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Women Reservation : महिला आरक्षण कब से होगा लागू, जानें

महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में चर्चा जारी है. इस बिल को लगभग सभी पार्टियां समर्थन दे रहीं हैं. हां, आरक्षण को लेकर कुछ पार्टियों में मतभेद जरूर हैं.

women reservation
महिला आरक्षण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 20, 2023, 1:47 PM IST

नई दिल्ली : महिला आरक्षण बिल - इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम दिया गया है. महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू हो जाने पर लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. लोकसभा के साथ-साथ विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी. एक बार जब बिल लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो जाएगा और उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाएंगे, तब यह बिल एक्ट बन जाएगा और उसके बाद सरकार इसे लागू करेगी.

  • Several Prime Ministers in the past, from Shri Deve Gowda (1996) to Atal Bihari Vajpayee (1998, 1999, 2002 and then 2003) and finally Dr Manmohan Singh (in 2008 and 2010) moved the Women Reservation Bill but couldn’t muster consensus. Prime Minister Modi has not only laid the… pic.twitter.com/LG40fG1mh4

    — Amit Malviya (@amitmalviya) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एससी और एसटी को आरक्षण अलग से नहीं मिलेगा. यानी रिजर्वेशन के भीतर रिजर्वेशन मिलेगा. एससी और एसटी के लिए जितनी भी सीटें आरक्षित होंगी, उनमें से 33 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. अभी लोकसभा में 84 सीटें एससी समुदाय के लिए और 47 सीटें एसटी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. यानी 84 में से 28 सीटें और 47 में से 16 सीटें रिजर्वर्ड हो जाएंगी. ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं है. कई सांसदों ने उनके लिए भी रिजर्वेशन की मांग की है.

अभी क्या स्थिति है. अभी लोकसभा में 14.94 फीसदी महिला सांसद हैं. राज्यसभा में 14.05 फीसदी महिला सांसद हैं. अब आइए अलग-अलग राज्यों में क्या स्थिति है, एक नजर.

  • जम्मू-कश्मीर में 2.30 फीसदी
  • हिमाचल प्रदेश में 5.88 फीसदी
  • पंजाब में 11.11 फीसदी
  • हरियाणा में 10 फीसदी
  • राजस्थान में 12 फीसदी
  • दिल्ली में 11.43 फीसदी
  • उत्तर प्रदेश में 11.66 फीसदी
  • बिहार में 10.70 फीसदी
  • झारखंड में 12.35 फीसदी
  • मध्य प्रदेश में 9.13 फीसदी
  • छत्तीसगढ़ में 14.44 फीसदी
  • गुजरात में 7.14 फीसदी
  • महाराष्ट्र में 8.33 फीसदी
  • गोवा में 7.5 फीसदी
  • प.बंगाल में 13.70 फीसदी
  • ओडिशा में 8.9 फीसदी
  • तेलंगाना में 5.04 फीसदी
  • कर्नाटक में 3.14 फीसदी
  • आंध्र प्रदेश में 8 फीसदी
  • केरल में 7.86 फीसदी
  • तमिलनाडु में 5.13 फीसदी
  • पुडुचेरी में 3.33 फीसदी
  • सिक्किम में 9.38 फीसदी
  • असम में 4.76 फीसदी
  • अरुणाचल प्रदेश में 5 फीसदी
  • नाागालैंड में 10 फीसदी
  • मणिपुर में 8.33 फीसदी
  • मिजोरम में 0 फीसदी
  • त्रिपुरा में पांच फीसदी
  • मेघालय में 5.08 फीसदी
    • Media reports say Women's reservation would happen in 2029. This is misleading. Actually it may not happen till 2039.
      Most media reports miss the real significance of the delimitation clause.
      Article 82 (amended in 2001) virtually bars delimitation prior to the first census…

      — Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) September 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कब तक बिल होगा लागू- जनगणना के बाद परिसीमन होगा और उसके बाद कानून बनेगा. जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड की वजह से यह नहीं हो सका. अगले साल जनगणना होगी. उसके बाद ही परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी. वैसे, संवैधानिक रूप से 2026 तक परिसीमन पर रोक लगी हुई है. इसलिए महिला आरक्षण का फायदा बहुत जल्द होगा, तो 2029 में हो सकेगा, अगर इस प्रक्रिया में देरी हुई, तो 2034 तक का भी समय लग सकता है.

