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नर्सिंग की परीक्षा देने आई परीक्षार्थी महिला बनी मां और बेटी का नाम रखा 'बैतूल' - राजा भोज कॉलेज बैतूल

उत्तर प्रदेश के आगरा से नर्सिंग की परीक्षा देने आई महिला ने मध्य प्रदेश के बैतूल जिला अस्पताल में बेटी तो जन्म दिया, बेटी की खुशी में मां ने उसका नाम 'बैतूल' रख दिया.

कुसमा
कुसमा
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Published : Feb 26, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 3:25 PM IST

बैतूल : बैतूल में उत्तर प्रदेश के आगरा से नर्सिंग की परीक्षा देने आई महिला को दो परीक्षा से गुजरना पड़ा. नर्सिंग की परीक्षा देने के दौरान ही जब डिलीवरी पेन शुरू हुआ तो 18 फरवरी को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया.

जहां उसने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया. बैतूल के जिला अस्पताल में उनकी बेटी की किलकारी पहली बार गूंजी, इसलिए उन्होंने बैतूल को हमेशा याद रखने के लिए अपनी बेटी का नाम इसी शहर के नाम पर रख दिया.

वह 17 फरवरी को सुबह आगरा से ट्रेन में सवार होकर वह बैतूल पहुंची थीं. नर्सिंग की परीक्षा राजा भोज कॉलेज बैतूल में देने के बाद 18 फरवरी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोपहर 2.55 पर स्वस्थ बालिका ने जन्म लिया.

नर्स बनने का जुनून
बेटी को जन्म देने के बाद महिला ने 19 एवं 20 फरवरी को निर्सिंग की परीक्षा दी और 24 फरवरी को प्रायोगिक परीक्षा देने के बाद गुरुवार 25 फरवरी को अपनी बेटी को लेकर घर रवाना हुईं.

आगरा से परीक्षा देने आई महिला ने दिया बेटी को जन्म

आगरा के मालपुरा में रहने वाली कुसमा के पति मनोज बघेल ने बताया कि उसके पति दूध की दुकान लगाते हैं और वह भी परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए नर्स बनना चाहती है.

कुसमा का कहना है कि जिला अस्पताल में इतना सहयोग मिला कि परिवार की कमी महसूस नहीं हुई. इसलिए यह शहर उन्हें हमेशा याद रहेगा. अपनी बेटी का नाम बैतूल भी उन्होंने इसलिए रखा है कि वह चाहकर भी इस शहर को न भूले.

दूसरी परीक्षा से पहले शुरू हुआ डिलीवरी पेन

कुसमा के साथ आईं उनकी बहन कविता का कहना है कि आगरा में एक निजी नर्सिंग कालेज में कुसमा नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हैं. परीक्षा देने के लिए उन्हें बैतूल का केंद्र मिला था. इस कारण से वे उसके साथ बैतूल पहुंची और एक हॉस्टल में ठहरीं थीं.

पहले दिन तो परीक्षा दे दी, लेकिन जब दूसरे दिन परीक्षा देने जा रहे थे तभी प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. तत्काल ही उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां भर्ती कर लिया गया.

बेटी के जन्म के अगले दिन ही दी परीक्षा

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा का कहना है कि डिलीवरी डेट से पहले ही महिला ने बेटी को जन्म दिया इसलिए बच्चे को एसएनसीयू में रखा गया.

पढ़ें- ईशानी को 22 करोड़ के इंजेक्शन की दरकार, पीएम से मदद की गुहार

महिला परीक्षा देने के लिए उत्साहित थी. प्रसव के दूसरे दिन भी उसने पेपर दिया. बेटी का नाम बैतूल रखा. इसको लेकर पूरा जिला चिकित्सालय अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

बैतूल : बैतूल में उत्तर प्रदेश के आगरा से नर्सिंग की परीक्षा देने आई महिला को दो परीक्षा से गुजरना पड़ा. नर्सिंग की परीक्षा देने के दौरान ही जब डिलीवरी पेन शुरू हुआ तो 18 फरवरी को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया.

जहां उसने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया. बैतूल के जिला अस्पताल में उनकी बेटी की किलकारी पहली बार गूंजी, इसलिए उन्होंने बैतूल को हमेशा याद रखने के लिए अपनी बेटी का नाम इसी शहर के नाम पर रख दिया.

वह 17 फरवरी को सुबह आगरा से ट्रेन में सवार होकर वह बैतूल पहुंची थीं. नर्सिंग की परीक्षा राजा भोज कॉलेज बैतूल में देने के बाद 18 फरवरी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोपहर 2.55 पर स्वस्थ बालिका ने जन्म लिया.

नर्स बनने का जुनून
बेटी को जन्म देने के बाद महिला ने 19 एवं 20 फरवरी को निर्सिंग की परीक्षा दी और 24 फरवरी को प्रायोगिक परीक्षा देने के बाद गुरुवार 25 फरवरी को अपनी बेटी को लेकर घर रवाना हुईं.

आगरा से परीक्षा देने आई महिला ने दिया बेटी को जन्म

आगरा के मालपुरा में रहने वाली कुसमा के पति मनोज बघेल ने बताया कि उसके पति दूध की दुकान लगाते हैं और वह भी परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए नर्स बनना चाहती है.

कुसमा का कहना है कि जिला अस्पताल में इतना सहयोग मिला कि परिवार की कमी महसूस नहीं हुई. इसलिए यह शहर उन्हें हमेशा याद रहेगा. अपनी बेटी का नाम बैतूल भी उन्होंने इसलिए रखा है कि वह चाहकर भी इस शहर को न भूले.

दूसरी परीक्षा से पहले शुरू हुआ डिलीवरी पेन

कुसमा के साथ आईं उनकी बहन कविता का कहना है कि आगरा में एक निजी नर्सिंग कालेज में कुसमा नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हैं. परीक्षा देने के लिए उन्हें बैतूल का केंद्र मिला था. इस कारण से वे उसके साथ बैतूल पहुंची और एक हॉस्टल में ठहरीं थीं.

पहले दिन तो परीक्षा दे दी, लेकिन जब दूसरे दिन परीक्षा देने जा रहे थे तभी प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. तत्काल ही उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां भर्ती कर लिया गया.

बेटी के जन्म के अगले दिन ही दी परीक्षा

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा का कहना है कि डिलीवरी डेट से पहले ही महिला ने बेटी को जन्म दिया इसलिए बच्चे को एसएनसीयू में रखा गया.

पढ़ें- ईशानी को 22 करोड़ के इंजेक्शन की दरकार, पीएम से मदद की गुहार

महिला परीक्षा देने के लिए उत्साहित थी. प्रसव के दूसरे दिन भी उसने पेपर दिया. बेटी का नाम बैतूल रखा. इसको लेकर पूरा जिला चिकित्सालय अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

Last Updated : Feb 26, 2021, 3:25 PM IST
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