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ISI तैयार कर रहा 'महिला फौज', हनी ट्रैप को बनाया 'हथियार'

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Published : May 23, 2021, 9:39 PM IST

Updated : May 23, 2021, 11:04 PM IST

ISI में महिलाओं की तादाद बढ़ रही है. हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए है, जिसमें वह काम को अंजाम देने के लिए हनी ट्रैप का सहारा ले रही हैं.

ISI honey trap
ISI हनी ट्रैप

हैदराबाद : माधुरी गुप्ता एक भारतीय राजनयिक थीं. माधुरी पर कथित तौर पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. वह इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के मीडिया सेक्शन में दूसरी सेक्रेटरी के तौर पर तैनात थीं.

22 अप्रैल, 2010 को, माधुरी गुप्ता जिनकी उम्र अब पचास साल से ज्यादा की है, भूटान में सार्क शिखर सम्मेलन (SAARC summit) की तैयारी में अपने सहयोगियों की मदद करने के लिए दिल्ली वापस बुलाया गया था. इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो एक अज्ञात जगह पर ले गए और फिर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया.

जमशेद नाम के आईएसआई के संपर्क में थीं

उन पर राजद्रोह और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम ( Official Secrets Act, 1923) के तहत गोपनीय जानकारी हासिल करने का आरोप लगाया गया था. गुप्ता के खिलाफ दाखिल चार्जशीट के अनुसार, वह कथित तौर पर जमशेद नाम के आईएसआई के संपर्क में थीं और उसे संवेदनशील जानकारी भेज रही थीं.

इसके अलावा यूपी के एंटी-टेरर स्क्वाड ने भी ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे. जिसमें एक पूर्व सैनिक और गोधरा की एक महिला शामिल हैं. यह दोनों आर्मी की संवेदनशील जानकारी पड़ोसी मुल्क की इंटेलिजेंस ब्यूरो को साझा कर रहे थे.

महिला जासूसों का इस्तेमाल

कमाल की बात ये है की कभी पुरुषों के द्वारा चलाए जाने वाला पाकिस्तान का इंटेलिजेंस ब्यूरो आईएसआई अब भारतीय पुरुषोंं को रिझाने के लिए महिला जासूसों का इस्तेमाल कर रहा है. यह महिलाएं सोशल मीडिया पर भारतीय पुरुष से जुड़ने के लिए भारतीय नामों को अपना रही हैं. हाल ही के दिनों में ऐसे दो मामले सामने आए हैं. पहला मामला अगस्त 2014 में आया था, जबकि दूसरा मामला नवंबर में आया था. इन मामलों में फिरोजपुर पुलिस ने दो लोगों को छावनी एरिया में जासूसी करने के चलते गिरफ्तार किया था. जब उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि यह जासूस हुसैनवाला स्थित इंडो-पाक चेक-पोस्ट पर दो बार गए थे और वह दोनों भी आईएसआई एजेंट जया मिश्रा के संपर्क में थे. दोनों ने एक आरोपी को हनी-ट्रेप में फसांया था. आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश के भोपाल जिले के 43 वर्षीय शिव नारायण चंद्रवंशी और 35 वर्षीय अर्जुन मालवीय के रूप में हुई है.

फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दो आरोपी जासूस इंटरनेट पर एक महिला आईएसआई एजेंट के नियमित संपर्क में थे, जिसकी पहचान जया मिश्रा के रूप में की गई थी. आईएसआई एजेंट ने पुरुषों से कहा था कि वह लाहौर में एक क्लीनिक चलाती है और काले बिच्छुओं से दवा तैयार कर जनसेवा कर रही है. आरोपी ने महिला को बीटिंग रिट्रीट समारोह में आमंत्रित किया. जानकारी का मिलान करने के बाद, उसने उस पर भरोसा करना शुरू कर दिया.

इससे पहले, पठानकोट पुलिस ने भी 30 अगस्त को जासूसी के आरोप में भारतीय वायु सेना (IAF) के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था. उस पर एक महिला को वायुसेना स्टेशन के बारे में रणनीतिक जानकारी बेचने का आरोप था, जो की एक पाकिस्तानी जासूस थी. यहीं नहीं एक अन्य संदिग्ध महिला जिसका नाम चंदा खान उर्फ ​​फौजिया था, उसको भी 30 जुलाई 2015 को जालंधर से समझौता एक्सप्रेस के कोच से गिरफ्तार कर उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि यह 27 वर्षीय महिला सुरक्षा एजेंसियों को भ्रमित करने की कोशिश करती रही कि उसका पासपोर्ट, वीजा और टिकट उसके मामा राशिद खान (मामू) के पास रह गया था, जो एक रेलवे स्टेशन से गायब हो गया था. हालांकि, एजेंसियां ​​आप्रवासन अधिकारियों से राशिद खान नाम के व्यक्ति का पता लगाने में विफल रहीं.

ऐसे ही इंदौर के महू गांव से पुलिस ने जासूसी के आरोप में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस और एटीएस दोनों महिलाओं से जासूसी गतिविधियों को लेकर पूछताछ कर रही है.

