राजगढ़ : भारत इस बार हीरक जयंती (Diamond jubilee) मनाने जा रहा है. इन 75 सालों में भारत ने कई तरह की त्रासदियां झेलीं और उनसे उबरा. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो इस क्षेत्र में निराशा ही हाथ लगती है. हालात यह है कि आज भी लोगों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. 21वीं सदी के डिजिटल युग में भी स्वास्थ्य सिस्टम 'बीमार' है. यह हम नहीं कह रहे, जो तस्वीर सामने आई है वह खुद बीमार व्यवस्था की तस्दीक कर रही है. आए दिन हमें कुछ ऐसी तस्वीरें उत्तराखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से देखने को मिल जाती हैं, जो यह बताती हैं कि आजादी मिलने के 75 साल बाद भी स्वास्थ्य व्यवस्था की बीमारी का इलाज नहीं हो सका है.
मध्य प्रदेश के राजगढ़ से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जो आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी की स्वास्थ्य सिस्टम का क्या हाल है. वैसे कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई सबके सामने आ चुकी है.
बारिश से सभी नदी-नाले उफान पर
बता दें कि राजगढ़ जिले में भारी बारिश से सभी नदी-नाले उफान पर हैं, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. दरअसल, राजगढ़ के सुठालिया में एक गर्भवती को बारिश के कारण अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका. लिहाजा उसकी डिलीवरी ऑटो में ही बीच सड़क पर करानी पड़ी. सुठालिया क्षेत्र को अस्पताल से जोड़ने वाली पुलिया के ऊपर से पानी आने के कारण ऑटो अस्पताल तक नहीं पहुंच सका. मामले की जानकारी मिलने के बाद महिला सब-इंस्पेक्टर दो नर्सों को लेकर मौके पर पहुंचीं. जिनकी मदद से प्रसव कराया जा सका.
SI की मदद से ऑटो में डिलीवरी
गुरुवार को एक महिला को डिलीवरी के लिए ऑटो से ब्यावरा अस्पताल ले जाया जा रहा था. लेकिन अस्पताल जाने वाले रास्ते पर बनी पुलिया पानी से भरी हुई थी. जिस वजह से ऑटो पार नहीं कर सका. महिला दर्द से कराह रही थी. स्थानीय लोगों ने सुठालिया थाने में पदस्थ महिला सब इंस्पेक्टर अरुंधति राजावत को जानकारी दी तो वह अपनी साथी आरक्षक इतिश्री के साथ मौके पर पहुंचीं.
महिला पुलिसकर्मियों द्वारा अस्पताल स्टाफ को बुलाया गया, जिनके साथ मिलकर महिला की डिलीवरी ऑटो में ही कराई गई. महिला की डिलीवरी होने में काफी देर हो गई थी. हालांकि, महिला और उसका बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
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