पास होगी. बड़े मामलों में एसएचओ को मौके पर जांच के लिए जाना होगा. गंभीर मामलों की जांच की मॉनिटरिंग उन्हें करनी होगी. यह सुनिश्चित करना होगा कि चार्जशीट (charge sheet) समय पर फाइल हो और लंबित मामले जल्द से जल्द खत्म हों. इस काम में वह इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन (delhi police Investigation) के साथ तालमेल से काम करेंगे. दिल्ली पुलिस बंटवारा में जांच को बेहतर बनाने के लिए किया गया है.

थाने में मौजूद पीसीआर कॉल (PCR), उनके मौके पर पहुंचने का समय, बाइक से पेट्रोलिंग की निगरानी भी एसएचओ की ही जिम्मेदारी होगी. थाने का ड्यूटी ऑफिसर, पब्लिक फैसिलिटेशन डेस्क, वूमेन हेल्प डेस्क एसएचओ की निगरानी में काम करेंगे. एसएचओ को अपने इलाके के प्रमुख लोगों, प्रहरी, आई एंड इयर स्कीम से जुड़े लोगों, अमन कमेटी, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, मार्केट एसोसिएशन आदि से भी मिलना होगा.

इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन Investigation) जांच की स्पीड, उसकी गुणवत्ता और उसके कानूनी पहलू को लेकर जिम्मेदार होगा. कोर्ट के सभी मामले इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) की देखरेख में होंगे. इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) अस्पताल, कोर्ट, एफएसएल और प्रॉसीक्यूशन ब्रांच से तालमेल बिठाकर काम करेंगे. लीगल कंसलटेंट से भी वह सलाह लेकर काम करेंगे. जांच से संबंधित सभी अपडेट वह एसएचओ को देंगे.

जांच में जुड़े हुए सभी पुलिसकर्मियों के काम की देखरेख इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) की जिम्मेदारी होगी. वह जांच अधिकारी से मामले में चल रही जांच का अपडेट(update) लेंगे और उस एसएचओ को बताएंगे. उन्हें जांच अधिकारियों में बराबर केस बांटने होंगे ताकि किसी पर भी ज्यादा बोझ न हो. इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) खुद भी महत्वपूर्ण केस की जिम्मेदारी लेंगे. जिसमें आईटी एक्ट (IT Act) एवं अन्य ठगी के मामले हो सकते हैं. अज्ञात शव मिलने और लापता हुए लोगों की जानकारी इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) के पास होगी, वहीं पोस्टमार्टम (Post-mortem) करवाना भी उनकी जिम्मेदारी होगी. बदमाशों के डोजियर (dossier) अपडेट करवाना भी उनकी जिम्मेदारी होगी.

इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर, Law & order) की जिम्मेदारी थाने के इलाके में कानून व्यवस्था बनाने की होगी. वह एसएचओ के सुपरविज़न में काम करेंगे. इलाके में गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों और चलने वाली गतिविधियों पर इंस्पेक्टर लॉ एंड ऑर्डर की नजर रहेगी. उन्हें इलाके के ऑफिस कॉम्प्लेक्स, होटल, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, मार्केट एसोसिएशन, सिनेमा हॉल आदि से संपर्क में रहना होगा. अगर धारा 144 लगती है तो उसका पालन कराना इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर) की जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा सभी कम्युनिटी (community) पुलिसिंग के प्रोजेक्ट इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर) द्वारा देखे जाएंगे.

पढ़ेंः SC on Air Quality : दिशा-निर्देश नहीं मानेंगे, तो टास्क फोर्स का गठन करेंगे

नई दिल्ली : दिल्ली के थानों में काम का बंटवारा (delhi police station work divided) दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) राकेश अस्थाना ने किया है. पुलिस कमिश्नर द्वारा निकाले गए स्टैंडिंग आर्डर (standing order) में कहा गया है कि थाने (delhi police Station) में होने वाली एफआईआर (FIR) और गिरफ्तारी (Arrest) की पूरी जिम्मेदारी एसएचओ (delhi police SHO) के पास होगी. बड़े मामलों में एसएचओ को मौके पर जांच के लिए जाना होगा. गंभीर मामलों की जांच की मॉनिटरिंग उन्हें करनी होगी. यह सुनिश्चित करना होगा कि चार्जशीट (charge sheet) समय पर फाइल हो और लंबित मामले जल्द से जल्द खत्म हों. इस काम में वह इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन (delhi police Investigation) के साथ तालमेल से काम करेंगे. दिल्ली पुलिस बंटवारा में जांच को बेहतर बनाने के लिए किया गया है.

थाने में मौजूद पीसीआर कॉल (PCR), उनके मौके पर पहुंचने का समय, बाइक से पेट्रोलिंग की निगरानी भी एसएचओ की ही जिम्मेदारी होगी. थाने का ड्यूटी ऑफिसर, पब्लिक फैसिलिटेशन डेस्क, वूमेन हेल्प डेस्क एसएचओ की निगरानी में काम करेंगे. एसएचओ को अपने इलाके के प्रमुख लोगों, प्रहरी, आई एंड इयर स्कीम से जुड़े लोगों, अमन कमेटी, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, मार्केट एसोसिएशन आदि से भी मिलना होगा.

इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन Investigation) जांच की स्पीड, उसकी गुणवत्ता और उसके कानूनी पहलू को लेकर जिम्मेदार होगा. कोर्ट के सभी मामले इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) की देखरेख में होंगे. इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) अस्पताल, कोर्ट, एफएसएल और प्रॉसीक्यूशन ब्रांच से तालमेल बिठाकर काम करेंगे. लीगल कंसलटेंट से भी वह सलाह लेकर काम करेंगे. जांच से संबंधित सभी अपडेट वह एसएचओ को देंगे.

जांच में जुड़े हुए सभी पुलिसकर्मियों के काम की देखरेख इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) की जिम्मेदारी होगी. वह जांच अधिकारी से मामले में चल रही जांच का अपडेट(update) लेंगे और उस एसएचओ को बताएंगे. उन्हें जांच अधिकारियों में बराबर केस बांटने होंगे ताकि किसी पर भी ज्यादा बोझ न हो. इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) खुद भी महत्वपूर्ण केस की जिम्मेदारी लेंगे. जिसमें आईटी एक्ट (IT Act) एवं अन्य ठगी के मामले हो सकते हैं. अज्ञात शव मिलने और लापता हुए लोगों की जानकारी इंस्पेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) के पास होगी, वहीं पोस्टमार्टम (Post-mortem) करवाना भी उनकी जिम्मेदारी होगी. बदमाशों के डोजियर (dossier) अपडेट करवाना भी उनकी जिम्मेदारी होगी.

इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर, Law & order) की जिम्मेदारी थाने के इलाके में कानून व्यवस्था बनाने की होगी. वह एसएचओ के सुपरविज़न में काम करेंगे. इलाके में गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों और चलने वाली गतिविधियों पर इंस्पेक्टर लॉ एंड ऑर्डर की नजर रहेगी. उन्हें इलाके के ऑफिस कॉम्प्लेक्स, होटल, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, मार्केट एसोसिएशन, सिनेमा हॉल आदि से संपर्क में रहना होगा. अगर धारा 144 लगती है तो उसका पालन कराना इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर) की जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा सभी कम्युनिटी (community) पुलिसिंग के प्रोजेक्ट इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर) द्वारा देखे जाएंगे.

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