पढ़ेंः प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को बताया जहाज छोड़कर भाग जाने का वाला कैप्टन

हैदराबाद : माधुरी गुप्ता एक भारतीय राजनयिक थीं. माधुरी पर कथित तौर पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. वह इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के मीडिया सेक्शन में दूसरी सेक्रेटरी के तौर पर तैनात थीं.

22 अप्रैल, 2010 को, माधुरी गुप्ता जिनकी उम्र अब पचास साल से ज्यादा की है, भूटान में सार्क शिखर सम्मेलन (SAARC summit) की तैयारी में अपने सहयोगियों की मदद करने के लिए दिल्ली वापस बुलाया गया था. इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो एक अज्ञात जगह पर ले गए और फिर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया.

जमशेद नाम के आईएसआई के संपर्क में थीं

उन पर राजद्रोह और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम ( Official Secrets Act, 1923) के तहत गोपनीय जानकारी हासिल करने का आरोप लगाया गया था. गुप्ता के खिलाफ दाखिल चार्जशीट के अनुसार, वह कथित तौर पर जमशेद नाम के आईएसआई के संपर्क में थीं और उसे संवेदनशील जानकारी भेज रही थीं.

इसके अलावा यूपी के एंटी-टेरर स्क्वाड ने भी ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे. जिसमें एक पूर्व सैनिक और गोधरा की एक महिला शामिल हैं. यह दोनों आर्मी की संवेदनशील जानकारी पड़ोसी मुल्क की इंटेलिजेंस ब्यूरो को साझा कर रहे थे.

महिला जासूसों का इस्तेमाल

कमाल की बात ये है की कभी पुरुषों के द्वारा चलाए जाने वाला पाकिस्तान का इंटेलिजेंस ब्यूरो आईएसआई अब भारतीय पुरुषोंं को रिझाने के लिए महिला जासूसों का इस्तेमाल कर रहा है. यह महिलाएं सोशल मीडिया पर भारतीय पुरुष से जुड़ने के लिए भारतीय नामों को अपना रही हैं. हाल ही के दिनों में ऐसे दो मामले सामने आए हैं. पहला मामला अगस्त 2014 में आया था, जबकि दूसरा मामला नवंबर में आया था. इन मामलों में फिरोजपुर पुलिस ने दो लोगों को छावनी एरिया में जासूसी करने के चलते गिरफ्तार किया था. जब उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि यह जासूस हुसैनवाला स्थित इंडो-पाक चेक-पोस्ट पर दो बार गए थे और वह दोनों भी आईएसआई एजेंट जया मिश्रा के संपर्क में थे. दोनों ने एक आरोपी को हनी-ट्रेप में फसांया था. आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश के भोपाल जिले के 43 वर्षीय शिव नारायण चंद्रवंशी और 35 वर्षीय अर्जुन मालवीय के रूप में हुई है.

फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दो आरोपी जासूस इंटरनेट पर एक महिला आईएसआई एजेंट के नियमित संपर्क में थे, जिसकी पहचान जया मिश्रा के रूप में की गई थी. आईएसआई एजेंट ने पुरुषों से कहा था कि वह लाहौर में एक क्लीनिक चलाती है और काले बिच्छुओं से दवा तैयार कर जनसेवा कर रही है. आरोपी ने महिला को बीटिंग रिट्रीट समारोह में आमंत्रित किया. जानकारी का मिलान करने के बाद, उसने उस पर भरोसा करना शुरू कर दिया.

इससे पहले, पठानकोट पुलिस ने भी 30 अगस्त को जासूसी के आरोप में भारतीय वायु सेना (IAF) के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था. उस पर एक महिला को वायुसेना स्टेशन के बारे में रणनीतिक जानकारी बेचने का आरोप था, जो की एक पाकिस्तानी जासूस थी. यहीं नहीं एक अन्य संदिग्ध महिला जिसका नाम चंदा खान उर्फ ​​फौजिया था, उसको भी 30 जुलाई 2015 को जालंधर से समझौता एक्सप्रेस के कोच से गिरफ्तार कर उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि यह 27 वर्षीय महिला सुरक्षा एजेंसियों को भ्रमित करने की कोशिश करती रही कि उसका पासपोर्ट, वीजा और टिकट उसके मामा राशिद खान (मामू) के पास रह गया था, जो एक रेलवे स्टेशन से गायब हो गया था. हालांकि, एजेंसियां ​​आप्रवासन अधिकारियों से राशिद खान नाम के व्यक्ति का पता लगाने में विफल रहीं.

ऐसे ही इंदौर के महू गांव से पुलिस ने जासूसी के आरोप में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस और एटीएस दोनों महिलाओं से जासूसी गतिविधियों को लेकर पूछताछ कर रही है.

पढ़ेंः प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को बताया जहाज छोड़कर भाग जाने का वाला कैप्टन

Last Updated : May 23, 2021, 11:04 PM IST
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