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ऑक्सीजन की कमी से मौत, तो कहीं मां ने की बेटे संग आत्महत्या

काेराेना ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. काेराेना की वजह से कर्नाटक और झारखंड से कुछ ऐसी ही हृदय विदारक घटनाएं सामने आई हैं. दरअसल, बेंगलुरु में काेराेना से पति और सास की माैत से दुखी महिला ने बेटे के साथ आत्महत्या कर ली है. वहीं दूसरी तरफ झारखंड के गढ़वा में ऑक्सीजन की कमी से एक मरीज की माैत हाे गई व एक ने आत्महत्या कर ली. पढ़ें ईटीवी भारत की रिपोर्ट....

काेराेना
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Published : Apr 19, 2021, 3:20 PM IST

बेंगलुरु/गढ़वा : देश में काेराेना मामलाें में तेजी से इजाफा हाे रहा है. आए दिन मृतकाें और संक्रमिताें की संख्या में बढ़ती जा रही है. लगभग देश के सभी राज्याें में स्थिति समान देखी जा रही है. अस्पतालाें में काेराेना के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं हाेने के आराेप लगाए जा रहे हैं. देश के कर्नाटक और झारखंड से काेराेना काे लेकर कुछ ऐसी खबरें सामने आईं हैं.

बेंगलुरु ग्रामीण में कोरोना ने जैसे एक परिवार काे समाप्त ही कर दिया यह कहना गलत नहीं हाेगा. वर्ष 2020 में काेराेना की वजह से पति और सास की माैत हो गई थी. इससे दुखी महिला ने अपने बेटे के साथ ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतकाें की पहचान रेखा (40) और मनोज (22) के रूप में हुई है. वे बेंगलुरु उत्तर तालुक के हेसरघट्टा रोड के सोमशेट्टीहल्ली के रहने वाले थे.

रेखा के पति शिवराज काे पिछले साल अक्टूबर में काेराेना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 20 अक्टूबर काे उसकी माैत हाे गई. वहीं उसकी सास शिवमबिका की भी काेराेना की वजह से 29 अक्टूबर काे माैत हाे गई थी. दाेनाें की माैत से रेखा और उसका बेटा मनाेज बहुत दुखी थे.

जानकारी के अनुसार, शिवकुमार ठेकेदार था और उसका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत था, उसने अपने बेटे मनाेज के नाम से एक अपार्टमेंट भी बनवाया था.

वहीं दूसरी तरफ इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर ने झारखंड के गढ़वा को पूरी तरह से अपने गिरफ्त में ले लिया है. गढ़वा कोविड हॉस्पिटल में इलाज के लिए तड़प रहे एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं एक अन्य मरीज की मौत हो गई. परिजनों ने मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी बताई जा रही है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना इफेक्टः रिम्स ओपीडी अगले आदेश तक बंद, सिर्फ इमरजेंसी में होगा मरीजों का इलाज

बता दें कि 18 अप्रैल को मझिआंव प्रखंड के केरकेट्टा गांव के 39 वर्षीय नीरज उपाध्याय को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. सोमवार को कोविड हॉस्पिटल में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं उसी हॉस्पिटल में भर्ती मेराल प्रखंड के देवगाना गांव के 46 वर्षीय शिवचंद विश्वकर्मा की मौत हो गई. परिजनों ने आराेप लगाया है कि उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. काफी आग्रह के बाद भी उसे ऑक्सीजन नहीं लगाया गया था.

कस्तूरबा विद्यालय की 10 छात्राएं पॉजिटिव
रंका कस्तूरबा आवासीय स्कूल की 10 छात्राएं कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं. स्कूल के 55 छात्राओं का कोरोना टेस्ट कराया गया था. जिसमें 10 पॉजिटिव पाई गई हैं. सभी पॉजिटिव छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है.

इलाज करने वालों पर कोरोना का अटैक
कोविड हॉस्पिटल में इलाज करने वाले और कोविड से संबंधित कार्य में लगे कई डॉक्टर, कर्मचारी और नर्स कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. डॉ वीरेंद्र कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ दीपक सिन्हा, कर्मी संतोष मिश्रा, अरविंद द्विवेदी सहित कई स्वास्थ्य कर्मचारी और नर्स कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कोविड पॉजिटिव डीपीएम प्रवीण सिंह का इलाज रांची में चल रहा है.

परिजनों का हंगामा
गढ़वा कोविड हॉस्पिटल की व्यवस्था से खिन्न परिजन आए दिन हंगामा कर रहे हैं. एक दिन पूर्व अस्पताल के एक कर्मचारी के परिजन की मौत कोरोना से हो गई थी. इसे लेकर मृतक के परिजनों ने जमकर बवाल किया और स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ मारपीट की. चिकित्सकों को गालियां दी. उनका आरोप था कि उनके परिजन को कोरोना नहीं था, फिर भी कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई.

कोविड पॉजिटिव का आंकड़ा 400 पार
गढ़वा जिले में कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में अब तक 400 से अधिक लोग आ चुके हैं, जबकि कोरोना से अब तक जिले में 19 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला मुख्यालय सहित सारे कोविड हॉस्पिटल के बेड मरीजों से भरे पड़े हैं. ऑक्सीजन और मानव संसाधन की कमी एक अलग समस्या बन चुकी है.