ये भी पढ़ें : Womens Reservation Bill: भाजपा बिल लेकर आई, तो विपक्ष के पेट में दर्द उठा...संसद में निशिकांत दुबे का तीखा प्रहार

नई दिल्ली : महिला आरक्षण बिल - इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम दिया गया है. महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू हो जाने पर लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. लोकसभा के साथ-साथ विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी. एक बार जब बिल लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो जाएगा और उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाएंगे, तब यह बिल एक्ट बन जाएगा और उसके बाद सरकार इसे लागू करेगी.

  • Several Prime Ministers in the past, from Shri Deve Gowda (1996) to Atal Bihari Vajpayee (1998, 1999, 2002 and then 2003) and finally Dr Manmohan Singh (in 2008 and 2010) moved the Women Reservation Bill but couldn’t muster consensus. Prime Minister Modi has not only laid the… pic.twitter.com/LG40fG1mh4

    — Amit Malviya (@amitmalviya) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एससी और एसटी को आरक्षण अलग से नहीं मिलेगा. यानी रिजर्वेशन के भीतर रिजर्वेशन मिलेगा. एससी और एसटी के लिए जितनी भी सीटें आरक्षित होंगी, उनमें से 33 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. अभी लोकसभा में 84 सीटें एससी समुदाय के लिए और 47 सीटें एसटी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. यानी 84 में से 28 सीटें और 47 में से 16 सीटें रिजर्वर्ड हो जाएंगी. ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं है. कई सांसदों ने उनके लिए भी रिजर्वेशन की मांग की है.

अभी क्या स्थिति है. अभी लोकसभा में 14.94 फीसदी महिला सांसद हैं. राज्यसभा में 14.05 फीसदी महिला सांसद हैं. अब आइए अलग-अलग राज्यों में क्या स्थिति है, एक नजर.

  • जम्मू-कश्मीर में 2.30 फीसदी
  • हिमाचल प्रदेश में 5.88 फीसदी
  • पंजाब में 11.11 फीसदी
  • हरियाणा में 10 फीसदी
  • राजस्थान में 12 फीसदी
  • दिल्ली में 11.43 फीसदी
  • उत्तर प्रदेश में 11.66 फीसदी
  • बिहार में 10.70 फीसदी
  • झारखंड में 12.35 फीसदी
  • मध्य प्रदेश में 9.13 फीसदी
  • छत्तीसगढ़ में 14.44 फीसदी
  • गुजरात में 7.14 फीसदी
  • महाराष्ट्र में 8.33 फीसदी
  • गोवा में 7.5 फीसदी
  • प.बंगाल में 13.70 फीसदी
  • ओडिशा में 8.9 फीसदी
  • तेलंगाना में 5.04 फीसदी
  • कर्नाटक में 3.14 फीसदी
  • आंध्र प्रदेश में 8 फीसदी
  • केरल में 7.86 फीसदी
  • तमिलनाडु में 5.13 फीसदी
  • पुडुचेरी में 3.33 फीसदी
  • सिक्किम में 9.38 फीसदी
  • असम में 4.76 फीसदी
  • अरुणाचल प्रदेश में 5 फीसदी
  • नाागालैंड में 10 फीसदी
  • मणिपुर में 8.33 फीसदी
  • मिजोरम में 0 फीसदी
  • त्रिपुरा में पांच फीसदी
  • मेघालय में 5.08 फीसदी
    • Media reports say Women's reservation would happen in 2029. This is misleading. Actually it may not happen till 2039.
      Most media reports miss the real significance of the delimitation clause.
      Article 82 (amended in 2001) virtually bars delimitation prior to the first census…

      — Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) September 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कब तक बिल होगा लागू- जनगणना के बाद परिसीमन होगा और उसके बाद कानून बनेगा. जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड की वजह से यह नहीं हो सका. अगले साल जनगणना होगी. उसके बाद ही परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी. वैसे, संवैधानिक रूप से 2026 तक परिसीमन पर रोक लगी हुई है. इसलिए महिला आरक्षण का फायदा बहुत जल्द होगा, तो 2029 में हो सकेगा, अगर इस प्रक्रिया में देरी हुई, तो 2034 तक का भी समय लग सकता है.

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