मदुरै: तमिलनाडु में एक महिला और किन्नर पुरुष के जोड़े को जबरन अलग कर दिया गया. महिला के परिवार के एक सदस्य ने सख्ती बरतते हुए दोनों को दूर कर दिया था. इसके बाद किन्नर पुरुष ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने महिला को अपने साथी के साथ रहने की अनुमति दी. परिवार के एक सदस्य ने महिला और किन्नर पुरुष (ट्रांसमैन) के रिश्ते का विरोध किया और जोड़े को अलग कर दिया.
इसके बाद विर्धुनगर के ट्रांसमैन ने मदुरै उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की. उस याचिका में ट्रांसमैन ने उल्लेख किया, 'मुझे डिंडीगुल जिले में रहने वाली लड़की से प्यार हो गया. हम पिछले एक साल से प्यार कर रहे हैं. हमने 7 तारीख को शादी की. इस मामले में महिला के परिवार ने हमारी शादी पर आपत्ति जताई और 16 जुलाई को वे उस घर में घुस गए जहां हम रहते थे. हम दोनों के साथ मारपीट की और महिला का अपहरण कर लिया.
मैंने उसके परिवार वालों से शिकायत की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. वे लड़की का मन बदलने के लिए उसे शॉक ट्रीटमेंट दे रहे हैं. इससे उसकी सेहत पर असर पड़ सकता है. साथ ही उनका कहना है कि वे इस तरह के रिश्ते को स्वीकार नहीं करते हैं. मुझे छोड़ने के लिए उसके भाई ने उसे बुरी तरह पीटा. उसने मुझे धमकी भी दी.'
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इस मामले की सुनवाई 29 जुलाई को जस्टिस पी.एन. प्रकाश और जस्टिस आर. हेमलता की खंडपीठ के समक्ष हुई. दलीलें सुनने के बाद, जस्टिस ने कहा, 'याचिकाकर्ता की गर्ल फ्रेंड 21 साल की है. वह अपने साथी के साथ जाने को तैयार है. इसलिए उसे उसकी इच्छा के अनुसार जाने दिया जाना चाहिए.' अदालत ने यह आदेश देते हुए याचिका का निपटान किया.