नहीं है जांच की समुचित व्यवस्था
कोरोना जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में भीड़ उमड़ रही है. लेकिन जांच की समुचित व्यवस्था का अभाव है. जांच की सबसे सटीक व्यवस्था आरटीपीसीआर (रांची) के लिए सर्वाधिक कलेक्शन लिए जा रहे हैं. लेकिन उसकी रिपोर्ट समय से प्राप्त नहीं हो पा रही है. सदर अस्पताल में त्रुनेट लैब की क्षमता कम है. जबकि एंटीजन टेस्ट के लिए किट कम पड़ रहे हैं.

बेंगलुरु/गढ़वा : देश में काेराेना मामलाें में तेजी से इजाफा हाे रहा है. आए दिन मृतकाें और संक्रमिताें की संख्या में बढ़ती जा रही है. लगभग देश के सभी राज्याें में स्थिति समान देखी जा रही है. अस्पतालाें में काेराेना के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं हाेने के आराेप लगाए जा रहे हैं. देश के कर्नाटक और झारखंड से काेराेना काे लेकर कुछ ऐसी खबरें सामने आईं हैं.

बेंगलुरु ग्रामीण में कोरोना ने जैसे एक परिवार काे समाप्त ही कर दिया यह कहना गलत नहीं हाेगा. वर्ष 2020 में काेराेना की वजह से पति और सास की माैत हो गई थी. इससे दुखी महिला ने अपने बेटे के साथ ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतकाें की पहचान रेखा (40) और मनोज (22) के रूप में हुई है. वे बेंगलुरु उत्तर तालुक के हेसरघट्टा रोड के सोमशेट्टीहल्ली के रहने वाले थे.

रेखा के पति शिवराज काे पिछले साल अक्टूबर में काेराेना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 20 अक्टूबर काे उसकी माैत हाे गई. वहीं उसकी सास शिवमबिका की भी काेराेना की वजह से 29 अक्टूबर काे माैत हाे गई थी. दाेनाें की माैत से रेखा और उसका बेटा मनाेज बहुत दुखी थे.

जानकारी के अनुसार, शिवकुमार ठेकेदार था और उसका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत था, उसने अपने बेटे मनाेज के नाम से एक अपार्टमेंट भी बनवाया था.

वहीं दूसरी तरफ इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर ने झारखंड के गढ़वा को पूरी तरह से अपने गिरफ्त में ले लिया है. गढ़वा कोविड हॉस्पिटल में इलाज के लिए तड़प रहे एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं एक अन्य मरीज की मौत हो गई. परिजनों ने मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी बताई जा रही है.

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बता दें कि 18 अप्रैल को मझिआंव प्रखंड के केरकेट्टा गांव के 39 वर्षीय नीरज उपाध्याय को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. सोमवार को कोविड हॉस्पिटल में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं उसी हॉस्पिटल में भर्ती मेराल प्रखंड के देवगाना गांव के 46 वर्षीय शिवचंद विश्वकर्मा की मौत हो गई. परिजनों ने आराेप लगाया है कि उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. काफी आग्रह के बाद भी उसे ऑक्सीजन नहीं लगाया गया था.

कस्तूरबा विद्यालय की 10 छात्राएं पॉजिटिव
रंका कस्तूरबा आवासीय स्कूल की 10 छात्राएं कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं. स्कूल के 55 छात्राओं का कोरोना टेस्ट कराया गया था. जिसमें 10 पॉजिटिव पाई गई हैं. सभी पॉजिटिव छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है.

इलाज करने वालों पर कोरोना का अटैक
कोविड हॉस्पिटल में इलाज करने वाले और कोविड से संबंधित कार्य में लगे कई डॉक्टर, कर्मचारी और नर्स कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. डॉ वीरेंद्र कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ दीपक सिन्हा, कर्मी संतोष मिश्रा, अरविंद द्विवेदी सहित कई स्वास्थ्य कर्मचारी और नर्स कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कोविड पॉजिटिव डीपीएम प्रवीण सिंह का इलाज रांची में चल रहा है.

परिजनों का हंगामा
गढ़वा कोविड हॉस्पिटल की व्यवस्था से खिन्न परिजन आए दिन हंगामा कर रहे हैं. एक दिन पूर्व अस्पताल के एक कर्मचारी के परिजन की मौत कोरोना से हो गई थी. इसे लेकर मृतक के परिजनों ने जमकर बवाल किया और स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ मारपीट की. चिकित्सकों को गालियां दी. उनका आरोप था कि उनके परिजन को कोरोना नहीं था, फिर भी कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई.

कोविड पॉजिटिव का आंकड़ा 400 पार
गढ़वा जिले में कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में अब तक 400 से अधिक लोग आ चुके हैं, जबकि कोरोना से अब तक जिले में 19 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला मुख्यालय सहित सारे कोविड हॉस्पिटल के बेड मरीजों से भरे पड़े हैं. ऑक्सीजन और मानव संसाधन की कमी एक अलग समस्या बन चुकी है.

नहीं है जांच की समुचित व्यवस्था
कोरोना जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में भीड़ उमड़ रही है. लेकिन जांच की समुचित व्यवस्था का अभाव है. जांच की सबसे सटीक व्यवस्था आरटीपीसीआर (रांची) के लिए सर्वाधिक कलेक्शन लिए जा रहे हैं. लेकिन उसकी रिपोर्ट समय से प्राप्त नहीं हो पा रही है. सदर अस्पताल में त्रुनेट लैब की क्षमता कम है. जबकि एंटीजन टेस्ट के लिए किट कम पड़ रहे हैं.

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